वाराणसी में गर्मी के प्रकोप को देखते हुए नगर निगम ने गोदौलिया चौराहे पर स्प्रिंकलर लगवाए गए हैं। इसके अलावा मिस्ट गन से भी रोस्टरवार सड़कों और भीड़ वाले इलाकों में पानी का छिड़काव कराने की शुरुआत की गई है। स्प्रिंकलर के लगने के बाद इसके नीचे खड़े होक
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![गर्मी से पर्यटकों को मिलेगा राहत](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/31/1001309734_1717109848.jpg)
गर्मी से पर्यटकों को मिलेगा राहत
सुबह 7 से शाम 7 बजे तक चलेगा स्प्रिंक्लर मशीन
इस मशीन को लगाने वाले वर्कर ने बताया कि गोदौलिया चौराहे पर सुबह 7 से शाम 7 बजे तक यह स्प्रिंक्लर मशीन चलेगी। हर घंटे दो लीटर पानी की खपत होगी। 12 घंटे में 24 लीटर पानी को स्प्रे की बूंदों के रूप में यह वातावरण में फेंकेगा। एक मिनट यह मशीन चलेगी और 15 सेंकेड के लिए बंद हो जाएगी। इसके आसपास के वातावरण के तापमान में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी।
![मशीन के नीचे खड़े होनी की मची होड़।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/31/1001311033_1717109787.gif)
मशीन के नीचे खड़े होनी की मची होड़।
शहर के 74 स्थानों पर शुरू होगी पहल
नगर निगम के पीआरओ संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि यह अभी पहला लगाया गया है ऐसे और भी लगाए जाएंगे। वहीं, भीड़भाड़ वाले 74 स्थानों को चिह्नित किया गया है। जहां मिस्टगन से पानी का छिड़काव होगा इसके साथ ही 22 स्थानों पर पानी पिलाने की व्यवस्था की गई है। जहां पर मटके में पानी रखा गया है।
आइए अब जानते हैं स्प्रिंक्लर मशीन का लाभ लेने वाले पर्यटकों ने क्या कहा…
![पर्यटकों ने साझा किया अनुभव।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/05/31/1001311035_1717109755.gif)
पर्यटकों ने साझा किया अनुभव।
दिल्ली से वाराणसी पहुंचे सुशील कुमार ने बताया कि इसके नीचे खड़े होकर काफी ठंड का एहसास हो रहा है यहां के स्थानीय प्रशासन किया काफी अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि इससे गर्मी से काफी राहत मिलेगी।
वाराणसी के रहने वाले राकेश ने बताया कि यह व्यवस्था काफी अच्छी है ऐसे ही बनारस की कई और क्षेत्र में से लगाना चाहिए इसके नीचे खड़े होकर एकदम ठंड का एहसास हो रहा है मानो गर्मी खत्म हो गई हो।
आशुतोष ने बताया कि इसके नीचे खड़े होने पर काफी अच्छा महसूस हो रहा है। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को गर्मी से थोड़ा राहत मिलेगा। इसको शहर के और क्षेत्र में भी लगवाना चाहिए खासकर मंदिर के आसपास इसकी संख्या को बढ़ाना चाहिए।