मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) की नागालैंड की छात्रा के साथ डिजिटल अरेस्ट के नाम पर जालसाजी के मामले की जांच करने गोरखपुर पुलिस की टीम अब केरल जाएगी।
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पुलिस को उम्मीद है कि केरल से इस मामले में अहम जानकारी मिल सकती है, क्योंकि 34 हजार रुपये आंध्रप्रदेश के एक खाताधारक के खाते में ट्रांसफर किए गए थे, और वह रकम केरल के एक ATM से निकाली गई थी। इसके अलावा, जालसाजी से जुड़े मोबाइल नंबर का IP एड्रेस भी केरल से आया है।
मऊ और आंध्रप्रदेश के खातों में ट्रांसफर हुए रुपये कैंट पुलिस के मुताबिक, मऊ के एक खाताधारक के खाते में चार हजार रुपये और आंध्रप्रदेश के एक खाताधारक के खाते में 34 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए थे। मऊ के खाताधारक ने पुलिस को बताया कि उसने ट्रेडिंग के जरिए रुपये कमाए थे और वह चार हजार रुपये वापस करने को तैयार है। पुलिस जल्द ही मऊ जाकर उसका बयान दर्ज करेगी।
कैसे छात्रा से वसूले गए रुपये? 12 अक्टूबर को छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। छात्रा ने बताया कि वह नागालैंड के दीमापुर जिले की रहने वाली है और MMMUT में पढ़ाई कर रही है। 10 अक्टूबर को उसे एक कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उसने एक लाख रुपये का लोन लिया था, जिसे जमा नहीं किया गया।
कॉल करने वाले ने खुद को एसबीआई से बताया और कुछ ही देर बाद एक वीडियो कॉल की। वीडियो कॉल में उसने खुद को हैदराबाद पुलिस का अफसर बताया और छात्रा से बेल के नाम पर 38,132 रुपये वसूले। इसके बाद, धमकाकर छात्रा से कपड़े उतरवाए गए और उसकी निर्वस्त्र फोटो ली गई, फिर आरोपियों ने एक लाख रुपये और मांगे।
गिरोह तक की जा रही पहुंचने की कोशिश SP सिटी अभिनव त्यगी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट मामले की गहरी जांच की जा रही है। पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं और मामले की पूरी जांच के लिए पुलिस की टीम केरल भेजी जाएगी। पुलिस का मानना है कि यह एक बड़ा ऑनलाइन जालसाजी गिरोह है, और उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।