नई दिल्ली12 घंटे पहले
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चोकसी मई 2021 में एंटीगुआ से पड़ोसी देश डोमिनिका पहुंच गया था। यहां उसे अरेस्ट कर लिया गया।
बेल्जियम की एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील ने कहा है कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में अपहरण का कोई डॉक्यूमेंट्री एविडेंस यानी कागजी सबूत नहीं है जिसमें ये साबित हो कि भारतीय अधिकारियों के कहने पर ऐसा हुआ। कोर्ट का ये फैसला चोकसी के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर सकता है।
दरअसल, चोकसी भारत आने से बचने के लिए सभी संभावित कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में उसने जून 2022 भारत की सरकार और भारतीय एंजेट्स पर एंटीगुआ में हनीट्रैप के जरिए अपहरण का केस किया था। चोकसी के मुताबिक उसका अपहरण मई 2021 में भारतीयों ने किया था। मामले की सुनवाई में भारत ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।

व्हीलचेयर पर बैठा मेहुल चोकसी। तस्वीर 4 जून 2021 को डोमिनिका के एक मजिस्ट्रेट कोर्ट की है।
एंटीगा से डोमिनिका पहुंचा, जेल में 51 दिन रहा था
चोकसी मई 2021 में एंटीगुआ से पड़ोसी देश डोमिनिका पहुंच गया था। यहां उसे अरेस्ट कर लिया गया। CBI की एक टीम उसका प्रत्यर्पण कराने के लिए डोमिनिका पहुंची, लेकिन इसके पहले ही ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल से उसे राहत मिल गई। बाद में उसे फिर एंटीगुआ के हवाले कर दिया गया।
हालांकि, डोमिनिका की जेल में मेहुल चोकसी को 51 दिन गुजारने पड़े थे। यहां उसने दलील दी थी कि वो एंटीगुआ जाकर वहां के एक न्यूरोलॉजिस्ट से ट्रीटमेंट कराना चाहता है। एंटीगा पहुंचने के कुछ दिन बाद डोमिनिका की अदालत ने चोकसी के खिलाफ दर्ज केस भी खारिज कर दिए।
कोर्ट बोला- प्रत्यर्पण से चोकसी पर कोई बुरा असर नहीं
कोर्ट ने कहा ‘जो अपराध हुए हैं, उन्हें राजनीति, सैन्य या टैक्स से जुड़ा गैर-प्रत्यर्पण योग्य अपराध नहीं माना जाना चाहिए। भारत ने चोकसी के प्रत्यर्पण की मांग उसकी नल्स, जाति, धर्म, नेशनलिटी या राजनीतिक विचारों की वजह से सजा देने या मुकदमा चलाने के लिए नहीं की है। ना ही ऐसा लगता है कि इनमें से किसी वजह से उस पर बुरा असर पड़ेगा।’
बेल्जियन अधिकारियों ने दिल्ली के तिहाड़ जेल और मुंबई आर्थर रोड जेल की हालत में फर्क भी बताया। इससे पहले सितंबर में भारत ने बेल्जियम सरकार से वादा किया था कि मेहुल चोकसी के मानवाधिकारों का हनन नहीं होगा और उसे अकेले बंद नहीं किया जाएगा।

2021 में चोकसी को डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था। तब जेल से उसकी ये तस्वीर सामने आई थी। जेल में चोकसी ने अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया था।
कोर्ट ने 17 अक्टूबर को प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी
बेल्जियम के एंटवर्प शहर की एक कोर्ट ने शुक्रवार (17 अक्टूबर) को भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट ने माना कि भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई चोकसी की गिरफ्तारी वैध थी।
हालांकि, चोकसी को अब भी ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार है। अगर वह अपील नहीं करता या अपील खारिज हो जाती है तो उसके भारत डिपोर्ट करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
चोकसी पर ₹13,850 करोड़ घोटाले का आरोप
चोकसी पर 13,850 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप है। मेहुल पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था, जिन्हें बेल्जियम की नागरिकता मिली है। बेल्जियम के विदेश मंत्रालय ने ही चोकसी की मौजूदगी की जानकारी दी थी।
गिरफ्तारी के समय मेहुल चोकसी बेल्जियम से स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय दो गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया था। ये मुंबई की एक अदालत ने 23 मई 2018 और 15 जून 2021 को जारी किए थे।

मेहुल चोकसी को व्हीलचेयर पर बैठाती पुलिस। वह डोमिनिका के मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेशी के लिए जा रहा था। तस्वीर 4 जून, 2021 की है।
व्हिसलब्लोअर बोले- चोकसी को वापस लाना आसान नहीं
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर कहा था कि प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं है। उसका बटुआ भरा है। वह यूरोप के सबसे अच्छे वकीलों को हायर करेगा, जैसा कि विजय माल्या कर रहा है। इसलिए भारत के लिए उसे वापस लाना आसान नहीं है।
हरिप्रसाद ने कहा कि चोकसी भले ही वह एंटीगुआ में पकड़ा गया था, लेकिन वह वहां से भागने में कामयाब रहा क्योंकि उसके पास वकीलों का एक बड़ा दल था। भारत सरकार के लिए यह इतना आसान नहीं होगा, हालांकि मुझे उम्मीद है कि इस बार सरकार सफल होगी।

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2. भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी: बेल्जियम कोर्ट का फैसला; पंजाब बैंक से ₹13,000 करोड़ के घोटाले का आरोप

बेल्जियम के एंटवर्प शहर की एक कोर्ट ने शुक्रवार को भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट ने माना कि भारतीय एजेंसियों के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई चोकसी की गिरफ्तारी वैध थी।
हालांकि, चोकसी को अब भी ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार है। अगर वह अपील नहीं करता या अपील खारिज हो जाती है तो उसके भारत डिपोर्ट करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
