nri matrimonial investigation by detectives in gujarat | गुजरात में शादियों के लिए जासूसी का ट्रेंड बढ़ा: NRI लड़का बाल-बाल बचा, लड़की शादीशुदा निकली, जासूसों ने बताए और चौंकाने वाले किस्से

अहमदाबाद18 घंटे पहलेलेखक: कमल परमार

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जब भी शादी की बात आती है तो माता-पिता के लिए सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि उनके बेटे या बेटी का लाइफ पार्टनर कैसा होगा। यह चिंता तब और भी बढ़ जाती है जब लड़का या लड़की विदेश से हों। इसी के चलते पैरेंट्स जासूसों का सहारा ले रहे हैं।

गुजरातियों में यह ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। लोग लड़के-लड़कियों के बारे में जानने के लिए जासूसी एजेंसियों की मदद ले रहे हैं। दिव्य भास्कर की टीम ने एएमएक्स डिटेक्टिव के चेयरमैन बलदेव पुरी और द नेशनल डिटेक्टिव सर्विस के मालिक शिव शाह से बात की। जानिए ऐसे 4 केस के बारे में…

केस 1: छोटे बेटे की जासूसी में बड़े भाई के होश उड़े

गुजरात में रहने वाले माता-पिता और उसका बड़ा बेटा अपने छोटे भाई की शादी करना चाहते थे। परिवार वाले उसे कई लड़कियों की फोटो दिखा चुके थे, लेकिन वह हर यही कहता कि मुझे यह लड़की पसंद नहीं। यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा। बेटा शादी क्यों नहीं कर रहा, यह पता करने के लिए माता-पिता और बड़े भाई ने जासूसी एजेंसी से कॉन्टैक्ट किया।

जासूस लड़के के पीछे लग गए। एक हफ्ते की जासूसी के दौरान देखा गया कि लड़का हफ्ते में तीन-चार बार एक खूबसूरसत महिला के साथ एक होटल में जाया करता था। जासूसों को लगा कि लड़के का उस महिला से अफेयर है। इसी के चलते वह शादी के लिए घर में आनाकानी कर देता है।

जासूसों ने फिर से एक हफ्ते तक जासूसी कि और इससे तय हो गया कि लड़का हर बार उसी लड़की के साथ ही होटल जाता था। जासूसों ने दोनों की फोटो खींची और फिर लड़के के पैरेंट्स और उसके बड़े भाई को दोनों की फोटो दिखाई। और कहा कि आपके छोटे बेटे के इस लड़की के साथ संबंध हैं। फोटो देखते ही माता-पिता और उसके बड़े भाई के होश उड़ गए। क्योंकि, फोटो में दिखाई दे रही लड़की बड़े बेटे की बीवी थी। यानी कि लड़के के भाभी के साथ ही रिश्ते थे।

केस 2: NRI लड़का बाल-बाल बचा

कनाडा में रहने वाले एक लड़के की अहमदाबाद में रहने वाली एक लड़की से सगाई होनी थी, लेकिन किसी वजह से लड़के को शक हुआ। उसने एक जासूसी एजेंसी से कॉन्टेक्ट किया। जांच में पता चला कि लड़की ने जिन लोगों को अपना माता-पिता बताया था, वे असल में उसके माता-पिता नहीं थे। लड़की ने अपने भाई का जो नाम बताया था वह भी गलत था। यहां तक की लड़की का पता भी गलत था।

जब जासूस लड़की के बताए पते पर जांच करने पहुंचे, तो वहां एक बुज़ुर्ग दंपत्ति रहता था। इसके बाद, जासूसों ने लड़की का पता हासिल कर उसकी जांच की तो पता चला कि लड़की शादीशुदा थी और अपने वैवाहिक जीवन से बहुत खुश भी थी।

इस मामले में जब और आगे जांच की गई तो पता चला कि सायबर फ्रॉड उस लड़की के नाम का इस्तेमाल करके विदेशी लड़के से धोखाधड़ी करने की फिराक में थे। जालसाजों ने इंटरनेट के जरिए जानकारी हासिल की थी। इतना ही नहीं, जासूसी से पहले लड़का उस लड़की के पते पर लाखों के तोहफे भी भेज चुका था।

केस 3: जासूसी में पता चली पत्नी की हकीकत

एक परिवार अमेरिका से गुजरात आया और अपने बेटे की शादी गुजराती लड़की से करवा दी। वीजा की प्रोसेस के 3-4 महीनों के बाद अब वे अमेरिका वापस जाने वाले थे। लेकिन इस बीच, लड़की का लड़के से व्यवहार बदल गया। जब भी लड़का उसे कहीं घुमाने-फिराने ले जाने की बात करता तो वह बहाना बना देती। इससे लड़के को उस पर शक हो गया और उसने जासूसी एजेंसी से कॉन्टेक्ट किया।

जासूसों की टीम लड़की की पीछे लग गई। पता चला कि लड़की के शादी के पहले से ही एक लड़के से संबंध थे। सबूत के तौर पर तस्वीरें और वीडियो इकट्ठा कर लड़के को दिए गए। क्लाइंट की काउंसलिंग में पता चला कि लड़की ने अपने माता-पिता के दबाव में शादी की थी।

केस 4: बर्बाद होने से बाल-बाल बची गुजराती लड़की

कनाडा में रहने वाले एक लड़के की गुजरात में रहने वाली एक लड़की से सगाई होने वाली थी। लड़के ने लड़की और उसके परिवार को बताया था कि वह कनाडा में एक पेट्रोल पंप का मालिक है। लड़की के परिवार ने लड़के के बारे में जानने के लिए जासूसी एजेंसी से कॉन्टेक्ट किया।

जासूसों ने विदेशी जासूसों की मदद से लड़के के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला कि उसके पास कोई पेट्रोल पंप नहीं था। बल्कि, वह ज्यादातर समय शराब के नशे में ही डूबा रहता था। वह शादी कर लड़की से उसकी प्रॉपर्टी हड़पना चाहता था।

बलदेव पुरी ने बताया- मैं पिछले 38 सालों से इस क्षेत्र से जुड़ा हूं, लेकिन 2002 से मैंने वैवाहिक मामलों के केसों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है। क्योंकि पिछले 10 सालों में वैवाहिक मामलों में जासूसी का चलन बहुत बढ़ गया है। पहले यह गुजरात के बड़े शहरों तक सीमित था, लेकिन अब यह आम बात हो गई है। खासतौर पर गुजरातियों में विदेशों में बसने का क्रेज बढ़ रहा है। ऐसे में विदेशों में रहने वाले परिवार को बेटे या बेटी की शादी के लिए जासूसी का सहारा लेना ही पड़ता है।

बलदेव पुरी कहते हैं कि विदेश में हो रही शादियों के मामले में ज्यादातर घोटाले ही सामने आते हैं। 10 में से 7 मामले तो ऐसे ही होते हैं, जहां एनआरआाई बेटे या बेटी के बारे में कुछ न कुछ छिपा रहे होते हैं। सिर्फ 3 मामले ही सही होते हैं। पहले ज्यादातर लड़के वाले लड़कियों की जासूसी करवाते थे, लेकिन अब लड़कियां भी लड़कों की जासूसी करवा रही हैं।

अमेरिका और कनाडा से आ रहे हैं ज्यादा मामले शिव शाह ने दिव्य भास्कर को बताया- वैवाहिक मामलों में जासूसी की मामले ज्यादातर अमेरिका, कनाडा, लंदन, ऑस्ट्रेलिया और यूएई में रहने वाले एनआरआई के आते हैं। जब कोई एनआरआई लड़का या लड़की प्रोफाइल चुनता है, तो उसके मन में कई तरह की शंकाएं होती हैं। जिस लड़के या लड़की को उसने चुना है, उसका व्यहार कैसा है? उसका फैमिली बैकग्राउंड कैसा है? कोई मेडिकल प्रॉब्लम तो नहीं है। तलाकशुदा तो नहीं है और किसी से अफेयर या अवैध संबंध तो नहीं हैं।

10 में से 7 मामलों में लड़कियों की हो रही है जांच शिव शाह बताते हैं कि लड़कों के मुकाबले लड़कियों की जांच के मामले ज्यादा होते हैं। यह काम विदेशों में रहने वाले लड़के के परिवार करवाते हैं। क्योंकि, शादी के बाद लड़की को उनके साथ ही रहना है तो वे लड़की के बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं। हालांकि, फ्रॉड और विदेशों में बेटियों से अत्याचार के बढ़ते मामलों के चलते अब गुजरात में रहने वाले परिवार भी विदेशों में रहने वाले लड़के और उसके परिवार की जासूसी करवाने लगे हैं।

जासूसी के लिए 30 से 35 हजार का चार्ज, विदेश का लाखों में शिव शाह ने जासूसी के चार्ज के बारे में बताया कि आमतौर पर देश में जासूसी का खर्च 30 से 35 हजार के बीच होता है। लेकिन जरूरत के अनुसार इसमें बढ़ोतरी भी हो जाती है।

वहीं, जब विदेशों में जासूसी के लिए हमें दो तरह की प्रोसेस से गुजरना होता है। क्योंकि, ज्यादातर मामलों में ऐसा होता है कि परिवार तो भारत में रह रहा होता है, लेकिन उनका बेटा या बेटी विदेश में रह रहे होते हैं। ऐसे में हमें विदेश में रहने वालों लड़के-लड़कियों के साथ उनके परिवार के बारे में जानकारी जुटानी होती है। ऐसे मामलों में जासूसी का चार्ज बढ़ जाता है। इस तरह विदेशों में जासूसी का खर्चा लाखों तक पहुंच जाता है। इसके अलावा जासूसी का चार्ज उस समय की स्थिति के अनुसार भी कम-ज्यादा होता है।

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