पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान देश की हॉकी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए अब पैरिस नहीं जा पाएंगे। विदेश मंत्रालय ने मुख्यमंत्री को पॉलिटिकल क्लीयरैंस देने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने तर्क दिया है कि सीएम कार्यालय की तरफ से देरी से अप्लाई किया
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मिली जानकारी के अनुसार बीती शाम ही विदेश मंत्रालय से सीएम कार्यालय को इसका संदेश मिला। जिसमें कहा गया कि वे ओलिंपिक्स में हॉकी मैच देखने नहीं जा सकते। सीएम मान ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे अपनी जेब से पैसे खर्च कर हॉकी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए विदेश जाना चाहते थे। इस हॉकी टीम में 10 प्लेयर पंजाब से हैं। उनकी ड्यूटी बनती है कि वे उनका हौसला बढ़ाने जाएं, जब वे टफ मैच खेल रहे हैं।

भारतीय हॉकी टीम।
सीएम मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप भी लगाया है कि वे अकेले विदेश जाना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि देश की तरफ से कोई और नेतृत्व करता दिखे। यही कारण है कि उनकी और एक विपक्ष के मुख्यमंत्री की परमिशन का रद्द किया गया है।
पंजाब से 19 खिलाड़ी हॉकी मैदान में
सीएम मान का कहना है कि पंजाब के 19 प्लेयर इस समय ओलिंपिक्स में हैं। जिनमें से 10 हॉकी टीम का हिस्सा हैं। बीते दिन ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 52 साल बाद ओलिंपिक्स में हरा कर इतिहास रचा है। विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि सीएम कार्यालय की तरफ से लेट परमिशन के लिए अप्लाई किया गया। लेकिन उनका पैरिस जाने का ये फैसला हॉकी के शुरुआती मैच जीतने के बाद लिया गया।
कोर्ट जा सकते हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने और गोपाल राय को भी यूएस जाने की परमिशन नहीं दी गई थी। जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था। क्या भाजपा सरकार में हर कदम के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना होगा।