सोशल मीडिया से जुटाते हैं सूचना, फिर परिजनों से संपर्क कर देते हैं झांसा
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अब गुमशुदा लोगों का पता बताने के नाम पर भी ठग लोगों को शिकार बना रहे हैं। ऐसे ही मामले छोला मंदिर इलाके में सामने आए हैं। तीन दिन पहले घर से लापता हुए युवक के भाई से 12 हजार रुपए ठग लिए। लापता युवक घर लौटा तब पूरी कहानी खुली। थाना प्रभारी सुरेशचंद्र नागर ने बताया कि दो दिन पहले 21 साल का कृष्ण निवास घर से लापता हो गया था। पुलिस को सूचना देने के साथ परिजनों ने सोशल मीडिया पर उसकी जानकारी शेयर की।
एक दिन पहले कृष्ण के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। बात करने वाला ठग बोला- मैं तुम्हारे भाई का पता बता दूंगा। मेरे खाते में 12 हजार रुपए भेजो। रकम न भेजने पर तुम्हारे भाई को पुलिस के हवाले कर देंगे। घबराहट में भाई ने ठग के खाते में 12 हजार रुपए भेज दिए।
पुलिस की सलाह… ऐसा कॉल आए तो सावधान रहें
लापता युवक खुद लौट आया, पिता की डांट से नाराज था उधर, लापता युवक कृष्ण घर लौट आया। पुलिस को दिए बयान में उसने बताया कि पिता की डांट से नाराज होकर वह नागपुर चला गया था। उसका वहां किसी से कोई संपर्क नहीं हुआ। ठग के नंबर पर पुलिस ने कॉल किया तो ठग ने खुद को एक संगठन का पदाधिकारी बताया। बाद में उसका नंबर बंद आने लगा। अब पुलिस उस नंबर की सीडीआर निकलवा रही है।
परिजनों से कहा- बच्चा मेरे पास है, 5 हजार भेजें तो ट्रेन से भेज दूंगा छोला मंदिर इलाके में दो दिन पहले लापता 12 साल के बच्चे के परिजनों के पास अनजान नंबर से कॉल आया था। बात करने वाले ने खुद को ट्रक ड्राइवर बताया। उसने कहा- वह जम्मू से बोल रहा है और बच्चा उसके साथ है। खाते में 5 हजार रुपए भेजें तो वह बच्चे को ट्रेन से रवाना कर देगा। झांसे में आए परिजनों ने 3 हजार रुपए भेज दिए। लापता नाबालिग शहर में ही घूमता मिला।
सोशल मीडिया पर जानकारी डालना पड़ रहा भारी
- परिजनों के लापता होने पर अक्सर लोग सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर करते हैं।
- ठग, यही जानकारी निकालकर इसका इस्तेमाल ठगी के लिए कर रहे हैं।
- पुलिस की सलाह है कि इस तरह के कॉल करने वालों से सावधान रहें
ठगों के मोबाइल बंद… गुमशुदा लोगों के परिजनों से ठगी करने वालों के मोबाइल बंद हैं। अब तक किसी की लोकेशन ट्रेस नहीं हो सकी है। पुलिस को सीडीआर का इंतजार है। यूपीआई के जरिये जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है, पुलिस उनके बारे में पूरी जानकारी जुटा रही है।