मुंबई29 मिनट पहले
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पीएनबी से 13,850 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपी और भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए भारत ने बेल्जियम अधिकारियों को मुंबई की आर्थर रोड जेल की आधिकारिक तस्वीरें सौंपी हैं।
इनके जरिए बताया गया कि चोकसी को प्रत्यर्पण के बाद जब ऑर्थर रोड जेल में रखा जाएगा तो वहां उसे क्या सुविधा मिलेगी।
बुधवार को सुनवाई में बेल्जियम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि चोकसी पर लगाए गए अपराध भारत और बेल्जियम, दोनों देशों के कानूनों के तहत प्रत्यर्पण योग्य हैं। इसके बाद कहा जा रहा है कि मेहुल की चोकसी के प्रत्यपर्ण हो सकता है।
दरअसल, बेल्जियम के एंटवर्प शहर की एक कोर्ट ने 17 अक्टूबर को भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने माना था कि भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई चोकसी की गिरफ्तारी वैध थी।
ऑर्थर रोड जेल में बैरक नंबर 12 की 5 तस्वीरें…

चोकसी को बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा।

मेहुल की सेल में 6 ट्यूबलाइट्स और 3 पंखे होंगे।

चोकसी की सेल में एक टीवी भी होगी साथ में प्राकृतिक रोशनी के लिए 3 खिड़कियां दी गई हैं।

सेल में अटैच्ड टॉयलेट होगी।

अटैच्ड टॉयलेट में सभी सुविधाएं दी गई हैं।
फोटोज में 46 वर्ग मीटर का बैरक
तस्वीरों में 46 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की बैरक दिखाई गई है। इसमें 2 सेल (कमरे) हैं। प्रत्येक में निजी शौचालय और बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं। ये तस्वीरें भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया के रूप में भेजी गईं, ताकि चोकसी के इस दावे का खंडन किया जा सके कि भारतीय जेलें भीड़भाड़ वाली और असुरक्षित हैं।
12 नंबर बैरक में रहेगा चोकसी
दस्तावेजों के अनुसार, चोकसी को मुंबई की हाई सिक्युरिटी वाली आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। यह वही जेल कैंपस है, जहां 26/11 आतंकी अजमल कसाब को भी रखा गया था।
- बैरक में दो कमरे हैं। इनमें अटैच टायलेट-बाथरूम हैं।
- चोकसी को मेडिकल और पेशी के लिए जेल परिसर से बाहर जाने की अनुमति होगी।
- उनकी हिरासत न्यायिक निगरानी में होगी, ना कि किसी जांच एजेंसी के पास।
बेल्जियम पुलिस ने 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया था
बेल्जियम पुलिस ने भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण की अपील पर इसी साल 12 अप्रैल को पंजाब नेशनल बैंक से लोन धोखाधड़ी मामले में आरोपी मेहुल चोकसी को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह जेल में है।
चोकसी पर 13,850 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप है। मेहुल पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था, जिन्हें बेल्जियम की नागरिकता मिली है। बेल्जियम के विदेश मंत्रालय ने ही चोकसी की मौजूदगी की जानकारी दी थी।
गिरफ्तारी के समय मेहुल चोकसी बेल्जियम से स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय दो गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया था। ये मुंबई की एक अदालत ने 23 मई 2018 और 15 जून 2021 को जारी किए थे।

व्हीलचेयर पर बैठा मेहुल चोकसी। तस्वीर 4 जून 2021 को डोमिनिका के एक मजिस्ट्रेट कोर्ट की है।
फरार होने का खतरा इसलिए बेल न दें
बेल्जियम अभियोजकों ने कोर्ट को यह भी बताया था कि चोकसी अब भी फरार होने का खतरा है, इसलिए उसे जेल से रिहा नहीं किया जा सकता। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया- यह आदेश हमारे पक्ष में है। अदालत ने साफ कहा कि भारतीय अनुरोध पर बेल्जियम द्वारा की गई गिरफ्तारी कानूनी है। यह डिपोर्ट की दिशा में पहला बड़ा कदम है।
बेल्जियम में अभियोजन पक्ष को भारत के विदेश मंत्रालय और CBI के अधिकारियों ने पूरी मदद की। कोर्ट में उन्होंने चोकसी के अपराधों के सबूत पेश किए और बताया कि वह अपने भतीजा नीरव मोदी के साथ मिलकर PNB बैंक से करीब ₹13,850 करोड़ की धोखाधड़ी में शामिल था।
पत्नी की मदद से हासिल किया रेजिडेंसी कार्ड
चोकसी ने 15 नवंबर 2023 को बेल्जियम का ‘एफ रेजिडेंसी कार्ड’ हासिल किया था, जो कथित तौर पर उसकी बेल्जियन नागरिक पत्नी की मदद से प्राप्त किया गया था। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चोकसी ने बेल्जियम अधिकारियों को फर्जी दस्तावेज सौंपे थे। उसने अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता छिपाकर गलत जानकारी दी, ताकि उसे भारत न भेजा जा सके।
2018 में भारत छोड़ने से पहले ही चोकसी ने 2017 में ही एंटीगुआ-बारबूडा की नागरिकता ले ली थी। चोकसी बार-बार खराब सेहत का हवाला देकर भारत में पेशी पर आने से इनकार करता रहा। कभी-कभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसकी पेशी होती थी। भारत में उसकी कई संपत्तियां भी जब्त की जा चुकी हैं।

2021 में चोकसी को डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था। तब जेल से उसकी ये तस्वीर सामने आई थी। जेल में चोकसी ने अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया था।
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बेल्जियम कोर्ट बोला- मेहुल चोकसी के अपहरण का सबूत नहीं, प्रत्यर्पण से बचने के लिए भारत पर लगाए थे आरोप

बेल्जियम की एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील ने कहा है कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में अपहरण का कोई डॉक्यूमेंट्री एविडेंस यानी कागजी सबूत नहीं है जिसमें ये साबित हो कि भारतीय अधिकारियों के कहने पर ऐसा हुआ। कोर्ट का ये फैसला चोकसी के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर सकता है। पूरी खबर पढ़ें…
