New model of fraud Americans in India digitally arrested; daytime calls, payments via gift-e-vouchers. | ठगी का न्यू मॉडल: भारत में बैठ कर अमेरिकियों का डिजिटल अरेस्ट; दिन में कॉल, गिफ्ट-ई बाउचर से पेमेंट

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नई दिल्ली49 मिनट पहलेलेखक: एम. रियाज हाशमी

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रविवार दोपहर एक 58 साल के यूरोपीय नागरिक को कॉल आया। कॉलर ने खुद को अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी ‘चार्ल्स श्वाब’ का अधिकारी और एक अंतरराष्ट्रीय जांच से जुड़ा बताकर कहा कि उसके खाते में संदिग्ध लेनदेन हुए हैं और तुरंत सहयोग नहीं किया तो गिरफ्तारी हो सकती है।

घबराहट में पीड़ित ने कॉलर की बताई प्रक्रिया के अनुसार पैसे गिफ्ट-कार्ड और डिजिटल वाउचर के जरिए भेज दिए। इसके बाद कुछ ही घंटों में उसके अकाउंट से 40,000 डॉलर गायब हो गए। भारत में बैठकर किसी दूसरे देश के नागरिक को डिजिटल अरेस्ट कर ठगने के कई मामले ईडी को मिले हैं।

मंगलवार को जिन कॉल सेंटर्स पर छापे पड़े, वहीं से विदेशियों को ठगने का खेल चल रहा था। ईडी सूत्रों ने बताया कि इन सेंटर्स में गिरोह के एजेंट्स को विदेशी लहजे में बात करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। उन्हें स्क्रिप्ट के जरिए वाक्य रटाए जाते थे। पैसे निकालने के लिए मल्टी-चैनल रूट का इस्तेमाल होता है। फंड ट्रेस को कठिन बनाने के लिए वॉलेट-रोटेशन, मिक्सिंग और ऑफ-रैंप सर्विसेज का इस्तेमाल किया जाता है।

स्क्रिप्ट-लहजा सब पश्चिमी… सिर्फ यूएस और यूरोप के लोगों को ठगते थे

जांच में पता चला है कि भारत में अब साइबर ठगी ‘आउटसोर्सिंग मॉडल’ में बदल रही है। जहां प्रोफेशनल एजेंट विदेशी नागरिकों को टारगेट करते हैं। इस मामले में ठग गिरोह सिर्फ अमेरिका और यूरोप के लोगों को ही ठग रहे थे। वे उन्हें वहां के समयानुसार दिन में ही कॉल करते थे, क्योंकि इंडियन-स्टैंडर्ड टाइम में उस समय रात होती है। भारत के कॉल-सेंटर्स आधी रात से सुबह तक सक्रिय रहते हैं, ताकि पश्चिमी देशों के सामान्य कार्य-घंटों में कॉलर्स उपलब्ध दिखें और संदेह कम हो।

मनी ट्रेल… वॉलेट्स में इस तरह आ रहा था पैसा

आरोपी पहले विदेशी नागरिकों से चार्ल्स श्वाब फाइनेंशियल सर्विसेज, माइक्रोसॉफ्ट, एपल जैसी कंपनियों का कस्टमर सपोर्ट बताकर कॉल करते थे। फिर उन्हें फर्जी मामलों का हवाला देकर फंसाने की कोशिश करते थे। {जब वो पैसे देने की बात करते, तो आरोपी उनसे पैसा गिफ्ट-कार्ड्स या पे-वाउचर के जरिए लेते। फिर इसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलते। इसके बाद राशि ‘ऑफ-चेन’ एक्सचेंज व प्राइवेट वॉलेट्स के जरिए मिक्स कर भारत भेजी जाती है। ईडी ने ऐसे कई वॉलेट्स ट्रैक किए हैं जिनमें लाखों अमेरिकी डॉलर के लेनदेन दर्ज हैं।

आशंका… अब सिस्टम को क्रैश कर रहे ठग

इस केस का फोकस अब सिर्फ अपराधियों पर नहीं, बल्कि सिस्टम की कमजोरियों पर भी है। यह आकलन किया जा रहा है कि ऐसी ठगी के लिए अंतरराष्ट्रीय पेमेंट चैनल कितने असुरक्षित हैं और क्या भारत को क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए अलग निगरानी प्रोटोकॉल लाना चाहिए। फिलहाल जांच एजेंसी अब उन सर्वर, हार्ड-ड्राइव्स और क्रिप्टो वॉलेट एड्रेस की तलाश में जुटी है, जिनसे वित्तीय फ्लो की तलाश में जुटी है, जिनसे वित्तीय फ्लो मैप किया जा सके।

विदेशियों से ठगी के सेंटर: 4 राज्यों में 15 जगह ईडी के छापे

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और मुंबई में 15 जगह छापे मारे। यह कार्रवाई एक फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई। इन सेंटर्स पर विदेशी नागरिकों से करोड़ों डॉलर की ठगी का आरोप है। जांच में सामने आया है कि करन वर्मा नामक एक व्यक्ति कुछ अन्य लोगों के साथ दिल्ली के रोहिणी, पश्चिम विहार और राजौरी गार्डन में फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था।

11.50 करोड़ तक ठगे

ईडी चंडीगढ़ यूनिट ने अमेरिकियों को ठगने वाले दो आरोपियों की 2.85 करोड़ रु. की संपत्ति जब्त की। दोनों ने उससे 11.50 करोड़ ऑनलाइन ठगे थे।

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