Nagpur Model Khushi Parihar Murder Story; Boyfriend Ashraf | Zara Sheikh | शॉपिंग-डिनर करवाया, फिर सिर कुचलकर हत्या की: मॉडल खुशी धर्म बदलकर मुस्लिम BF के साथ लिव-इन में थीं, ऐशोआराम के लिए गोद लेने वालों को ठुकराया

10 मिनट पहलेलेखक: ईफत कुरैशी

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13 जुलाई 2019

नागपुर-पांडुरना हाईवे से गुजरते हुए सावली फाटा के करीब एक शख्स की नजर सड़क किनारे पड़ी एक लाश पर पड़ी। लाश औंधे मुंह पड़ी थी, शरीर पर डिजाइनर काला टॉप, काला डेनिम शॉर्ट और काले लॉन्ग बूट थे। जब शरीर को पलटाया गया तो मंजर सिहरन पैदा करने वाला था। चेहरा बुरी तरह कुचला गया था। मांस के चिथड़े लटक रह थे, जिससे चेहरे की बनावट पूरी तरह बिगड़ चुकी थी। दोनों घुटने छिले हुए थे और दाहिने हाथ का पंजा भी तोड़ा गया था। राहगीर ने तुरंत पुलिस को कॉल कर घटना की इत्तेला दी।

कुचले हुए चेहरे की हालत देखकर साफ था कि ऐसा पहचान छिपाने के लिए किया गया है। हालांकि इस मामले में लड़की के कपड़े और उसके शरीर पर बने कई टैटू काफी मददगार साबित हुए। लड़की की छाती पर टैटू था, जिसमें ‘क्वीन’ लिखा हुआ था, जबकि उसके हाथ में ‘लव बर्ड’ का टैटू था, जिसमें दो नाम थे, पहला ‘खुशी’ और दूसरा ‘आशू’। पुलिस डिपार्टमेंट ने टैटू की तस्वीरें नजदीकी थानों और मुखबिरों तक सर्कुलेट करवाईं। वहीं जांच का दूसरा एंगल था लड़की के शरीर पर मिले कपड़े।

उनके टॉप में नागपुर के एक मॉल का स्टीकर था, जिससे जांच में काफी मदद मिली। जब पुलिस ने मॉल के उस शोरूम में पूछताछ की, तो सामने आया कि कपड़ों का बिल खुशी कुमारी नाम की लड़की के नाम पर था।

लाश मिलने के ठीक एक दिन पहले खुशी ने मॉल से 6000 रुपए की शॉपिंग की थी, जिसके बिल में मोबाइल नंबर भी मिल गया।

पहचान उजागर होते ही पुलिस को हत्या की कड़ियां जोड़ने में ज्यादा समय नहीं लगा। इस भयावह हत्या के तार धर्म परिवर्तन, लिव इन रिलेशन और चरित्र संदेह से जुड़े निकले।

खुशी कुमारी, मॉडल थीं। वो मॉडलिंग की दुनिया में ऊंचा मुकाम हासिल करना चाहती थीं, लेकिन निजी जिंदगी की उथल-पुथल और कुछ गलत फैसलों से उनकी जिंदगी चंद सालों में सिमटकर रह गई।

आज अनसुनी दास्तान के 2 चैप्टर्स में पढ़िए खुशी कुमारी परिहार की हत्या और जांच की सिलसिलेवार कहानी-

19 साल की मॉडल खुशी कुमारी की लाश मिलने के बाद पुलिस उनके कातिलों की तलाश में जुट गई। मॉल से मिले मोबाइल नंबर की जांच की गई और उनके कॉन्टैक्ट्स निकाले गए। पुलिस ने जब उनके परिजनों को कॉल किया, तो चौंका देने वाले खुलासे हुए।

पेरेंट्स ने बताया कि खुशी अनाथ थीं। उन्हें कोई अनाथआश्रम में छोड़ गया था, जहां से साल 2000 में जगदीश परिहार ने उन्हें गोद ले लिया था। उनके जन्मस्थान, जन्म तारीख और बायोलॉजिकल पेरेंट्स की कोई जानकारी नहीं थी।

10वीं में पढ़ाई करते हुए खुशी का रुझान मॉडलिंग जगत में होने लगा। शुरुआती तौर पर वो छोटे-मोटे फैशन शोज का हिस्सा बना करती थीं। उन्होंने रायसोनी कॉलेज से ग्रेजुएशन करते हुए भी कॉलेज फेस्ट में मिस रायसोनी का खिताब हासिल किया था।

साल 2019 में वो मिस इंडिया की कंटेस्टेंट भी रही थीं, हालांकि फाइनलिस्ट नहीं बन सकी। शुरुआती सालों में ही खुशी ने अपना ग्रेजुएशन छोड़ दिया और फुल टाइम मॉडलिंग करने लगीं।

मुस्लिम अशरफ शेख के लिए गोद लेने वाले दंपत्ति को ठुकराया

मॉडलिंग करते हुए खुशी की मुलाकात अशरफ शेख से हुई थी। समय के साथ दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। अशरफ से मिलने के बाद खुशी के तौर-तरीकों में काफी बदलाव आने लगा था। वो महंगे रेस्टोरेंट-कैफे में जाया करती थी और ज्यादातर घर से बाहर रहा करती थीं। अशरफ ने उन्हें एक मोबाइल और कार भी गिफ्ट की थी। जब परिवार ने उनके रवैये पर ऐतराज जताना शुरू किया, तो घर में झगड़े बढ़ने लगे।

अशरफ शेख के साथ खुशी कुमारी परिहार।

अशरफ शेख के साथ खुशी कुमारी परिहार।

कुछ महीनों पहले ही खुशी ने अशरफ के साथ रहकर बिना रोक-टोक वाली जिंदगी बिताने के लिए गरीब मां-बाप का घर छोड़ दिया। परिवार ने जब आपत्ति जताई तो खुशी ने उनसे रिश्ता तोड़ लिया। वो कहती थीं कि वो गरीबों की तरह नहीं रहना चाहतीं। घर छोड़ने के बाद से ही खुशी ने घरवालों से संपर्क तोड़ लिया था।

परिवार का बयान लेने के बाद 13 जुलाई को ग्रामीण अपराध शाखा पुलिस विभाग ने खुशी के लिव-इन पार्टनर अशरफ की गिट्टीखदान स्थित घर से गिरफ्तारी की, जहां वो खुशी के साथ रहा करता था। अशरफ ने पूछताछ में कहा कि वो पिछले कई दिनों से खुशी से नहीं मिला था, हालांकि पुलिस को उसका ये बयान अटपटा लगा।

सीसीटीवी फुटेज में बॉयफ्रेंड के साथ कार से जाती दिखी थीं खुशी

अशरफ के मुकरने के बाद पुलिस ने नागपुर-पांडुरना हाईवे के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए। जांच में अशरफ की कार (एमएच-03 एएम 4764), 12 जुलाई की रात 9 बजकर 30 मिनट में टोल नाका क्रॉस करती हुई सीसीटीवी में कैप्चर हुई। जूम करके देखा गया तो उस समय खुशी कुमारी भी अशरफ के साथ मौजूद थीं।

हालांकि जब 12-13 जुलाई की दरमियानी रात 2 बजकर 30 मिनट पर अशरफ की कार टोल पार कर लौटी, तब वो कार में अकेला ही था।

ये सबूत पुलिस के लिए काफी थे। उन्होंने इस बार सख्ती से अशरफ से पूछताछ की। इस बार वो टूट गया। इकबाले-ए-जुर्म में कबूल कर लिया कि उसने खुशी कुमारी की हत्या कर दी।

अशरफ ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसकी मुलाकात साल 2018 में खुशी कुमारी परिहार से हुई थी। दोस्ती प्यार में बदली और दोनों गिट्टीखदान इलाके के किराए के घर में लिव इन में रहने लगे।

चंद महीनों तक खुशी इस रिश्ते में बेहद खुश रहीं, लेकिन फिर दोनों के बीच कड़वाहट आने लगी। मॉडलिंग की दुनिया का बड़ा नाम बनने का सपना देखने वालीं खुशी के तौर-तरीके अशरफ को चुभने लगे थे। वो अक्सर उनकी लेट नाइट पार्टी, लेट नाइट मॉडलिंग शोज और अलग-अलग लोगों से हो रहीं मुलाकातों पर आपत्ति जताता था। इस बात पर दोनों का जमकर झगड़ा होता था।

वहीं दूसरी तरफ खुशी, अशरफ के लिए इतनी जुनूनी थीं कि उन्होंने अपने हाथ में उनके नाम का टैटू तक गुदवा रखा था। वो सोशल मीडिया पर अशरफ के साथ रोमांटिक तस्वीरें शेयर करती थीं। यहां तक कि अशरफ के लिए खुशी ने धर्म बदलकर अपना नाम भी जारा शेख कर लिया था।

अनबन और झगड़ों के बीच अशरफ और खुशी ने जुलाई के आखिर में शादी करने का फैसला किया, लेकिन अशरफ का शक खुशी पर बढ़ता जा रहा था।

पुलिस को दिए गए अशरफ के बयान के अनुसार, 12 जुलाई को वो खुशी को शॉपिंग करवाने ले गया था। दोनों ने नागपुर मॉल से 6 हजार रुपए की शॉपिंग की और घर लौट आए। खुशी ने नए कपड़े पहने और रात को दोनों लॉन्ग ड्राइव पर निकले। सब कुछ ठीक था। दोनों ने नागपुर-पांडुरना हाईवे के कलमना के पास ढाबे में डिनर किया और शराब पी। देर रात दोनों ढाबे से नागपुर लौटने के लिए रवाना हुए थे।

दोनों कार में बैठे थे कि अशरफ उनके दूसरे लड़कों से रिश्ता रखने पर सवाल-जवाब करने लगा। बात जल्द ही बहस में बदल गई, जिससे दोनों के बीच गर्मागर्मी बढ़ने लगी। बहस बढ़ने के बाद गुस्से में अशरफ उन्हें सावली फाटा के पास स्थित एक पहाड़ी पर ले गया। उसने अपनी कार से टायर बदलने वाला इक्विपमेंट निकाला और उनके सिर पर दे मारा। गुस्से में अशरफ उन पर तब तक वार करता रहा, जब तक उनकी सांसें नहीं थम गईं।

खुशी की मौत होते ही अशरफ उन्हें घसीटते हुए पहाड़ से नीचे तरफ लाया, जहां पहचान मिटाने के लिए उन्होंने भारी पत्थर से उनका सिर कुचल दिया। इसके बाद वो देर रात 2 बजे अकेले घर लौट आया।

जांच में सामने आया कि अशरफ के पिता अफसर शेख नागपुर में अवैध रूप से गांजा बेचा करते थे। उनकी नागपुर में पकड़ थी, हालांकि वो कई बार इस मामले में जेल भी जा चुके थे।

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