सामान्य सभा कई बार हो चुका है सफाई को लेकर हंगामा
भिलाई नगर निगम में सफाई का ठेका देने के लिए गुरुवाद दोपहर 2 बजे विशेष सामान्य सभा बुलाई गई है। भिलाई महापौर नीरज पाल इस ठेका को लेकर काफी गंभीर है। हालत यह है कि उन्होंने पुरानी एजेंसी को ठेका देने के लिए अन्य टेंडर फार्म नहीं खोलने दिए। अब चहेती एजे
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जिस एजेंसी को सफाई का ठेका दिया जा रहा है उसका नाम ‘मे. अर्बन इनवायरो वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड’ है। नागपुर की यह वही एजेंसी है जिसके पास भिलाई निगम की सफाई व्यवस्था का टेंडर है और उसने निगम को लगभग 12 करोड़ रुपए का अर्थिक नुकसान पहुंचाया है।
भाजपा पार्षदों ने लगाया एजेंसी पर भ्रष्टाचार का आरोप
भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि मे. अर्बन इनवायरो वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड नागपुर की कंपनी ने निगम में 12 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार किया है। इसके खिलाफ कांग्रेस और भाजपा के सभी पार्षदों ने मिलकर जांच की थी और इसकी पुष्टि की है।
इसके बाद इस एजेंसी को नियमों को ताक में रखकर टेंडर अधिक दर पर देना पूरी तरह से गलत है। वो लोग इसका विरोध करेंगे और उन्हें आशा है कि कांग्रेस और निर्दलीय साथी भी इस एजेंसी के खिलाफ होंगे।
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महापौर को सीजू पर नहीं विश्वास खुद पहुंचे सारे काम छोड़कर
भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि महापौर नीरज पाल का इस एजेंसी से ऐसा क्या मोह है कि उन्होंने अपने सबसे जरूरी काम को छोड़ दिया और ठेका दिलाने के लिए खुद विशेष सामान्य सभा में पहुंच रहे हैं। उन्होंने कांग्रेसी पार्षदों को लामबंद करने के लिए बुधवार रात भिलाई के एक बड़े होटल में बैठक बुलाई और उन्हें दिग्भ्रमित किया है।
टेंडर धारक ने लिखित आवेदन देकर आयुक्त से टेंडर खोलने जाने की लगाई थी गुहार
6 लोगों ने टेंडर डाला, फिर भी एकल टेंडर क्यों
नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि इस बार सफाई का ठेका लेने के लिए 6 अलग-अलग एजेंसियों ने टेंडर फार्म डाला था। इसके बाद भी 5 एजेंसी का टेंडर फार्म खोला ही नहीं गया। मे. अर्बन इनवायरो वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड का टेंडर खोलकर उसे एकल टेंडर दिया जा राह है। जबकि शासन का नियम है कि पहली बार में किसी भी एजेंसी को एकल टेंडर नहीं जारी किया जा सकता है। यह प्रक्रिया तीसरी बार के टेंडर में होती है। जबकि इसका टेंडर धारक ने विरोध भी किया है।
नगर पालिक निगम भिलाई
मेयर इन काउंसल के प्रभारी सीजू तो फिर नीरज क्यों
निगम के कई पार्षदों ने इस सफाई के ठेके को लेकर विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जब एमआईसी मेंबर सीजू एंथोनी को मेयर इन काउंसिल का प्रभार दिया गया है तो ऐसा जरूरी हो गया कि महापौर नीरज पाल खुद विशेष सामान्य सभा में पहुंच रहे हैं। क्या उन्हें सीजू पर भरोसा नहीं है। क्या उन्हें अपनी एमआईसी पर भरोसा नहीं है। इस बारे में पूछने के लिए जब मेयर नीरज पाल को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन काट दिया।
1800 कर्मचारियों का नहीं दिया ESIC व PF
नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि जब सभी पार्षदों और एमआईसी मेंबर व सभापति की टीम ने मे. अर्बन इनवायरो वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड के भ्रष्टाचार की जांच की थी तो पाया गया कि उसने निगम को लगभग 12 करोड़ रुपए का चूना लगाया है।
उन्होंने 8-9 करोड़ रुपए अपसेंट कर्मचारियों को प्रेजेंट दिखाकर निकाल लिया। साथ ही 1800 से अधिक सफाई कर्मचारियों का पीएफ और ईएसआईसी का 4-5 करोड़ रुपए डकार गई। इसके बाद भी उसी एजेंसी को ठेका देने की तैयारी की जा रही है।
पार्षद किसी पार्टी का नहीं बल्कि निगम का होता है
नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि जब कोई नेता पार्षद चुनाव जीतकर निगम के सदन में आता है तो वो किसी पार्टी का नहीं बल्कि उस निगम का पार्षद कहलाता है। उसकी पहली जिम्मेदारी होती है कि वो निगम और निगम के लोगों के हित को सर्वोपरि रखकर कार्य करे। यहां महापौर कांग्रेस दल के पार्षदों को कांग्रेस और भाजपा की लड़ाई का पाठ पढ़ाकर लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि गलत है।