More than 300 Gujaratis stranded in Nepal | नेपाल में फंसे 300 से ज्यादा गुजराती: अहमदाबाद के 9 लोगों को वृद्धाश्रम में रखा; हिंसा के बीच वीडियो बनाकर सरकार से मदद मांगी – Gujarat News

नेपाल में जारी राजनीतिक संकट के बीच, भावनगर के 43 और अहमदाबाद के 9 लोगों समेत गुजरात के 300 से ज्यादा लोग फंस गए हैं। बताया जा रहा है कि इन सभी गुजरातियों को फिलहाल होटलों और वृद्धाश्रमों समेत कई जगहों पर सुरक्षा के बीच रखा गया है।

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उन्होंने नेपाल से एक वीडियो बनाकर सरकार से मदद मांगी है। इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय पार्षद उपेंद्र सिंह ने सभी फंसे हुए लोगों की खबर ली और तुरंत विधायक जीतू वाघानी को इसकी जानकारी दी। जीतू वाघानी ने फंसे हुए लोगों से फोन पर बात की है और सभी को सुरक्षित स्थान पर रहने की हिदायत दी है।

साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को भी इस स्थिति से अवगत करा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने एक्स पर पोस्ट करके आश्वासन दिया है कि भारत सरकार जल्द ही सभी फंसे हुए लोगों को इस आपदा से बाहर निकाल लेगी।

ये लोग 29 अगस्त को नेपाल रवाना हुए थे भावनगर के नारी गांव के 43 पर्यटक 29 अगस्त को टूर एंड ट्रैवल्स के साथ देव दर्शन के लिए नेपाल के लिए रवाना हुए थे। इन 43 लोगों में बस चालक और रसोइया भी शामिल हैं। ये लोग बिहार से जनकपुर पहुंचे थे। वहां से काठमांडू और फिर पोखरा पहुंचे थे। ये सभी यात्री नेपाल के पोखरा गेस्ट हाउस में सुरक्षित हैं।

भावनगर के विधायक जीतू वघानी और नगरसेवक उपेंद्रसिंह चुडासमा ने रात में इनसे टेलीफोन पर संपर्क किया। विधायक ने गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री और भारत सरकार को इन्हें सुरक्षित निकालकर भारत वापस लाने की सूचना दी। इस बीच, भारत सरकार और गुजरात सरकार भी इन पर्यटकों के लगातार संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घटना के संबंध में तुरंत केंद्र सरकार से संपर्क किया।

भावनगर के नारी गांव से नेपाल गए 43 पर्यटक एक होटल में सुरक्षित हैं।

भावनगर के नारी गांव से नेपाल गए 43 पर्यटक एक होटल में सुरक्षित हैं।

भारतीयों से बाहर न निकलने की अपील भारत सरकार ने नेपाल में फंसे पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे अभी होटल या गेस्ट हाउस में ही रुकें और बाहर न निकलें। कुछ बुज़ुर्ग पर्यटकों को पानी, भोजन और दवा की जरूरत के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन पर्यटकों को जल्द से जल्द वापस लाने की व्यवस्था की जा रही है।

गौरतलब है कि भावनगर के लोगों में उत्तर भारत की यात्रा का खासा क्रेज है। खासकर उत्तर काशी, चार धाम, नेपाल समेत अन्य तीर्थ स्थलों की यात्राएं एक से तीन महीने पहले ही बुक हो जाती हैं।

विधायक जीतू वघानी ने वीडियो कॉल से नेपाल में फंसे गुजरातियों से बातचीत की।

विधायक जीतू वघानी ने वीडियो कॉल से नेपाल में फंसे गुजरातियों से बातचीत की।

अहमदाबाद के 9 लोग नेपाल में फंसे नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच, अहमदाबाद के वस्त्राल स्थित आराक्ति सोसाइटी के तीन परिवारों के कुल 9 सदस्य फंसे हुए हैं। ये सभी लोग 1 सितंबर को यात्रा पर निकले थे और 12 सितंबर को लौटने वाले थे, लेकिन नेपाल में तनावपूर्ण स्थिति के कारण वहां फंस गए।

नेपाल में फंसी राजकोट की एक महिला ने नाम न छापने की शर्त पर दिव्य भास्कर से बातचीत की। इसमें उन्होंने बताया कि मैं यहां दर्शन करने आई थी। हम सोमवार सुबह 10 बजे काठमांडू एयरपोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन फ्लाइट कैंसिल होने के कारण वहीं फंस गए। मेरे जैसे 300 से ज्यादा अन्य भारतीय भी एयरपोर्ट पर थे। एयरपोर्ट पर कोई स्टाफ नहीं था और बाहर हो रहा हंगामा बेहद डरावना था। कुछ घंटों बाद एयरपोर्ट का स्टोर भी बंद हो गया। इससे हमारा डर और बढ़ गया।

भारतीय दूतावास के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली और हम सभी लोगों को अलग-अलग होटलों में रहने-खाने समेत सभी सुविधाएं मुहैया कराई गईं। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि हम कब लौट पाएंगे क्योंकि गुरुवार को भी उड़ानें बंद हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि अब हालात सामान्य होते जा रहे हैं।

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