राजधानी में इंदौर और नर्मदापुरम रोड जानलेवा होती जा रही हैं। खजूरी सड़क थाना क्षेत्र में वर्ष 2024 में 137 सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 25 लोगों की जान गई। वहीं मिसरोद थाना क्षेत्र में एक साल के भीतर 156 हादसों में 23 लोगों की मौत हुई।
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अहम बात ये है कि बीते साल में भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में 2023 के मुकाबले 6 सड़क हादसे कम हुए, लेकिन मृत्यु दर 20% तक बढ़ गई है। भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के सभी थाना क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों का विश्लेषण करने पर ये तथ्य सामने आए हैं। ये आंकड़ा सामने आने के बाद भोपाल पुलिस उन स्थानों को रिडिजाइन करवाने की प्लानिंग कर रही है, जहां सड़क हादसे या उनमें मौत का ग्राफ ज्यादा है।

भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में 2023 के मुकाबले 6 सड़क हादसे कम हुए, लेकिन 20% बढ़ी मृत्यु दर
बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने के बाद वाहनों की रफ्तार बढ़ी, ढाबे भी बन रहे दुर्घटनाओं की वजह
थाना मिसरोद : 15 किमी का हाइवे, 10 डेंजर स्पॉट दानिश नगर चौराहे से समरधा पुलिया तक करीब 15 किमी का हिस्सा मिसरोद थाना क्षेत्र में नर्मदापुरम हाइवे पर आता है। यहां पहले बीआरटीएस कॉरिडोर हादसों की वजह बनता था। अब खुली और चौड़ी सड़क पर बढ़ी वाहनों की रफ्तार मौत का कारण बन रही है। रात के वक्त डंपरों की तादाद ज्यादा है और ढाबों पर खाने के लिए भी काफी लोग सड़क पर उतरते हैं।
डेंजर स्पॉट: दानिश नगर कट पॉइंट, आशिमा मॉल कट पॉइंट, सुरेंद्र लैंडमार्क कट पॉइंट, शनि मंदिर कट पॉइंट, शिव मंदिर (मिसरोद थाने के पास) कट पॉइंट, कई कॉलोनियों के एंट्री-एग्जिट पॉइंट।
खजूरी सड़क : 28 किमी हाइवे, 6 बड़े डेंजर स्पॉट भैंसाखेड़ी के पास से सीहोर टोल नाका के बीच करीब 17 किमी और 11 मील तिराहे से रक्षा विहार कॉलोनी के बीच करीब 11 किमी का हिस्सा खजूरी सड़क थाना क्षेत्र में आता है। इन 28 किमी के हाइवे-बायपास में ऐसे 6 पॉइंट हैं, जहां सड़क हादसे ज्यादा होते हैं। इसलिए इन्हें डेंजर स्पॉट माना गया है। इनमें भी चिरायु मेडिकल कॉलेज के पास एक साल में सबसे ज्यादा 8 हादसे हुए, इनमें 2 लोगों की जान गई।
डेंजर स्पॉट: फंदा चौराहा, 11 मील, भौंरी चौराहा, भौंरी बंगला चौराहा, भैंसाखेड़ी जोड़, कोल्हूखेड़ी जोड़।
हर जोन के डीसीपी की भी जिम्मेदारी- दुर्घटनाएं कम हों...फिर भी आंकड़े चिंताजनक
जोन-01 : 679 हादसों में 54 की मौत जोन-01 में टीटी नगर, कमला नगर, रातीबड़, जहांगीराबाद, ऐशबाग, बजरिया, हबीबगंज, अशोका गार्डन और शाहपुरा थाने आते हैं। यहां 2024 में 679 हादसों में 54 लोग मारे गए।
जोन-02 : 44% बढ़ी मृत्यु दर: गोविंदपुरा, पिपलानी, अवधपुरी, एमपी नगर, अरेरा हिल्स, अयोध्या नगर, मिसरोद, कटारा हिल्स और बागसेवनिया थाने आते हैं। 2023 में यहां 50 लोगों की मौत हुई। इस साल आंकड़ा 72 है।
जोन-03 : 510 हादसों में 34 जानें गईं: कोतवाली, तलैया, श्यामला हिल्स, शाहजहांनाबाद, टीला जमालपुरा, कोहेफिजा, हनुमानगंज, गौतम नगर व मंगलवारा थाने आते हैं। सालभर में यहां दुर्घटनाओं में 34 जानें चली गईं।
जोन-04 : 42% बढ़ी मृत्यु दर: निशातपुरा, छोला मंदिर, गांधी नगर, बैरागढ़, खजूरी सड़क, चूना भट्टी और कोलार थाने। यहां 2023 में दुर्घटनाओं में 53 मौत के मुकाबले 2024 में 75 मौत हुई हैं। मृत्यु दर 42% तक बढ़ी है।