मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आने वाले उद्योग समूहों की लिस्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अडाणी इंडस्ट्री के चेयरमैन गौतम अडाणी, बिरला ग्रुप के कुमारमंगलम बिड़ला, गोदरेज समूह के नादिर गोदरेज, जे
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सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नोएल टाटा ने भी सहमति दे दी है, लेकिन अब तक उनका शेड्यूल नहीं आया है। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, विप्रो के अजीम प्रेमजी, जेएसडब्ल्यू के सज्जन जिंदल और महिंद्रा ग्रुप से आनंद महिंद्रा की सहमति 19 फरवरी तक नहीं मिल पाई है। इन्वेस्टर्स समिट के 3 दिन पहले तक सहमति नहीं मिलने से माना जा रहा है कि इनके आने की संभावना नहीं है।
मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीएसआईडीसी) के अधिकारियों के मुताबिक समिट के लिए करीब 22 हजार रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इसमें उद्योग जगत से जुड़ीं महिलाएं भी शिरकत कर रही हैं। बता दें कि भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। अगले दिन यानी 25 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी समिट में शामिल होंगे।
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19 फरवरी तक नहीं मिली इनकी सहमति
- अंबानी फैमिली: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, आकाश अंबानी, अनंत अंबानी की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। सरकार के अधिकारियों का तर्क है कि अब तक इनकार भी नहीं आया है। रिलायंस की एमपी यूनिट के पास भी अब तक अंबानी परिवार के किसी सदस्य के आने की कंफर्मेशन नहीं आई है।
- अजीम प्रेमजी: विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी को भी सरकार ने आमंत्रण भेजा है। प्रेमजी की तरफ से इस आमंत्रण पर कोई जवाब नहीं आया है।
- आनंद महिंद्रा: महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का भी शेड्यूल 19 फरवरी तक नहीं आया है।
- सज्जन जिंदल: जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल और उनके बेटे पार्थ जिंदल की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। बताया गया है कि इस दौरान सज्जन जिंदल यूरोप में रहेंगे।
क्यों है इनके आने पर संशय? इसे ऐसे समझिए- अडाणी समूह के गौतम अडाणी और बिरला ग्रुप के कुमारमंगलम बिड़ला ने दस दिन पहले ही इन्वेस्टर्स समिट में आने की सहमति दे दी है। इनकी भोपाल में आने से लेकर समिट तक पहुंचने की सारी व्यवस्थाओं के लिए सरकार की तरफ से लाइजनिंग अधिकारी की नियुक्ति की गई है।
ये अधिकारी लगातार इनके दफ्तरों से संपर्क में हैं। वे यदि चार्टर्ड प्लेन से आने वाले हैं तो एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से कॉन्टैक्ट करने की जिम्मेदारी भी इसी अधिकारी की होगी। उनके होटल की बुकिंग और वाहनों की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी लाइजनिंग अधिकारी की होगी। जिन लोगों के आने की सहमति नहीं मिली है, उनके लिए अभी किसी तरह की व्यवस्था नहीं हुई है।
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बाबा रामदेव ने भी अब तक सहमति नहीं दी पतंजलि ग्रुप के योग गुरु बाबा रामदेव 2014 के इन्वेस्टर्स समिट में प्रमुख चेहरा रहे हैं। तब उन्होंने कहा था कि वे मध्यप्रदेश में जींस, पेंट, साड़ी, कोट से लेकर लंगोट तक बनाएंगे। रामदेव ने कहा था- हमें 45 एकड़ जमीन ही मिली है। इतने में तो हम कबड्डी खेलते हैं। हमें और जमीन चाहिए।
पतंजलि ग्रुप जो कर रहा है, उससे प्रदेश के किसानों को दस हजार करोड़ रुपए की आय होगी। दस हजार किसानों को रोजगार दिलाएंगे।
हालांकि, पतंजलि ग्रुप का 10 साल में प्रदेश में वैसा विस्तार नजर नहीं आया है।
तीन हजार महिला उद्यमी भी होंगी शामिल इन्वेस्टर्स समिट के लिए 22 हजार रजिस्ट्रेशन हुए हैं, इनमें 3 हजार महिलाएं भी हैं। इनमें से 1300 महिलाएं एमएसएमई और स्टार्टअप समिट में भागीदारी करेंगी। पारले ग्रुप की सीईओ शाउना चौहान ने भी समिट में शामिल होने के लिए सहमति दी है।
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सरकार का तर्क- पिछली समिट से ज्यादा इंपैक्टफुल होगी सरकार का तर्क है कि इस साल की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पिछली समिट से ज्यादा इंपैक्टफुल होगी। वजह ये है कि सरकार ने पिछले साल आठ रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों के अलावा कोलकाता, बेंगलुरु, कोयंबटूर में आयोजित कॉन्क्लेव में सीएम डॉ. मोहन यादव और अधिकारियों ने उद्योगपतियों से मुलाकात की थी।
समिट के जरिए सरकार 2 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिलने का दावा कर रही है। इस समिट में एमओयू साइन नहीं होंगे। जो उद्योगपति निवेश करना चाहते हैं, वे इंटेंट लेटर सरकार को देंगे। इसमें लिखा होता है कि वे किस सेक्टर में कितना निवेश करना चाहते हैं।
साल 2023 में इंदौर में हुई इन्वेस्टर्स समिट में 15 लाख करोड़ के प्रस्ताव सरकार को मिले थे। सरकार का दावा है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इससे कहीं ज्यादा निवेश के प्रस्ताव मिलेंगे।
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जापान-कनाडा के प्रतिनिधिमंडल भी होंगे शामिल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में जापान, यूके, जर्मनी और कनाडा के प्रतिनिधिमंडल भी हिस्सा लेंगे। जापान का यूनिक्लो टेक्सटाइल समूह मप्र में बड़ा निवेश करने की तैयारी में है। इस समूह के 15 सदस्य समिट में हिस्सा लेने आएंगे। कंपनी टेक्सटाइल का बड़ा काम मध्यप्रदेश में आउटसोर्स कर सकती है।
वहीं, कनाडा का एक निजी समूह मैक्कैन 4500 करोड़ रुपए का निवेश फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में करेगा। ये समूह दुनिया में आलू से बनने वाले प्रोडक्ट का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा यूके, जर्मनी और जापान जैसे देश कंट्री पार्टनर के रूप में मप्र की निवेश योजनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाएंगे। इन देशों के 30-30 सदस्यों के दल जीआईएस में आएंगे।
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समिट में 500 प्रवासी भारतीय भी आएंगे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 15 देशों के 500 एनआईआर यानी प्रवासी भारतीय भी शामिल होंगे। इनके लिए प्रवासी मध्यप्रदेश समिट का आयोजन होगा। इस समिट में ‘फ्रेंडस ऑफ एमपी’ टीम के सदस्यों की विशेष भागीदारी रहेगी।
डेढ़ घंटे की इस समिट को अबू धाबी चैप्टर की चेयरमैन लीना वैद्य, बोस्टन चैप्टर के चेयरमैन प्रमित माकोड़े, यूके चैप्टर के चेयरमैन रोहित दीक्षित, जेराल्ड क्रॉस लंदन यूके चैप्टर की प्रेरणा भारद्वाज, हाउस ऑफ लॉर्ड्स यूके की लॉर्ड रेमी रेंजर संबोधित करेंगी। प्रवासी भारतीय समिट की जिम्मेदारी ओवरसीज विभाग को दी गई है।
समिट के बाद प्रवासी भारतीयों को भोपाल के आसपास के टूरिस्ट प्लेस जैसे सांची, भीमबैठका, उदयगिरी समेत कई स्थानों पर घुमाया जा सकता है। विदेशी मेहमानों के लिए कलियासोत ग्राउंड पर 108 टेंट की नई ‘सिटी’ बन रही है। इनमें 5 स्टार होटल्स जैसी सारी सुविधाएं रहेंगी। एयर कंडिशनर से लेकर डबल बेड, लाइटिंग, वॉक के लिए बगीचा रहेगा ताकि वे प्रकृति को करीब से जान सकेंगे।
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भोपाल के कलियासोत ग्राउंड पर विदेशी मेहमानों के लिए 5 स्टार टेंट सिटी बन रही है।
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जीआईएस में आने वाले मेहमानों का स्वागत वेलकम ड्रिंक के रूप में मसाला छाछ और सूप में टमाटर-धनिए के शोरबे से किया जाएगा। लंच और डिनर में 70 से अधिक व्यंजन परोसे जाएंगे। इनमें मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, पंजाब और दक्षिण भारतीय व्यंजन तो होंगे ही, साथ ही थाई और चाइनीज फूड भी शामिल रहेगा। पढ़ें पूरी खबर
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