सावन के पहले सोमवार पर मध्यप्रदेश से शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। कांवड़िए पवित्र जल लेकर अभिषेक करने पहुंच रहे हैं।
श्रावण के पहले सोमवार पर उज्जैन में तड़के 2:30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खोले गए, जो रात 10 बजे शयन आरती तक खुले रहेंगे। शाम 4 बजे महाकाल नई पालकी में प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। ये पहली सवारी वैदिक उद्घोष की थीम पर निकाली जाएगी।
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नई पालकी एक वर्ष पहले भिलाई के एक भक्त ने गुप्त दान में दी थी। इसमें सागौन की लकड़ी और स्टील के पाइप का उपयोग किया है। पालकी पर करीब 20 किलो 600 ग्राम चांदी का आवरण है। 100 किलो वजनी पालकी की लंबाई 17 फीट है। यह तीन फीट चौड़ी और पांच फीट लंबी है। पालकी को उठाने वाले हत्थे पर सिंह मुख की आकृति बनाई गई है। चांदी के आवरण पर सूर्य, स्वास्तिक, कमल पुष्प और दो शेरों की नक्काशी की गई है।
खंडवा के ओंकारेश्वर में सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। ओंकार महाराज का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया। नैवेद्य में 56 भोग अर्पित किए गए।
ग्वालियर में अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया गया है। रायसेन के भोजपुर में 11 बजे तक करीब 40 हजार भक्त भोजेश्वर महादेव का दर्शन-पूजन कर चुके हैं। भोपाल के बड़वाले महादेव, गुफा मंदिर, छतरपुर के जटाशंकर धाम में भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जा रही है।
खजुराहो में भक्त 18 फीट ऊंचे मतंगेश्वर महादेव का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। नर्मदापुरम में सेठानी घाट से कांवड़ यात्रा निकाली गई। कांवड़िए नर्मदा जल लेकर पचमढ़ी जाएंगे, जहां जटाशंकर महादेव का अभिषेक करेंगे।

बाबा महाकाल का भस्म चढ़ाने के बाद श्रृंगार किया गया।

भगवान ओंकार का नर्मदा जल से अभिषेक हुआ।

कुंड में दर्शन के बाद जटाशंकर को बेल पत्र चढ़ाए गए।

अचलेश्वर महादेव का दूध से अभिषेक कर मंगल कामना की गई।

भगवान पशुपतिनाथ के अभिषेक के लिए भक्त कांवड़ में नर्मदा जल लेकर पहुंचे।

बड़वाले महादेव का जलाभिषेक और पूजन-अर्चन किया जा रहा है।

भोजेश्वर मंदिर में सुबह 11 बजे कर 40 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे।

अष्टमुखी पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए आज 25 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।

खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर में 18 फीट ऊंचे शिवलिंग का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है।

रायसेन के सोमेश्वर धाम के पट बंद होने पर भक्तों ने पाइप से शिवलिंग का अभिषेक किया।

नर्मदापुरम में सेठानी घाट से नर्मदा जल लेकर कांवड़िए पचमढ़ी के जटाशंकर महादेव मंदिर निकले।

उज्जैन में महाकाल मंदिर का ड्रोन व्यू। बाबा आज रात 10 बजे शयन आरती तक दर्शन देंगे।

