मुंबई3 घंटे पहले
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नागपुर हिंसा के मामले में पुलिस ने बुधवार को मास्टरमाइंड फहीम खान (इनसेट) को 19 मार्च को गिरफ्तार किया था।
नागपुर को 17 मार्च को भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान ने जमानत के लिए सेशन कोर्ट में याचिका लगाई है। फहीम ने दावा किया है कि उसे राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि उसने विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।
माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष खान को दंगा और आगजनी की घटनाओं के दो दिन बाद 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद फहीम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इसके बाद फहीम ने नागपुर डिस्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की। उनके वकील अश्विन इंगोले ने कहा कि इस पर 24 मार्च को सुनवाई हो सकती है।
घटना के सिलसिले में तीन और नई FIR दर्ज की गई हैं। वहीं, शहर के कुछ हिस्सों से कर्फ्यू हटाने का फैसला हाई लेवल रिव्यू मीटिंग के बाद लिया जाएगा।

फहीम की याचिका में 3 दावे
- जमानत याचिका में कहा गया है कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है और ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि उन्होंने भीड़ को उकसाया था।
- आरोप झूठे और निराधार हैं और पुलिस ने हिंसा में उनकी कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं बताई है।
- उनके खिलाफ दर्ज मामला राजनीतिक प्रतिशोध है क्योंकि 18 मार्च को उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों के खिलाफ FIR की मांग की थी।
शुक्रवार शाम तक 105 आरोपी गिरफ्तार
नागपुर हिंसा केस में शुक्रवार शाम तक पुलिस ने 14 और लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 105 हो गई, जिनमें 10 किशोर भी शामिल हैं। इसके अलावा 17 लोगों को लोकल कोर्ट ने 22 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।
इधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार शाम को नागपुर पहुंचे। रात को नागपुर में ही रुकेंगे। उन्होंने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा था कि नागपुर में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों बख्शा नहीं जाएगा।
17 मार्च को नागपुर में क्या हुआ था…
नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान गोबर के कंडों से भरा एक हरे रंग का कपड़ा जलाया गया। VHP के मुताबिक, ये औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र थी।
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देर शाम 7:30 बजे नागपुर के महल इलाके में हिंसा भड़क गई। पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो गई। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की।
पुलिस पर भी हमला किया गया। तीन डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए।DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में एक और झड़प हुई।
1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर से 25 किमी दूर खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब की मौत के बाद बादशाह की इच्छा के अनुसार उसे खुल्दाबाद में उसके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया।
औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।