भुवनेश्वर5 मिनट पहले
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उदित प्रधान वर्तमान में कांग्रस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स विंग ऑफ इंडिया के ओडिशा में प्रदेश अध्यक्ष हैं।
ओडिशा पुलिस ने रविवार को बलात्कार के आरोप में कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI के प्रदेश अध्यक्ष उदित प्रधान को गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारी 19 साल की पीड़ित छात्रा की शिकायत पर की गई है।
छात्रा ने घटना के रविवार को मंचेश्वर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि 18 मार्च को उदित प्रधान ने उसे डिनर के लिए बुलाया था, जहां उसे एक कोल्ड ड्रिंक दिया गया। पीड़िता का दावा है कि उस ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिलाया गया था। इसके बाद आरोपी उसे एक होटल के कमरे में ले गया और दुष्कर्म किया।
ओडिशा पुलिस का कहना है कि मामले की तहकीकात की जा रही है। साथ ही मेडिकल रिपोर्ट तथा अन्य सबूतों की जांच भी की जा रही है। वहीं, भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस से सवाल पूछा कि वह कब तक अपने नेताओं को कब तक बचाती रहेंगी?

उदित प्रधान फकीर मोहन कॉलेज में छात्रा के आत्मदाह के मामले में ओडिशा सरकार के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे।
भाजपा बोली- कांग्रेस की चुप्पी भी एक तरह से अपराध में साथ देने जैसा है
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि यह बहुत शर्मनाक है, लेकिन अब चौंकाने वाली बात नहीं रही। इससे पहले बालासोर की पीड़िता की आत्महत्या का मामला सामने आया था, जिसमें बीजेडी और कांग्रेस के छात्र नेताओं पर लड़की की बदनामी करने का आरोप था। मालवीय ने पूछा कि,

सवाल यह है कि आखिर ये पार्टियां अपने नेताओं को कब तक बचाती रहेंगी? कितनी और बेटियों को तकलीफ झेलनी पड़ेगी, तब जाकर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की चुप्पी भी एक तरह से अपराध में साथ देने जैसा है। अब समय आ गया है कि ऐसे मामलों में सच्चाई सामने लाई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
12 जुलाई- छात्रा ने आत्मदाह किया, आरोपी अरेस्ट

छात्रा सेक्शुअल हैरेसमेंट से परेशान थी, कोई सुनवाई न होने पर उसने खुद को आग लगा ली थी।
- छात्रा फकीर मोहन कॉलेज में इंटीग्रेटेड BEd कोर्स में सेकेंड ईयर की स्टूडेंट थी। उसने 12 जुलाई को हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HoD) के सेक्शुअल हैरेसमेंट से परेशान होकर कॉलेज कैंपस में खुद पर केरोसीन छिड़ककर आग लगा ली थी।
- घटना से पहले वह प्रिंसिपल के पास गई थी, लेकिन प्रिंसिपल ने उसे अपनी शिकायत वापस लेने को कहा था। इसके बाद उसने आत्मदाह कर लिया था। छात्रा को पहले बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से डॉक्टरों ने AIIMS भुवनेश्वर रेफर कर दिया था।
- ओडिशा पुलिस ने 12 जुलाई को ही आरोपी HoD समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया था। राज्य सरकार ने कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को सस्पेंड किया था। हालांकि, राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन के बीच 14 जुलाई को पुलिस ने प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार कर लिया।
- छात्रा 95 फीसदी से ज्यादा जल चुकी थी। उसने 14 जुलाई की देर रात भुवनेश्वर AIIMS में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
छात्रा की दोस्त का दावा- BJD-NSUI ने अपराजिता पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला
एक रिपोर्ट के मुताबिक 1 जुलाई की एक चिट्ठी में 71 छात्रों ने अपराजिता को कॉलेज से सस्पेंड करने की मांग की थी। आरोप है कि ये छात्र आरोपी BEd विभाग के HoD प्रो. समीर रंजन साहू के प्रभाव में थे। पत्र में अपराजिता के आरोपों को झूठा बताया गया और उनके समर्थकों पर भी कार्रवाई की मांग की गई थी।
मृतक छात्रा की दोस्त ने भी आरोप लगाया कि BJD और कांग्रेस की स्टूडेंट यूनिट ने अपराजिता पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला था।

17 जुलाई: कांग्रेस सहित 8 पार्टियों का प्रदर्शन
ओडिशा में सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकार छात्रा की मौत को लेकर विपक्ष ने 17 जुलाई को ओडिशा बंद बुलाया था। प्रदर्शनकारियों ने भद्रक में ट्रेन को रोका था। भुवनेश्वर में बसों का चक्काजाम किया गया था।
भद्रक जिले के चेन्नई-कोलकाता हाईवे पर टायर जलाए गए थे, जिसके चलते ट्रकों की लंबी कतार लग गई थी। मयूरभंज में भी लोग सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे थे
कांग्रेस सहित 8 विपक्षी पार्टियां इस प्रदर्शन में शामिल हुईं थीं। इनमें बीजू जनता दल, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी CPI(M), सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (SUCI) के नेता-कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में नजर आए थे। पूरी खबर पढ़ें…

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने ओडिशा कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार लल्लू को हिरासत में ले लिया था।
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बालासोर हैरेसमेंट केस पर दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ें…
प्रोफेसर सेक्शुअली हैरेस करते थे, प्रिंसिपल बोले-सबूत लेकर आओ’: ओडिशा स्टूडेंट सुसाइड केस, पिता बोले-क्लास में बेइज्जती करते थे HoD

विक्टिम ने कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष से लेकर इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) तक सभी से मामले की शिकायत भी की। पिता का आरोप है कि कॉलेज ने हर बार शिकायत को नजरअंदाज कर दिया। प्रोफेसर समीर और प्रिंसिपल दिलीप ने ही अपराजिता को जान देने के लिए मजबूर किया। पूरी खबर पढ़ें…