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- Mcap Of 7 Top Valued Firms Jumps By ₹1.55 Lakh Crore; Reliance, TCS Shine
मुंबई8 घंटे पहले
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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 की वैल्यू बीते हफ्ते के कारोबार में 1.55 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई। इस दौरान देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की वैल्यू सबसे ज्यादा बढ़ी है।
रिलायंस का मार्केट कैप 46,687 करोड़ रुपए बढ़कर ₹19.64 लाख करोड़ पर पहुंच गया। वहीं TCS की वैल्यू ₹36,126 करोड़ बढ़कर ₹11.08 लाख करोड़ पहुंच गई।
इंफोसिस की मार्केट वैल्यू ₹34,938 करोड़ बढ़कर ₹6.33 लाख करोड़ पर पहुंच गई। इसके अलावा SBI, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल और LIC की वैल्यू भी बढ़ी है।
ICICI बैंक और HUL का मार्केट कैप गिरा
वहीं ICICI बैंक का मार्केट कैप 43,744 करोड़ रुपए घटकर ₹9.82 लाख करोड़ पर आ गया है। वहीं, बीते हफ्ते HUL और HDFC बैंक की मार्केट वैल्यू भी घटी है।
HUL की वैल्यू 20,523 करोड़ रुपए घटकर ₹5.91 लाख करोड़ पर आ गई है। HDFC बैंक की मार्केट वैल्यू भी 11,983 करोड़ रुपए गिरी है, यह 15.28 लाख करोड़ रुपए पर आ गई है।

शुक्रवार को सेंसेक्स 345 अंक गिरकर बंद हुआ था
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 24 अक्टूबर को सेंसेक्स 345 अंक गिरकर 84,212 पर बंद हुआ। निफ्टी में 97 अंक की गिरावट रही, ये 25,795 पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 में से 20 शेयरों में गिरावट रही। हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक, अडाणी पोर्ट्स के शेयरों में 3.5% तक की गिरावट रही। निफ्टी के 50 शेयरों में 34 गिरे। NSE के FMCG, बैंकिंग, फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर सबसे ज्यादा गिरे। मेटल और रियल्टी शेयरों में तेजी रही।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?
मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है।
इसे एक उदाहरण से समझें…
मान लीजिए… कंपनी ‘A’ के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी।
कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं…
| बढ़ने का क्या मतलब | घटने का क्या मतलब |
| शेयर की कीमत में बढ़ोतरी | शेयर प्राइस में गिरावट |
| मजबूत वित्तीय प्रदर्शन | खराब नतीजे |
| पॉजिटीव न्यूज या इवेंट | नेगेटिव न्यूज या इवेंट |
| पॉजिटीव मार्केट सेंटिमेंट | इकोनॉमी या मार्केट में गिरावट |
| हाई प्राइस पर शेयर जारी करना | शेयर बायबैक या डीलिस्टिंग |
मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है।
निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं।
उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है।
