Nagesh Samrat said- Devi did not know the original hymn | ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम…भजन गलत गा रही थीं देवी’: भजन का विरोध करने वाले नागेश बोले- वो दिनभर अल्लाह-अल्लाह करें हमें क्या, देवी का पलटवार – Patna News

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती (25 दिसंबर) पर पटना में आयोजित समारोह में महात्मा गांधी के भजन ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम…’ पर जारी विवाद के बाद पहली बार विरोध करने वाले नागेश सम्राट ने अपना पक्ष रखा।

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दैनिक भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में हिंदू पुत्र संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेश सम्राट ने कहा, ‘देवी को मूल भजन पता नहीं था। हम लोगों ने केवल उनसे इसका मूल भजन गाने का रिक्वेस्ट किया था। इसके अलावा कुछ नहीं कहा था। जिन लोगों ने कभी राम को नहीं माना उनके इशारे पर देवी हमें बदनाम करने का षड्यंत्र रच रही हैं।’

वहीं, इस पर जब दैनिक भास्कर ने देवी से बात की तो उन्होंने कहा, ‘ये लोग झूठ बोल रहे हैं। इन्हें बस अल्लाह के नाम से चिढ़ था। ये सुनते ही उग्र हो गए। अगर उन्हें मूल स्वरूप गंवाना था तो लिख कर देते। मुझे भजन गाने देते। 25-30 आदमी मंच छोड़कर कुर्सी की तरफ बढ़ने लगे। हंगामा करने लगे। ये लोग इतना उग्र हो गए कि मुझे गाना बीच में छोड़ना पड़ा था। अश्विनी चौबे जी को बीच-बचाव करना पड़ा।’

अब पढ़िए नागेश सम्राट ने पूरे विवाद पर क्या कहा…

सवाल- अटल जयंती पर आप लोगों ने हंगामा क्यों किया?

जवाब- उस दिन तुलसी एकादशी भी थी। हमलोगों ने सबसे पहले तुलसी पूजा की। हजारों की संख्या में वहां हम लोग थे। तुलसी पूजन में अश्विनी चौबे और उनके बेटे अर्जित शाश्वत भी थे। गायिका देवी को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया था। सम्मान के बाद उन्हें भजन गाने के लिए कहा गया।

जब वे भजन गाने लगीं तो हम लोगों ने केवल उनसे इतना कहा कि आप हमारा मूल भजन गा सकती हैं तो वही गाइए। लेकिन, उन्होंने इस बात को समझा ही नहीं और अब बाहर जाकर कुछ भी बोल रहीं हैं। उन्हें मूल भजन पता ही नहीं है।

सवाल- आपको समस्या गांधी जी से थी या देवी ने जो गाया उससे ?

जवाब- गांधी जी हमारे राष्ट्रपिता हैं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उनसे हमें समस्या कैसे हो सकती है। जब गांधी जी से दिक्कत नहीं है तो उनके गाए भजन से हमें दिक्कत कैसे हो सकती है। जब हमने कहा कि हमारी संस्कृति में जो मूल भजन गाया गया है, वो भजन हम आपसे गाने के लिए कहे तो ये कहां का अपराध है। हम उन्हें मूल भजन गाने के लिए कह रहे थे और वो मीडिया में आकर आरोप लगा रही हैं कि उन्हें गांधी जी के गाए भजन से आपत्ति है। ये गलत है।

सवाल- क्या आपको ईश्वर-अल्लाह के नाम से आपत्ति है?

जवाब- नहीं, मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। वो अल्लाह-अल्लाह करें इससे मुझे क्या है। हमें कहीं किसी से कोई आपत्ति नहीं है। हमने सनातन के अपने मूल भजन को सुनने की डिमांड की। अगर उन्हें नहीं आ रहा था तो वे कहतीं कि उन्हें नहीं आता है। मुझे लिख कर दे दीजिए। लेकिन ऐसा उन्होंने कुछ नहीं किया। अब वो इसे गलत तरीके से पेश कर रही हैं। इससे हम सभी रामभक्तों को दुख हो रहा है। हमने बस गायिका से एक सही गाना गाने की डिमांड की थी। गाने की डिमांड करना कोई अपराध है क्या।

सवाल- क्या मूल भजन आपको आता है? गाकर सुनाइए।

बिल्कुल याद है।

रघुपति राघव राजाराम

पतित पावन सीताराम ॥

सुंदर विग्रह मेघश्याम

गंगा तुलसी शालग्राम ॥

भद्रगिरीश्वर सीताराम

भगत-जगतप्रिय सीताराम ॥

जानकी रमना सीता राम

जय जय राघव सीता राम।

इसमें सीता जी का 5 बार नाम लिया गया है। कुछ लोगों को सीता जी से भी दिक्कत है। जिस भजन में 5 बार सीता जी का जिक्र है, उस भजन से किसको आपत्ति हो सकती है।

सवाल- ईश्वर-अल्लाह शब्द तो गांधी जी ने जोड़ा था। इससे क्या दिक्कत है?

जवाब- 1930 में महात्मा गांधी ने लोगों को जोड़ने के लिए उस समय की परिस्थितियों के लिहाज से ये भजन गया। लोग जुड़े तो नहीं, लेकिन देश का विभाजन होते चला गया। गांधी जी ने जोड़ा, ये सब कोई जानता है। लेकिन मेरा जो मूल सांस्कृतिक भजन है, लक्ष्मणाचार्य जी का गाया हुआ है, मूल भजन है। गांधी जी तो उस समय की दृष्टि के हिसाब से ये भजन गया था।

सवाल- जिस तरीके से जय श्रीराम का नारा भजन के बीच लगाया गया, क्या ये जायज है?

जवाब- वहां सभी राम भक्त पहुंचे थे। सभी ने तुलसी पूजा की थी। भगवाधारी पहुंचे थे। उनके हृदय में प्रभु राम प्रफुल्लित थे। राम समाए हुए थे। वहां राम को मानने वाले डिप्टी सीएम विजय सिन्हा थे, तो क्या राम का नाम लेना भारत में अपराध है। उन पर किसी ने हूटिंग तो नहीं की। अभद्र टिप्पणी भी नहीं की। मीडिया में देवी ने राम भक्तों को गलत ठहराने का काम किया।

सवाल- देवी बोल रही हैं कि लफंगों के कारण सॉरी बोलना पड़ा?

जवाब- वो गलत बोल रही हैं। उन्हें भजन नहीं आता था इसलिए वो सॉरी बोली थीं। वो हमें सॉरी क्यों बोलेंगी। जय श्रीराम कहने पर सॉरी क्यों बोलना। वो तो हमारे साथ जय श्रीराम बोली हैं। छठ का भजन भी सुनाया। उनकी मेंटालिटी में क्या चल रहा था हमें नहीं मालूम। बुजुर्ग से लेकर युवा तक उन्हें मूल भजन गाने के लिए कहा बस। इसे वे गलत तरीके से पेश कर रही हैं। वामपंथी के इशारे पर ये षड्यंत्र रच रही हैं, ये उनका दृष्टिकोण है।

सवाल- इस घटना से देश भर में बिहार की बदनामी हुई। इसे कैसे देखते हैं?

जवाब- ये पूरी तरह गलत है। जिन्होंने कभी राम को माना ही नहीं आज वो इस पर कटाक्ष कर रहे हैं। लालू यादव जो हनुमान मंदिर को तोड़ने जा रहे थे आज वे राम जी की बात कर रहे हैं। आज तक लालू राम मंदिर गए हैं। ये कभी राम भक्त नहीं हो सकते। आज सीता का नाम लेकर कह रहे हैं कि बेटियों का अपमान हो रहा है। बिहार में बेटियों का अपमान कभी नहीं हो सकता है।

सवाल- राहुल गांधी आरोप लगाते हैं कि बीजेपी वाली गांधी को नहीं गोडसे को मानते हैं?

जवाब- राहुल गांधी को गांधी का टाइटल लगाना जायज है क्या। लेकिन वे लगाते हैं। वे गांधी के नाम का मिस यूज कर रहे हैं। ये लोग राजनीति कर रहे हैं। गांधी जी का सम्मान बिहार और केंद्र सरकार कर रही है। ये लोग माहौल खराब करना चाहते हैं। गांधी जी का सम्मान हृदय से होता है। गोडसे से मेरा ज्यादा लगाव नहीं है। वे राम भक्त थे।

सवाल- कार्यक्रम के बाद भाजपा के नेताओं ने आपसे बात की?

जवाब- हां, बिल्कुल हुई। अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित भैया ने कहा कि कुछ गलत नहीं किया। लोगों ने बस कंट्रोवर्सी करा दिया। भाजपा युवा मोर्चा के नेताओं ने भी हमारा समर्थन किया। जानबूझकर केवल माहौल क्रिएट किया जा रहा है। वामपंथी इन्हें प्रवोक कर रहे हैं।

सवाल- देवी कह रही हैं कि उन्हें जान से मारने की धमकी आ रही है?

जवाब- हम लोग राम भक्त हैं। जान बचाने का काम करते हैं। इस पर हम ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे। अगर धमकी मिली है तो वे थाने में लिखित आवेदन दें। अब मुझे डर लग रहा है। वे पैसे वाले लोग हैं। उनके कई लोग हैं। मेरे पीछे आडंबर क्रिएट किया गया।

सवाल- आपकी चुनाव लड़ने की भी इच्छा है ?

जवाब- हमारी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। हमारी हैसियत भी नहीं है। किसान घर का लड़का हूं। हमारे घर के लोग सेना में हैं। भारत माता की सेवा करते हैं।

जानिए, कौन हैं नागेश सम्राट

नागेश सम्राट पटना के रहने वाले हैं। बीसीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद समाजसेवा में आ गए। 2016 से हिंदू पुत्र संगठन से जुड़े हैं। फिलहाल इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस संगठन के राज्य भर में मेंबर हैं। ये गोरक्षा, ब्लड डोनेशन और बालिका सुरक्षा पर काम करते हैं। नागेश भाजपा युवा मोर्चा से भी जुड़े थे।

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