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मुंबई1 घंटे पहले
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हमलावरों ने शनिवार रात बाबा सिद्दीकी को उनके विधायक बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर गोलियां मारी थीं।
मुंबई में NCP (अजित गुट) के नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन पर गोली चलाने वाले 4 हमलावरों में से 2 यूपी, 1 हरियाणा और 1 पंजाब का है।
हरियाणा के गुरमेल और यूपी के धर्मराज को मौके से ही गिरफ्तार किया गया। यूपी के ही एक अन्य आरोपी शिव और पंजाब के जीशान की तलाश जारी है।
मुंबई कोर्ट ने गुरमेल को 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा है। धर्मराज ने खुद को नाबालिग बताया है, जिसकी जांच की जा रही है।
ये 40 दिन से मुंबई में ही ठहरे थे और सिद्दीकी के घर और बेटे के ऑफिस की रेकी कर रहे थे।
रविवार रात सिद्दीकी को मरीन लाइंस स्टेशन के सामने बड़ा कब्रिस्तान में दफनाया गया। यहां महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार समेत तमाम नेता पहुंचे।
बाबा सिद्दीकी पर हमले की लोकेशन
रविवार को लॉरेंस गैंग ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली। इस पोस्ट की जांच भी पुलिस कर रही है। इसमें लिखा है, “सलमान खान और दाऊद की मदद करने वालों को छोड़ेंगे नहीं।” इस पोस्ट में लॉरेंस और अनमोल को हैशटैग किया गया है।
शुबू लोनकर महाराष्ट्र नाम की आईडी से पोस्ट डालने वाले शुभम के भाई प्रवीण लोनकर (28) को मुंबई पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों भाई बाबा की हत्या की साजिश में शामिल हैं।
लॉरेंस का नाम सामने आने के बाद सलमान खान के घर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। लॉरेंस गैंग ने इसी साल अप्रैल में सलमान के घर पर फायरिंग करवाई थी।
शुबू लोनकर महाराष्ट्र नाम से एक यूजर ने सोशल मीडिया पर सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए पोस्ट शेयर किया है।
लॉरेंस अभी गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। उसने 14 अप्रैल को सलमान के घर के बाहर फायरिंग कराई थी। जेल में लॉरेंस से पूछताछ की जाएगी।
बाबा सिद्दीकी की हत्या उनके विधायक बेटे जीशान के बांद्रा स्थित ऑफिस के सामने की गई थी। उन्हें तीन गोलियां मारी गईं थीं। वे इसी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर अजित पवार की NCP में शामिल हुए थे। सिद्दीकी बांद्रा से 3 बार विधायक रह चुके थे।
Y कैटेगिरी सिक्योरिटी की जानकारी गलत: मुंबई पुलिस शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने दावा किया था कि बाबा सिद्दीकी को Y कैटेगिरी सिक्योरिटी दी गई थी। उसके बाद भी उनकी हत्या हो गई। डीसीपी मुंबई दत्ता नालावडे ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा- बाबा सिद्दीकी को नॉन कैटेगरीज सिक्योरिटी मिली थी। उनकी सुरक्षा में 3 कॉन्स्टेबल तैनात थे। घटना के वक्त सभी पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे।
6 साल से पुणे में काम कर रहा था शिव, गुरमैल जेल से छूटकर मुंबई गया
मुंबई पुलिस ने कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की पुष्टि की है। हत्या में शामिल शिव और धर्मराज यूपी के बहराइच के रहने वाले हैं, दोनों का कोई पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। गुरमेल हरियाणा का रहने वाला है। जीशान अख्तर पंजाब के जालंधर का रहने वाला है। धर्मराज और गुरमेल को गिरफ्तार किया गया है। शिव फरार है। बताया जा रहा है कि उसे ही हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।
शिव करीब 5-6 साल से पुणे में स्क्रैप व्यापारी के यहां काम कर रहा था। कुछ महीने पहले उसने धर्मराज को भी पुणे में बुला लिया। हत्या का कॉन्ट्रैक्ट देने वाले व्यक्ति ने शिव, धर्मराज की मुलाकात गुरमेल से कराई थी।
गुरमेल कैथल जिले का रहने वाला है। उसने अपने दोस्त के भाई की बर्फ के सुए से 52 वार कर हत्या कर दी थी। जेल में वह गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आ गया। जमानत मिलने के बाद वह मुंबई चला गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस गैंग ने ही उसे मुंबई बुलाया था।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के आरोपी गरीबी दूर करने मुंबई गए थे, लॉरेंस गैंग के कॉन्ट्रैक्ट किलर बने
मुंबई में हुए बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में बहराइच के दो युवकों का नाम सामने आया है। वारदात में शामिल धर्मराज कश्यप और शिव कुमार उर्फ शिवा गौतम दोनों जिले की कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव के रहने वाले थे। दोनों परिवार के भरण-पोषण के लिए मुंबई कमाने गए थे। पूरी खबर पढ़ें…
रियाणा के शूटर गुरमेल की कहानी, दादी बोली-चौराहे पर खड़ा करके गोली मार दो
कैथल में शूटर का घर, उसकी दादी और इनसेट में शूटर गुरमेल।
मुंबई में NCP नेता पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाला एक शूटर गुरमेल सिंह (23) हरियाणा के कैथल जिले का रहने वाला है। गुरमेल का गांव नरड़ है। 31 मई 2019 को उसने कैथल के रुद्री मंदिर के पास दोस्त के भाई की बर्फ के सुए से 52 वार का हत्या कर दी थी। जिसके बाद उसे अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस ने उसे कैथल जेल भेज दिया।
जेल में सुधरने की जगह वह गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आ गया। जब उसे जमानत मिली और वह बाहर आया तो गांव में ज्यादा दिन नहीं रुका। वह मुंबई चला गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक लॉरेंस के गुर्गों ने ही उसे मुंबई बुलाया था। पूरी खबर पढ़ें…
दाऊद इब्राहिम की तरह बढ़ा लॉरेंस का नेटवर्क NIA ने अपनी रिपोर्ट में लॉरेंस बिश्नोई की तुलना दाऊद इब्राहिम से की है। पेज नंबर 50 पर इसका जिक्र है। लिखा है कि दाऊद की तरह ही लॉरेंस ने अपना नेटवर्क बढ़ाया है।
D कंपनी का सरगना दाऊद इब्राहिम ड्रग्स कारोबार से लेकर टारगेट किलिंग, वसूली और टेरर सिंडिकेट चलाता है। 1980 के दशक में वो चोरी, लूटपाट जैसे क्राइम करता था। इसके बाद लोकल ऑर्गनाइज्ड क्राइम करने लगा। धीरे-धीरे अपनी गैंग बना ली। इसे नाम दिया गया D-कंपनी।
1990 के दशक तक उसकी गैंग में 500 से ज्यादा मेंबर्स बन गए। 10 से 15 साल में दाऊद इब्राहिम अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया। इसमें टेरर सिंडिकेट से बड़ी मदद मिली।
NIA का मानना है कि लॉरेंस बिश्नोई भी नॉर्थ इंडिया में ऑर्गनाइज्ड टेरर सिंडिकेट चला रहा है। उसने भी छोटे-मोटे क्राइम से शुरुआत की थी। इसके बाद गैंग बनाई। जिसके बाद उसका नेटवर्क तेजी से बढ़ा है।
दाऊद इ्ब्राहिम ने छोटा राजन की मदद से गैंग को बढ़ाया। उसी तरह लॉरेंस बिश्नोई ने गोल्डी बराड़, सचिन बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई, विक्रम बराड़, काला जठेड़ी, काला राणा के साथ मिलकर गैंग का नेटवर्क 13 राज्यों तक पहुंचा दिया।
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दाऊद ने बाबा सिद्दीकी को धमकाया था-तुम्हारी फिल्म बनवा दूंगा
बाबा सिद्दीकी का पूरा नाम बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी था। अपनी इफ्तार पार्टियों के लिए मशहूर बाबा सिद्दीकी के पॉलिटिकल करियर में सुनील दत्त का अहम रोल था। पॉलिटिक्स के साथ फिल्म इंडस्ट्री में भी उनका दबदबा था। बिहार में जन्मे बाबा सिद्दीकी बांद्रा से विधायक और फिर मंत्री बने। पूरी खबर पढ़ें
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सलमान की सिक्योरिटी बढ़ी
बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है। सिद्दीकी के करीबी सलमान खान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राजनीति में दिलचस्पी ना रखने वाले लोग बाबा सिद्दीकी को उनकी इफ्तार पार्टियों के लिए जानते थे। सालाना रमजान के मौके पर मुंबई में होने वाली इस पार्टी में बॉलीवुड सेलेब्स की भीड़ रहती थी। ये बात कम लोग ही जानते हैं कि यही पार्टी शाहरुख खान और सलमान खान का सालों पुराना झगड़ा खत्म होने की वजह रही थी। पूरी खबर पढ़ें
बाबा सिद्दीकी मर्डर में 4 नहीं, 10-15 लड़के शामिल थे
बाबा सिद्दीकी की हत्या में 4 आरोपी नहीं, बल्कि 10-15 लोगों का एक ग्रुप शामिल था। भास्कर को सूत्र ने फोन पर बताया कि बाबा सिद्दीकी शनिवार रात बेटे जीशान के दफ्तर से घर जा रहे थे। सड़क पर दशहरे की आतिशबाजी हो रही थी। इसी दौरान 10-15 लड़कों का एक ग्रुप आया और बाबा सिद्दीकी से पूछा कि हमारे साथ दशहरा नहीं मनाएंगे क्या? वे लड़कों के कहने पर आतिशबाजी करने लगे। इसके बाद जब वे कार में आगे की सीट पर बैठने लगे, तभी पटाखों की आवाज के बीच 3 शूटर्स ने उन पर फायरिंग कर दी। पूरी खबर पढ़ें