Mother hanged herself over her son’s dead body | लखनऊ में बेटे की लाश के ऊपर मां ने फांसी-लगाई: जहां बेटा मरा था, वहीं पेड़ में फंदा लगाकर जान दे दी, शक के घेरे में पति – Lucknow News

लखनऊ के बंथरा थाना इलाके में बेटे की मौत को मां सहन नहीं कर सकी। जिस पेड़ के नीचे उसकी लाश थी, उसी पेड़ में फंदा लगाकर मांं ने सुसाइड कर लिया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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पुलिस की मानें तो मां के दुपट्टे के फंदे से ही बेटे की जान गई। जिसके बाग सदमें में उसने फांसी लगा लिया। हालांकि महिला के पति को भी पुलिस संदिग्ध मान रही है।

भौकापुर निवासी गिरजा शंकर शुक्ला का गांव के पास में आम का बाग है। बुधवार दोपहर करीब एक बजे उनका भाई राजेश शुक्ला बाग की तरफ पहुंचा। जहां आम के पेड़ के नीचे किशोर का शव पड़ा दिखा। वहीं पेड़ से फंदे से लटकता महिला का शव भी मिला। राजेश ने गांव वालों को बताया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई।

ग्रामीणों ने मृतकों की पहचान पड़ोसी गांव लाऊखेड़ा निवासी मनोज यादव के बेटे निर्पेश (11) और पत्नी अनीता (32) के रूप में की। पुलिस ने मनोज से पूछताछ की तो उसने आरोप से इनकार किया। उसने बेटे का गला कसने के बाद पत्नी के आत्महत्या करने की आशंका जताई।

11 वर्षीय निर्पेश की तस्वीर। बुधवार को आम के बगीचे में मृत मिला।

11 वर्षीय निर्पेश की तस्वीर। बुधवार को आम के बगीचे में मृत मिला।

पुलिस ने बताया कि फिलहाल प्रारंभिक जांच में पता चला कि अनीता के मना करने के बाद भी निर्पेश तालाब पर नहाने चला गया था। आशंका है कि इसी से नाराज होकर अनीता ने गुस्से में दुपट्टे से निर्पेश का गला कसा हो, जिससे उसकी मौत हो गयी।

इसके बाद अनीता ने भी फंदा लगा लिया। फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित किये हैं। पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिये भेजे गये हैं।

दो बहनों में एकलौता था निर्पेश
मनोज यादव के मुताबिक, वह लाऊखेड़ा स्थित प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करता है। परिवार में पत्नी अनीता के अलावा एक बेटा निर्पेश था। जो दो बहनों के बीच एकलौता भाई था। वह पूर्व माध्यमिक स्कूल बेंती में कक्षा सात का छात्र था। सबसे बड़ी बेटी संध्या (15) है और सबसे छोटी बेटी आराध्या (4) है। फिलहाल घटना ने दो बच्चों के सिर से मां का आंचल छीन लिया।

बाग में जिस आम के पेड़ के नीचे बेटे की लाश पड़ी थी, मां ने उसी पेड़ में फंदा लगाकर सुसाइड किया।

बाग में जिस आम के पेड़ के नीचे बेटे की लाश पड़ी थी, मां ने उसी पेड़ में फंदा लगाकर सुसाइड किया।

दाेनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था
मनोज ने बताया कि वह रात की ड्यूटी करता है। सुबह करीब सात बजे ड्यूटी से घर लौटने के बाद सोने जा रहा था। करीब 11.30 बजे निर्पेश मवेशी चराकर कर घर लौटा था। वह अनीता से घर से कुछ दूरी पर तालाब में नहाने जाने की जिद कर रहा था। अनीता ने मना कर दिया था। इसके बाद भी निर्पेश दुपट्टा लेकर तालाब पर नहाने चला गया था। इसके बाद वह सो गया था। करीब एक बजे घटना का जानकारी हुई।

गुस्से में दुपट्टे से गला कसने की आशंका
ऐसी आशंका भी जताई जा रही है कि मना करने के बाद भी निर्पेश के तालाब पर नहाने जाने से नाराज होकर गुस्से में पहुंची। डराने की मंशा से गुस्से के कारण दुपट्टे से बेटे का गला कस दिया। अधिक कसाव के कारण बेटे की मौत हो गई। इसके बाद आत्मग्लानि और सदमे के चलते उसने भी उसी दुपट्टे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

जिस तालाब में नहाने जाने की बात, उसमें भी पानी कम
मनोज के घर से बाग की दूरी करीब दो सौ से तीन सौ मीटर है। इसके अलावा बाग के पास ही लाऊखेड़ा में प्लाईवुड की फैक्ट्री है। इसी तरह तालाब भी घर से करीब चार सौ मीटर की दूरी पर है। घटना भी करीब 12 बजे के आसपास की बताई जा रही है। पूरे घटना क्रम को लेकर कई सवालिया निशान उठ रहे हैं।

पुलिस और मनोज की बातें और उलझा रहीं
एक तरफ पुलिस और पति कह रहे हैं कि किसी ने मां-बेटे को साथ जाते नहीं देखा। जिस तालाब में नहाने जाने के लिये निर्पेश जिद कर रहा था। हल्का इंचार्ज घीसू राम सरोज का कहना है कि उस तालाब में इतना पानी ही नहीं की कोई नहा सके। इसी तरह मनोज का कहना है कि सात बजे वह ड्यूटी से लौटा था। 11.30 बजे सोने से पहले उसने मां बेटे की बातें सुनीं थी।

बड़ा सवाल यह है कि यदि पत्नी इतने गुस्से में दिखी तो उसे रोका क्यों नहीं। घटना स्थल घर से महज दो सौ मीटर पर है, फिर भी वह मौके पर बिना बुलाये क्यों नहीं पहुंचा

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