New Delhi Railway Station Stampede Reason | MahaKumbh Train | नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की वजह सामने आई: RPF की रिपोर्ट- कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने के अनाउंसमेंट से हादसा हुआ

नई दिल्ली2 घंटे पहले

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रिपोर्ट के मुताबिक 15 फरवरी को हुई भगदड़ में 30 लोग घायल हुए थे, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी। - Dainik Bhaskar

रिपोर्ट के मुताबिक 15 फरवरी को हुई भगदड़ में 30 लोग घायल हुए थे, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। घटना को लेकर RPF की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने के अनाउंसमेंट से हादसा हुआ है।

RPF ने घटना के एक दिन बाद यानी 16 फरवरी को दिल्ली जोन को एक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें बताया गया है कि 15 फरवरी, रात करीब 8.45 बजे घोषणा की गई कि प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होगी। कुछ देर बाद एक और घोषणा की गई कि कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 16 से रवाना होगी। इसके बाद भगदड़ की स्थिति पैदा हुई।

रिपोर्ट के मुताबिक इस समय मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर, उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 15 पर खड़ी थी। प्रयागराज एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए यात्रियों की भीड़ भी प्लेटफॉर्म 14 पर मौजूद थी। यानी तीन ट्रेनों के आने-जाने वालों की भीड़ प्लेटफॉर्म पर पहले से मौजूद थी।

घोषणा सुनकर यात्री प्लेटफॉर्म 12-13 और 14-15 से फुटओवर ब्रिज 2 और 3 के जरिए सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश करने लगे। इस दौरान मगध एक्सप्रेस, उत्तर संपर्क क्रांति और प्रयागराज एक्सप्रेस के यात्री सीढ़ियों से उतर रहे थे। धक्का-मुक्की के बीच कुछ यात्री फिसलकर सीढ़ियों पर गिर गए और भगदड़ मच गई।

घटना से दो घंटे पहले 2600 जनरल टिकट बेचे गए भगदड़ की शुरुआत जांच में पता चला था कि नई दिल्ली स्टेशन पर हर घंटे रेलवे ने 1500 जनरल टिकट बेचे गए थे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवानों की तैनाती संतुलित नहीं थी, जिससे भीड़ को काबू करने में मुश्किलें आईं और स्थिति बिगड़ी।

वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ने घटना से दो घंटे पहले (15 फरवरी को) तक एक घंटे में 2600 जनरल टिकट बेचे थे। आम तौर पर दिनभर में 7 हजार टिकट बेचे जाते थे, लेकिन इस दिन 9600 टिकट बेचे गए थे।

तीन चश्मदीदों के बयान…

पुलिस ने कहा- जान बचानी है तो लौट जाओ: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की जगह नहीं थी। ट्रेन में लोग ठुंसे हुए थे। चुनिंदा पुलिस वाले दिख रहे थे। पुलिस वाले लोगों से बोल रहे थे कि जान बचानी है तो लौट जाइए। आप लोगों के पैसे नहीं गए हैं। आपकी जान बची है।

कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस सके: प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया बताया कि मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर का टिकट था, लेकिन इतनी भीड़ थी कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस पा रहे थे। वहां इतनी धक्का-मुक्की थी कि हम जैसे-तैसे भीड़ से बाहर निकल सके।

ट्रेनों के कैंसिल और लेट होने से भीड़ बढ़ी: प्रत्यक्षदर्शी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मैं भी प्रयागराज जा रहा था। दो ट्रेनें पहले से ही देरी से चल रही थीं, कुछ रद्द कर दी गई थीं। इसलिए स्टेशन पर बेतहाशा भीड़ थी। मैंने जिंदगी में पहली बार इस स्टेशन पर इतनी भीड़ देखी। मैंने खुद छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा।

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भगदड़ क्यों मची, इस पर आए 3 सरकारी बयानों ने जांच उलझा दी है। दरअसल, दिल्ली पुलिस का कहना है कि प्रयागराज नाम से दो ट्रेन थीं। इनमें से एक स्पेशल के प्लेटफॉर्म 16 पर पहुंचने का अनाउंसमेंट हुआ। तब प्लेटफॉर्म 14 पर प्रयागराज (मगध) एक्सप्रेस खड़ी थी। जो यात्री 14 पर जा रहे थे, वो अनाउंसमेंट सुनकर 16 की तरफ भागे। पढ़ें पूरी खबर…

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