New contract policy implemented in Energy Department | ऊर्जा विभाग में नई संविदा नीति लागू: संविदा नौकरी और सुरक्षित, सीधे बर्खास्त नहीं कर सकेंगे – Bhopal News


नियमित भर्ती में ​50% कोटा मिलेगा, ग्रेच्युटी भी

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मध्य प्रदेश में नई संविदा नीति जारी होने के 11 महीने बाद गुरुवार को ऊर्जा विभाग ने अपने 6 हजार संविदा कर्मचारियों के लिए नई संविदा नीति लागू कर दी। इसमें उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिलेंगी। संविदा कर्मचारियों के मामले में हर साल रिपोर्टिंग आफिसर के द्वारा कर्मचारी के मूल्यांकन के आधार पर सेवाएं जारी रहेंगी।

संविदा कर्मचारियों के मामले में हर साल मूल्यांकन की व्यवस्था लागू की गई है। इसमें अनुबंध को पूरी तरह से खत्म नहीं किया गया है, लेकिन अभी तक 500 रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टांप के माध्यम से 3 वर्ष की कार्यअवधि बढ़ाई जाती थी, जो प्रक्रिया अब समाप्त कर दी गई है। इसकी जगह केवल एक बार संविदा कार्यकाल में अनुबंध किया जाएगा जो कि प्रतिवर्ष सीआर (गोपनीय चरित्रावली) के आधार पर स्वत: ही कार्यकाल बढ़ोतरी होती जाएगी। ऊर्जा विभाग प्रदेश के 64 विभागों में पहला विभाग है, जहां नई संविदा नीति लागू की गई है।

मूल्यांकन में ग्रेडिंग घ एवं 3 अंक कम होने की स्थिति में संविदा कर्मचारी की सेवा पर संकट रहेगा, पर इसमें भी कर्मचारी को रिपोर्टिंग आफिसर के सामने अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।

कैबिनेट से 22 जुलाई 2023 को नई संविदा नीति को मंजूरी मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने संविदा नीति जारी की थी, जिसे समस्त विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के लिए संविदा सेवा (अनुबंध की सेवा शर्तें) नियम 2023 लागू किए जाने थे। ऊर्जा विभाग ने पावर मैनेजमेंट कंपनी के लिए पांचों कंपनियों (मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जेनरेशन और ट्रांशमिशन) में नई संविदा नीति लागू किए जाने के आदेश जारी किए हैं। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव के अनुसार शासन द्वारा जारी नई संविदा नीति को लागू कर दिया गया है।

अनुकंपा नियुक्ति, एनपीएस और चिकित्सा सुविधा भी

  • नियमित कर्मचारी की तरह अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाएगी।
  • सीपीआई इंडेक्स के अनुसार प्रतिवर्ष वेतनवृद्धि की जाएगी।
  • ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
  • नियमित कर्मचारियों के समान मातृत्व एवं पैतृक अवकाश की पात्रता होगी।
  • पूर्व की अपेक्षा पांच दिवस की छुट्टी में बढ़ोतरी की गई है।
  • चिकित्सा लाभ दिया जाएगा।
  • कार्य के दौरान दुर्घटना पर नियमित कर्मचारियों की भांति चिकित्सा लाभ प्राप्त होगा।

निलंबन के दौरान भी दो माह तक 50% वेतन
पहले संविदा कर्मचारियों के काम से असंतुष्ट न होने पर हर साल कांट्रेक्ट रिन्यू किए जाने की शर्त थी, जिमसें उन्हें बर्खास्त कर दिया जाता था। अब नियमित कर्मचारियों के समान ही उनके निलंबन की कार्रवाई होगी। दो महीने तक उसे 50% वेतन का भुगतान किया जाएगा, उसके बाद कंपनी स्तर पर एक जांच कमेटी संपूर्ण जांच के उपरांत ही गंभीर दोषारोपण होने की स्थिति में सेवा शर्तें समाप्त करने अथवा वेतन वृद्धि रोके जाने की कार्रवाई करेगी। इस प्रक्रिया में दो इंक्रीमेंट रोके जाने की बात कही गई है।

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