Officers did not attend the district panchayat meeting | जिला पंचायत की बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी: अध्यक्ष-विधायक और सदस्यों का हंगामा, मीटिंग का किया बहिष्कार – Barwani News

करीब दो महीने बाद आयोजित की गई जिला पंचायत की बैठक अधिकारियों के नहीं पहुंचने के कारण हंगामे की भेंट चढ़ गई। करीब आधे घंटे तक जिला पंचायत परिसर में भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष बलवंतसिंह पटेल, कांग्रेस विधायक राजन मंडलोई और जिला पंचायत सदस्य अधिकारियों क

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साथ ही जिला पंचायत के गेट पर सभी लोग धरने पर बैठ गए। इसके बाद अध्यक्ष, विधायक और सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।

बैठक में अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचे। जिससे जिप सदस्यों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया।

बैठक में अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचे। जिससे जिप सदस्यों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया।

जिला पंचायत अध्यक्ष बोले- अधिकारी कर रहे मनमानी

जिला पंचायत अध्यक्ष बलवंतसिंह पटेल ने बताया कि आज जिला पंचायत की बैठक थी। इसमें जिन मुद्दों पर हमें चर्चा करना थी, जो पालक प्रतिवेदन होता है. उससे संबंधित अधिकारी उक्त बैठक में उपस्थित नहीं थे। तो इस बैठक का औचित्य क्या है? बैठक में अधिकारी ही नहीं रहेंगे तो हम किसके सामने क्षेत्र की समस्या के समाधान को लेकर चर्चा करेंगे।

इसी कारण हमने जिला पंचायत की बैठक का बहिष्कार कर दिया है। अधिकारी-कर्मचारी जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं करते हैं। कई अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। वो किसी की सुनते नहीं है। जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है।

अब हम लोग अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लेकर आएंगे। जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी इसकी शिकायत की जाएगी।

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। इससे विकास कार्य अटके पड़े हैं।

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। इससे विकास कार्य अटके पड़े हैं।

विधायक ने कहा- अधिकारी-कर्मचारी जनप्रतिनिधियों का महत्व नहीं समझते

विधायक राजन मंडलोई ने बताया कि आज जिला पंचायत की महत्वपूर्ण बैठक रखी गई थी। जिसमें हमारे क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में घूमते हैं और लोगों की समस्याओं को लेकर जिला पंचायत की बैठक में अधिकारियों को बताते हैं और उनके समाधान को लेकर चर्चा करते हैं।

मगर, यहां जिला पंचायत की बैठक पर अधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं तो हम लोग ग्रामीण लोगों की समस्या का समाधान कैसे निकालेंगे? अधिकारी-कर्मचारियों ने बड़वानी को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। अधिकारी-कर्मचारी जनप्रतिनिधियों का महत्व नहीं समझ रहे हैं। जनप्रतिनिधि जो भी सवाल जवाब करते हैं। उनका जवाब भी यह नहीं दे पाते हैं तो ऐसी बैठकों का औचित्य क्या है?

जानिए क्या था मामला

जिला पंचायत के किए जाने वाले विकास कार्यों को लेकर हर माह में बैठक आयोजित की जाती है। लेकिन इस बार दो महीने बीत गए। तय समयानुसार बुधवार को दोपहर 12 बजे सामान्य प्रशासन विभाग की बैठक बुलाई गई थी। जिला पंचायत के अध्यक्ष क्षेत्र के विधायक और सदस्य समय पर पहुंच गए थे। लेकिन कई विभागों के अधिकारी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। जिससे मामला बिगड़ गया और अध्यक्ष-सदस्यों ने इस बैठक का बहिष्कार करते हुए हंगामा किया।

जिला पंचायत की बैठक में इन मुद्दों पर होनी थी चर्चा

बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएचई, उद्यानिकी, कृषि, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, प्रधानमंत्री सड़क योजना, पीडब्ल्यूडी, आदिम जाति कल्याण, वन, महिला और बाल विकास, मत्योद्योग, पशु चिकित्सा सेवाएं, पंजीयन सहकारी सेवाएं, उप पंजीयक सहकारी समिति, खेल समेत जिपं के अंतर्गत मनरेगा, जल जीवन मिशन, स्वच्छता मिशन, मध्याह्न भोजन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जलगंगा अभियान, पौधारोपण अभियान समेत अन्य विषयों पर चर्चा होनी थी।

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