‘मैं सिकंदर प्रसाद यादवेंदु हूं। नगर परिषद दानापुर पटना में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हूं। मैं बिना किसी भय और बिना किसी लोभ लालच के शास्त्री नगर थाने में अपना स्वीकारोक्ति बयान दे रहा हूं।
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नीतीश और अमित ने मुझसे कहा था, हम लोग NEET, BPSC और UPSC के साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक कराकर कैंडिडेट्स को रटवाते हैं।
हम दोनों मिलकर कैंडिडेट्स को पास करा देते हैं। नीट का पेपर भी 24 घंटे पहले कैंडिडेट्स को रटवाने के लिए मिल जाएगा…मेरा यह बयान साक्ष्य के रूप में माननीय न्यायालय में लाया ताएगा। ‘
यह चौंकाने वाला बयान नीट पेपर लीक में पकड़े गए 56 साल के सेटर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु का है। गिरफ्तारी के बाद यह उसका पुलिस के सामने 161 का पहला बयान है। सिकंदर के बयान ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा की सुरक्षा में सवाल खड़ा कर दिया है। सिकंदर ने ही कैंडिडेट्स की पूरी प्लानिंग की थी और किसी को सरकारी गेस्ट हाउस तो किसी को हॉस्टल में रुकवाया था। इस रिपोर्ट में पढ़िए नीट परीक्षा में गड़बड़ी की पूरी कहानी..।
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पुलिस हिरासत में आरोपी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु
इंजीनियर की पेपर लीक में केमिस्ट्री जानिए
नगर परिषद के इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु की नीट पेपर लीक में बड़ी केमिस्ट्री है। भास्कर की इंवेस्टिगेशन में जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक इंजीनियर के साथ उसकी पत्नी और बच्चे भी कई अहम राज जानते हैं। इंजीनियर ने अब तक कई लाेगाें को डॉक्टर बनाने के लिए ऑफर किया है।
नीतीश और अमित के माध्यम से वह अब तक कई कैंडिडेट को फंसा चुका है। 55 साल का इंजीनियर दिखने में तो सामान्य है, लेकिन नीट की परीक्षा पास कराने की ट्रिक में वह कई वीआईपी लोगों के भी संपर्क में आया है।
सिकंदर की गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी पत्नी दोनों बच्चों को लेकर पटना छोड़ चुकी है। सूत्रों की माने तो परिवार को भी इसके बारे में पूरी जानकारी थी, इसलिए वो पटना से बाहर चले गए। हालांकि वह पुलिस की जांच में अब तक नहीं आए हैं।
अगर कहानी आगे बढ़ती है और सिकंदर को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाती है तो हो सकता है कि अगली कड़ी में उसके परिवार वालों से भी पूछताछ हो सकती है।
फिलहाल सिकंदर ने जो पता पुलिस को बताया है, उस पते पर उसका कोई नहीं रहता है। सिकंदर ने पुलिस को बताया है कि पटना में उसकी पत्नी, बेटा और बेटी रहती हैं, लेकिन सिकंदर के पड़ोसियों के मुताबिक यहां सिर्फ पत्नी रहती थी। घटना के बाद से वह भी गायब है।
सिकंदर इस खेल का मास्टर है, लेकिन अभी वह पुलिस को सही जानकारी नहीं दे रहा है। वह अपने सरकारी ऑफिस में ही नीट परीक्षा के पेपर लीक की प्लानिंग और कैंडिडेट्स की सेटिंग की बात करता था।

नीट पेपर लीक में सरकारी गेस्ट हाउस का भी इस्तेमाल किया गया। गेस्ट हाउस के एंट्री रजिस्टर में अनुराग यादव का नाम दर्ज है।
अब इंजीनियर का कबूलनामा..
गिरफ्तारी के बाद 5 मई 2024 को रात 8 बजे पुलिस के समक्ष दर्ज कराए गए बयान में सिकंदर उर्फ यादवेंदु ने कहा है कि वह अपनी पत्नी मंजू बेटा होमिया आनंद और बेटी निभा कृति के साथ रुपसपुर में किराए के मकान में रहता है। मेरी मुलाकात कुछ दिन पहले अमित आनंद और नीतीश कुमार से हुई दोनों किसी काम से मेरे निगम कार्यालय आए थे।
उन्होंने बताया कि नीट, बीपीएसी और यूपीएससी के साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पेपर लीक करवाकर कैंडिडेट्स को याद करवाकर हम पास करा देते हैं। नीट में 24 घंटे पहले पेपर लाकर बच्चों को याद करवा दूंगा। जो प्रश्न रटवाएंगे वही प्रश्न नीट की परीक्षा में आएंगे।
सरकारी गेस्ट हाउस में कराई थी व्यवस्था
सिकंदर ने लिखित बयान में कहा है कि वह अमित और नीतीश के संपर्क में रहा। सिकंदर ने 4 बच्चों का पैसा दिया था। जिन्हें नीट की परीक्षा के लिए 4 मई की रात को पेपर याद करने के लिए बच्चों को पटना बुलाया गया था।
सिकंदर के मुताबिक उसके कहने पर आयुष राज, अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार, अभिषेक कुमार पटना आए थे। सिकंदर ने अपने बयान में कैंडिडेट्स से डील की गई रकम और रिश्ते का भी खुलासा किया है।
सिकंदर के मुताबिक अनुराग यादव सिकंदर के साले संजीव का लड़का है। वह अपनी मां रीना कुमारी के साथ परीक्षा देने पटना आया था। इनके रुकने का इंतजाम सिकंदर ने पटना के एयरपोर्ट के पास एनएच के गेस्ट हाउस में कराया था।
सिकंदर ने आगे कहा है कि बाकी कैंडिडेट के लिए आयुष राज के पिता अखिलेश कुमार के साथ यह तय हुआ कि सभी कैंडिडेट्स को वह राम कृष्णा नगर में स्थिति होटल ग्रांड पैलेस के पास लेकर जाकर अमित आनंद को सौपेंगे जो उन्हें नीतीश तक पहुंचाएगा।
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पटना से पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
कैंडिडेट्स लाने में अखिलेश की बड़ी भूमिका
उसने आगे बताया कि नीतीश कुमार सारे कैंडिडेट्स को लेकर लर्न प्ले स्कूल और लर्न ब्वॉयस हॉस्टल ले जाएगा जहां सभी कैंडिडेट्स को प्रश्न-पत्र और उसके आंसर रटवाए जाएंगे। बदले में अखिलेश से पैसे कम लिए जाने थे।
सिकंदर ने कहा है कि अखिलेश कुमार को मैं पहले से जानता था, इस प्रक्रिया में वह अहम भूमिका निभा रहे थे। इसलिए सभी कैंडिडेट्स से परीक्षा पास कराने के लिए 40-40 लाख रुपए में डील हुई थी जबकि अखिलेश और अनुराग से कम पैसे लेने की बात पहले दिन ही फिक्स हो गई थी।
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद कबूला राज
सिकंदर ने बयान में कहा है कि उसकी ही निशानदेही पर और सेटर पकड़े गए। सिकंदर के मुताबिक अभी उसकी निशानदेही पर और कैंडिडेट्स और सेटर पकड़े जाने हैं।
सिकंदर ने पुलिस के सामने अपना अपराध स्वीकार करते हुए कहा है कि शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने उसे गाड़ी चेकिंग करने के दौरान पकड़ लिया। इसके बाद पूरा राज खुल गया। पुलिस ने गाड़ी से अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार, आयुष राज, अनुराग यादव का रोल कोड भी बरामद कर लिया।
पुलिस ने सिकंदर के साथ अखिलेश कुमार, बिट्टू कुमार को गिरफ्तार कर लिया। सिकंदर की निशानदेही पर पुलिस ने अमित आनंद, नीतीश कुमार, आयुष राज, अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार, अभिषेक कुमार, अवधेश कुमार, आशुतोष कुमार, रीना कुमारी को पकड़ा गया।
बयान में सिकंदर ने कहा कि मेरी निशानदेही पर और सभी बचे लोग भी पकड़े जाएंगे। मैंने अपना अपराध स्वीकार किया, यही मेरा बयान है।
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नीट पेपर लीक में सरकारी गेस्ट हाउस का इस्तेमाल
भास्कर की पड़ताल में जो बातें सामने आई वह चौंकाने वाली है। नीट पेपर लीक में सरकारी गेस्ट हाउस का भी इस्तेमाल किया गया है। गेस्ट हाउस के एंट्री रजिस्टर में अनुराग यादव का नाम दर्ज है। बताया जा रहा है कि अनुराग यादव वही है जिसे पुलिस ने नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था।
बताया जाता है कि इसी गेस्ट हाउस से कैंडिडेट को लेकर सेफ जगह पर ले जाया गया था जहां कैंडिडेट्स को 24 घंटे पहले पेपर रटवाया जा रहा था। बयान में भी सिकंदर ने गेस्ट हाउस का नाम लिया है, अनुराग यादव सिकंदर का रिश्तेदार है।
कई राज दबाए है सिकंदर, पुलिस से छिपाई बात
भास्कर की इंवेस्टिगेशन में जो तथ्य सामने आए हैं, इसके मुताबिक सिकंदर ने पुलिस को अभी कई राज नहीं बताए हैं।भास्कर की पड़ताल में यह बाते सामने आई हैं कि सिकंदर ने गेस्ट हाउस में सिर्फ अपने रिश्तेदार को ही नहीं और कई कैडिडेट्स को भी रुकवाया था।
यहां से कैंडिडेट्स को सेफ स्थान पर ले जाया गया था जहां नीट की परीक्षा का पेपर 24 घंटे पहले लाकर याद कराया था। अब जांच एजेंसी भी सरकारी गेस्ट हाउस की पड़ताल करने में जुटी है, कैसे वहां कैंडिडेट्स को रुकवाया गया था और वहां कितनी संख्या में कैंडिडेट्स थे जिन्हें बाद में पेपर रटवाने के लिए भेजा गया था।
सिकंदर के इनपुट पर खुला पेपर लीक का खेल
पुलिस सूत्रों की माने तो नीट पेपर लीक का जो बिहार पुलिस को इनपुट मिला था, वह सिकंदर के कारण ही मिला था। सिकंदर ने हाईप्रोफाइल लोगों से सेटिंग की थी। पटना के शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने भी सबसे पहले पटना के राजवंशी नगर के सिकंदर को ही पकड़ा था।
वह झारखंड की सफेद कार से पटना में कैंडिडेट्स की व्यवस्था में घूम रहा था। बताते हैं कि कई होटल और सेफ हाउस की व्यवस्था सिकंदर ने ही की थी। कई सेंटरों और सेफ हाउस में तो पेपर के सॉल्वर भी बिठाए गए थे। इन लोगों के पास पहले से ही प्रश्न पत्र आ गए थे।
जूनियर इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु को जांच एजेंसी भी हल्के में नहीं ले रही है। पुलिस सूत्रों की माने तो अब तक गिरफ्तार किए गए सेटर से फिर पूछताछ हो सकती है। रिमांड पर लेकर पूछताछ में यह तस्दीक की जाएगी की गिरफ्तारी के बाद जो उसने बयान दिया वह पेपर लीक मामले से पूरी तरह से मैच कर रहा है या फिर कुछ छिपाया गया है। हालांकि अब तक की जांच में यह बात भी साफ हो गई है कि जूनियर इंजीनियर सिकंदर ने पेपर लीक की पूरी साजिश में बड़ी कड़ी के रूप में काम कर रहा था।
सिकंदर के पास से रोल कोड मिलना इस बात का आधार बन रहा है। इतना ही नहीं यादवेंदु के इनपुट पर ही और गिरफ्तारियां हुई हैं। इससे यह तो साफ है कि अमित और नीतीश के बड़े खेल का सिकंदर भी बड़ा खिलाड़ी था, हालांकि वह लंबे समय से सरकारी नौकरी में है, इसलिए उसने खुलकर अभी कोई बात नहीं बताई है। पुलिस जब रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी तो हो सकता है कोई नया और बड़ा खुलासा हो जाए।
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अगर CBI जांच नहीं हुई तो होगा गोल-माल
छात्र नेता दिलीप कुमार कहते हैं कि मामला गंभीर और कई राज्यों से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस मामले में कम से कम सीबीआई की जांच होनी चाहिए। अगर सीबीआई जांच नहीं होती है तो मामला गोल-मोल हो सकता है। अगर मामला सीबीआई को जांच के लिए जाता है तो बड़ा खेल उजागार होगा। क्योंकि नेटवर्क सिर्फ पटना तक नहीं है, देश के कई राज्यों से जुड़ा है।
पटना पुलिस के पास पेपर लीक के पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन एनटीए सबूत नहीं दे रहा है। ऐसे में अगर सीबीआई की जांच होगी तो एनटीए बहानेबाजी नहीं कर पाएगा। एनटीए के अधिकारी भी पेपरलीक कांड में शामिल हैं।
पूरी परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों के भविष्य का नुकसान हो रहा है। पटना पुलिस की गिरफ्त में कई ऐसे आए हैं, जो सिपाही और शिक्षक भर्ती पेपर लीक में भी शामिल रहे हैं।
पूरी तरह से जमी है सेटर की जड़ें
पुलिस सूत्रों की माने तो नीट पेपर लीक में अब तक जो भी पकड़े गए हैं वह छोटे प्यादें हैं। यह तो छोटी कड़ी हैं, ऐसा लगता है कि इनके ऊपर भी एक कड़ी काम कर रही है। यूपी में सिपाही भर्ती परीक्षा और बिहार की सिपाही भर्ती परीक्षा के साथ बिहार की टीचर भर्ती परीक्षा में खेल करने वाले ही इस बार नीट परीक्षा में शामिल हैं।
नीतीश कुमार तो नीट परीक्षा से पहले भी काफी चर्चा में रहा है। वह शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप में जेल गया था। सूत्रों की माने तो नीतीश के साथ अन्य कई ऐसे मास्टर माइंड हैं जिन्होंने नीट परीक्षा के साथ देश के अलग अलग राज्यों में होने वाली परीक्षा में पेपर लीक कराने की प्लानिंग की हैं, या फिर उसमें शामिल रहे हैं।