Monsoon weakened after hitting Kerala | केरल में दस्तक के बाद कमजोर पड़ा मानसून: कहीं भी रुके या अटके; मध्य प्रदेश में 15 जून या उससे पहले पहुंच सकता है मानसून – Bhopal News


केरल और मुंबई में सामान्य से 8 से 10 दिन पहले दस्तक देने वाला मानसून अब कमजोर पड़ गया है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी धीमी रफ्तार के बावजूद मध्यप्रदेश में यह तय वक्त यानी 15 जून तक या उससे पहले पहुंच सकता है। मौसम वैज्ञानिक एके शुक्

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  • पहला : शियर जोन बनना। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में जब विपरीत दिशा से आने वाली हवाएं आपस में टकराती हैं, तो एक विशेष क्षेत्र बनता है जिसे इंटर ट्रॉपिकल कन्वर्जेंस जोन (आईटीसीजेड) कहते हैं। इसी टकराव को शियर जोन कहा जाता है। इससे मानसून को जरूरी ऊर्जा मिलती है, जिससे वह आगे बढ़ता है।
  • दूसरा: भूमध्य रेखा पार करने के बाद हवाओं की दिशा दक्षिण-पूर्वी से बदलकर दक्षिण-पश्चिमी हो जाती है। दक्षिणी गोलार्द्ध से आने वाली हवा और उत्तरी गोलार्द्ध से आने वाली हवा के टकराव से बना यह शियर जोन सेटेलाइट से भी देखा जा सकता है।

30 साल में 7 बार बिना बड़े सिस्टम के मानसून की दस्तक

मप्र में मानसून की 15 जून के आसपास एंट्री होती है। मौसम वैज्ञानिक मानते हैं कि इस दौरान शियर जोन बनने के पूरे आसार हैं। साथ ही, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में भी किसी सिस्टम के सक्रिय होने की संभावना बनी हुई है। पिछले 30 सालों में 7 बार ऐसा हुआ है जब कोई बड़ा सिस्टम नहीं बना, फिर भी मानसून ने तय समय पर मध्यप्रदेश में दस्तक दी।

समझिए, क्यों अटका मानसून

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की हाइड्रो-मेट्री टीम के सदस्य डॉ. पंकज कुमार बताते हैं कि इस बार बंगाल की खाड़ी में बना डीप डिप्रेशन भी मानसून को अपेक्षित ऊर्जा नहीं दे सका। मानसून की दो शाखाएं होती हैं, एक- अरब सागर ब्रांच और दूसरी बंगाल की खाड़ी ब्रांच। इस बार अरब सागर की ब्रांच काफी कमजोर पड़ गई है, जबकि बंगाल की खाड़ी वाली ब्रांच के जरिए मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।

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