मोहाली की डीसी आशिका जैन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग करती हुई
पंजाब के मोहाली में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में हो रही वृद्धि पर चिंता जताते हुए डिप्टी कमिश्नर (डीसी) आशिका जैन ने एक आपात बैठक बुलाई। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दीपक पारीक समेत विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। बैठक का मुख्य
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कर्तव्य में लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई डीसी आशिका जैन ने बैठक में आग की घटनाओं का घटना-वार विश्लेषण करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी सूरत में कर्तव्य में लापरवाही या अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी), और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के उल्लंघन पर जवाबदेह ठहराने की बात कही। डीसी ने जोर देकर कहा कि जिम्मेदार अधिकारी इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करें और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित कदम उठाएं।
पराली प्रबंधन मशीनरी की पहुंच बढ़ाने पर जोर डीसी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी वाली पराली प्रबंधन मशीनरी होने के बावजूद, खेतों में पराली जलाने की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिया कि वे किसानों तक इन मशीनों की पहुंच को और बढ़ाएं, ताकि पराली जलाने के विकल्प उपलब्ध हों। सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए और अधिक सक्रिय हों।
पुलिस अधिकारियों को सख्ती से काम करने के निर्देश डीसी ने सीनियर पुलिस अधीक्षक से भी अनुरोध किया कि वे फील्ड पुलिस अधिकारियों को इस मामले में और अधिक मेहनत से काम करने के लिए प्रेरित करें। डीसी ने यह भी कहा कि पराली जलाने से न सिर्फ वायु गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा है। ऐसे में सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का पूरी निष्ठा से पालन करें।