मुंगेर के धरहरा प्रखंड में मध्य विद्यालय पचरूखी के प्रभारी प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने मिड-डे मील के चावल को तालाब में दफना दिया। इस पूरी घटना का वीडियो ग्रामीणों ने बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मजदूर चावल से भरी बोरी को स्कूल के पीछे तालाब की तरफ ले जा रहा है। वह तालाब के किनारे गड्ढा खोदकर चावल को दफना रहा है। यह काम कई बार दोहराया गया। ग्रामीणों ने जब मजदूर से इसका कारण पूछा, तो उसने कहा कि चावल में कीड़े लग गए हैं। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि चावल बिल्कुल ठीक था।
प्रभारी प्रधानाध्यापक दिवाकर कुमार का कहना है कि उन्होंने यह काम धरहरा बीडीओ और बीईओ राकेश कुमार के आदेश पर किया। उनका दावा है कि चावल टूटा हुआ था। लेकिन जब ग्रामीणों ने तालाब से चावल निकाला, तो उसमें एक भी टूटा दाना नहीं मिला।
शिक्षकों ने कालाबाजारी करते रंगे हाथों पकड़ा
इससे पहले 18 जनवरी को भी प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगे थे। स्कूल के शिक्षकों ने उन्हें चावल की कालाबाजारी करते रंगे हाथों पकड़ा था। स्कूल को मिले 37 बोरी चावल में से केवल 17 बोरी ही स्कूल पहुंचे थे। इस मामले की शिकायत मुंगेर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ पटना के अधिकारियों से भी की गई थी।
घटना के दूसरे दिन स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में एचएम के कार्यों के प्रति जमकर आक्रोश व्यक्त किया था। संबंधित मामले में डीपीओ सह तत्कालीन बीईओ फारूक रहमान और एमडीएम प्रभारी प्रियंका कुमारी ने चावल के स्टॉक का जांच किया था। जिसमें लगभग 26 बोरा के आसपास अतिरिक्त चावल स्टॉक में पाया गया था। जिसका जांच रिपोर्ट बनाकर वरीय पदाधिकारी को भेज दिया गया था।

गोदाम का चाबी प्रधानाध्यापक को शिक्षक दे रहे है।
वहीं चावल के स्टॉक का फिर से हेरफेर नहीं हो, इसके लिए तत्कालीन बीईओ के आदेश पर बीआरपी ने गोदाम में दो ताला लगा दिया था। जिसकी एक चाबी प्रभारी एचएम के पास तो दूसरी चाबी शिक्षक राहुल रंजन के पास दे दी गई थी। लेकिन 31 मार्च को बीआरपी ने शिक्षक राहुल रंजन से गोदाम की चाबी ले ली थी।
हालांकि, चाबी लेने के महज चार दिन बाद ही प्रभारी एचएम के चावल को तालाब में फेंकने का मामला सामने आ गया। जिसके बाद ग्रामीणों में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के प्रति काफी आक्रोश है। ग्रामिणों ने आरोप लगाया है कि प्रधानाध्यापक हर महीने एमडीएम के चावल की कालाबजारी करते है।
अतिरिक्त चावल को खपाने की साजिश
ग्रामीणों का कहना है कि गोदाम में 26 बोरा अतिरिक्त चावल को खपाने के लिए ऐसा किया गया। जिससे कि जांच में एचएम को क्लीन चिट मिल सके। ग्रामिणों का कहना है कि विद्यालय के प्रभारी की लूट-खसोट और मनमानी रवैए के कारण गैस-चुल्हा की सुविधा रहने के बावजूद लकड़ी पर खाना बनाया जाता है।
इस संबंध में बीडीओ सह बीईओ राकेश कुमार ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। एमडीएम से संबंधित जवाबदेही उनकी नहीं है।