National Herald Case Update; Rahul Gandhi Sonia Gandhi | Delhi Court | नेशनल हेराल्ड केस- राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई आज: राहुल के वकील की दलील पूरी, कांग्रेस बोली- बिना लेन-देन का मनी लॉन्ड्रिंग कैसे

नई दिल्ली5 घंटे पहले

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सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन लिमिटेड के मेजॉरिटी शेयरहोल्डर्स हैं और दोनों के पास 76% हिस्सेदारी है। फोटो- AI जनरेटेड है - Dainik Bhaskar

सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन लिमिटेड के मेजॉरिटी शेयरहोल्डर्स हैं और दोनों के पास 76% हिस्सेदारी है। फोटो- AI जनरेटेड है

नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज सुनवाई होगी। मामले में राहुल गांधी के वकील की दलील पूरी हो गई है।

उनके वकील आरएस चीमा ने कहा कि कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को बेचने की कोशिश नहीं की थी, बल्कि इस संस्था को बचाना चाहती थी, क्योंकि वो स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा थी।

वकील चीमा ने कहा कि AJL का जन्म राष्ट्रीय आंदोलन से हुआ है। वो राष्ट्रीय विरासत का हिस्सा है। AJL को कभी भी लाभ कमाने वाला संगठन नहीं बनाया गया।

मामले को लेकर सुप्रिया श्रीनेत और पवन खेड़ा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह अजीब केस है, क्योंकि इसमें न तो कोई पैसों का लेन-देन हुआ और न ही कोई संपत्ति ट्रांसफर हुई।

सुप्रिया ने कहा;-

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यह मनी लॉन्ड्रिंग का ऐसा मामला है, जिसमें कोई पैसा ही नहीं बदला गया। न संपत्ति ट्रांसफर हुई, न कोई निजी लाभ। AJL को कांग्रेस ने पुनर्जीवित करने के लिए पैसा दिया, क्योंकि यह संस्था देश की आजादी के आंदोलन से जुड़ी है।

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ED बोली- सोनिया-राहुल AJL हड़पना चाहते थे

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2 जुलाई को कोर्ट में कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी 2000 करोड़ रुपए की AJL को हड़पने की कोशिश की। ED के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल वी राजू ने कहा कि AJL घाटे में थी, लेकिन 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति होने के बावजूद उसने AICC से ₹90 करोड़ का कर्ज लिया और चुकाने में असमर्थ रही। आमतौर पर ऐसी हालत में संपत्तियां बेची जाती हैं, लेकिन यहां पूरी कंपनी को हथियाने की साजिश रची गई।

सोनिया और राहुल ने यह साजिश रची थी। इसके लिए यंग इंडियन कंपनी बनाई गई। जिसमें सोनिया और राहुल की 76% हिस्सेदारी है।

AJL ने कांग्रेस से 90 लाख का कर्ज लिया था और कहा था कि वह कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं है। इसके बाद यंग इंडियन कंपनी ने AJL का अधिग्रहण किया, जिसकी संपत्ति 2 हजार करोड़ थी। ईडी ने कहा कि ये दिखावटी फंडिंग थी, असल में AJL से कोई लेन-देन नहीं किया गया था।

ED जब्त करेगी ₹661 करोड़ की संपत्तियां अप्रैल में ED ने एक बयान में कहा कि उसने 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया है। ED ने PMLA एक्ट की धारा 8 और एसोसिएटेड नियमों के नियम 5(1) के अनुसार संबंधित संपत्ति रजिस्ट्रार को दस्तावेज सौंपे हैं, जहां ये संपत्तियां हैं। ED ने कब्जे में लिए जाने वाले परिसर को खाली करने की मांग की थी।

661 करोड़ की इन अचल संपत्तियों के अलावा AJL के 90.2 करोड़ रुपए के शेयरों को ED ने नवंबर 2023 में अपराध की आय को सुरक्षित करने और आरोपी को इसे नष्ट करने से रोकने के लिए कुर्क किया था।

ED ने मुंबई के बांद्रा में हेराल्ड हाउस की 7वीं, 8वीं और 9वीं मंजिल पर स्थित जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी नोटिस दिया गया, कि वह हर महीने किराया/लीज राशि प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के पक्ष में ट्रांसफर करे।

सोनिया-राहुल से घंटों हुई थी पूछताछ जून 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से 5 दिनों में 50 घंटे पूछताछ हुई थी। फिर 21 जुलाई 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी से 3 दिन में 12 घंटे सवाल हुए थे। इस दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल किए गए। ईडी ने राहुल गांधी से भी जून में पांच दिनों में 50 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी।

नेशनल हेराल्ड केस क्या है?

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था।

आरोप के मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण कर लिया।

स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।

स्वामी ने 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को केवल 50 लाख रुपए में खरीदे जाने को लेकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत केस से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।

जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में एक्शन लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी।

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