No need for approval from the forest department, but eco-sensitive rules will remain applicable | मोहन कैबिनेट: वन विभाग से मंजूरी की जरूरत नहीं, लेकिन इको सेंसेटिव नियम रहेंगे लागू – Bhopal News


प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी शहरी की 395.931 हेक्टेयर नजूल भूमि को पचमढ़ी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से बाहर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल में यह फैसला लिया गया है। वर्तमान में यह जमीन साडा के नियंत्रण

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अब यहां निजी और जरूरी किस्म के निर्माण हो सकेंगे। पुराने भवनों की मरम्मत कर उनका पर्यटन गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। लेकिन किसी तरह का व्यावसायिक निर्माण, खनन, ध्वनि, जल व वायु प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियां नहीं की जा सकेंगी। सेंचुरी से बाहर होने के बावजूद यह इलाका इको सेंसेटिव जोन में बना रहेगा।

केबिनेट ने यह निर्णय 12 अगस्त 2014 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित केंद्रीय साधिकार समिति की अनुशंसा के आधार पर लिया गया है। इसी आदेश का आधार पर पूर्व में 11 गांवों को सेंचुरी से बाहर किया गया था, इसके साथ ही सेंचुरी की सीमा के भीतर के 28 गांव को एनक्लोजर के रूप में रखने का फैसला लिया गया था।

नए बने 4 जिलों के लिए फूड और नापतौल विभाग के 29 नए पद मंजूर प्रदेश के नए जिलों मऊगंज, मैहर, पांढुर्णा और निवाड़ी में खाद्य एवं नापतौल विभाग के कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए फूड कंट्रोलर, इंस्पेक्टर सहित कुल 29 नए पदों की स्वीकृति दी गई है।

अन्य फैसले : भोपाल में बनेगी सेंट्रलाइज्ड पेंशन प्रोसेसिंग सेल

नक्सल प्रभावित 3 जिलों में विशेष दस्ते नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिलों में एक वर्ष के लिए विशेष सहयोगी पुलिस दस्ते गठित होंगे। 850 पदों की मंजूरी मिली है। स्थानीय ग्रामीण युवाओं की भर्ती होगी, जिन्हें 25,000 रुपए मासिक मानदेय दिया जाएगा। भर्ती गृह विभाग करेगा।

पैरा-ओलंपिक मेडलिस्ट को 1 करोड़ रुपए सरकार ने पैरा-ओलंपिक मेडलिस्ट को भी ओलंपिक विजेताओं के समान 1 करोड़ रुपए इनामी राशि देने का फैसला किया है। पहले रूबिना फ्रांसिस और कपिल परमार को 50-50 लाख दिए गए थे, अब उन्हें अतिरिक्त 50-50 लाख रुपए मिलेंगे।

बंद होंगे संभागीय, जिला पेंशन दफ्तर

भोपाल में सेंट्रलाइज पेंशन प्रोसेसिंग सेल बनेगी। सभी जिला और संभागीय पेंशन कार्यालय दो साल में बंद होंगे। शुरुआती चरण में ये कार्यालय पेंशन सहायता केंद्र के रूप में काम करेंगे। कर्मचारियों का अन्य विभागों में समायोजन होगा।

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