JSSC कार्यालय में छात्रों का महाजुटान, छावनी बना कैंपस
JSSC CGL परीक्षा का विरोध कर रहे छात्रों का राज्य भर से JSSC कार्यालय आने का सिलसिला शुरू हो गया है। छात्र संगठनों का दावा है कि आज 50 हजार से अधिक छात्र नामकुम स्थित JSSC कार्यालय घेरने पहुंचेंगे। वहीं JSSC CGL परीक्षा के सफल उम्मीदवारों का डॉक्यूमे
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प्रशासन किसी भी तरह के हुड़दंग की आशंका को लेकर अलर्ट है। पूरे JSSC कार्यालय परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। JSSC कार्यालय पहुंचने वाले लगभग हर रास्ते में बैरिकैडिंग कर दी गई है। वहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
जिला प्रशासन ने छात्रों से ही है अपील
रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की ओर से अपील भी जारी की गई है। जिसमें उन्होंने कहा है कि आज से JSSC CGL परीक्षा के सफल उम्मीदवारों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी होना है। वहीं छात्रों का समूह आंदोलन-घेराव भी करना चाह रहे हैं।
इसे देखते हुए SDO की ओर से BNS की धारा 163 (144CRPC) लागू किया गया है, जिस कारण उक्त क्षेत्र में किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन , धरना आदि करना गैर कानूनी है ।
आंदोलन कर रहे छात्रों को रोकने के लिए इस तरह से बैरिकैडिंग की गई है।
आप सभी से अपील की जाती है कि, किसी भी प्रकार के आक्रामक प्रदर्शन में भाग लेने से बचें। ऐसी गतिविधियाँ न केवल कानून व्यवस्था के लिए समस्या उत्पन्न करती हैं, बल्कि आपकी शिक्षा, भविष्य और कैरियर पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती हैं।
अगर आप किसी हिंसक या ग़ैर क़ानूनी गतिविधि में शामिल पाए जाते हैं, तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह कार्रवाई आपके शैक्षणिक रिकॉर्ड और भविष्य में नौकरी पाने की संभावनाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
छात्र क्यों कर रहे हैं विरोध
जेएसएससी की ओर से ली गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर छात्रों का कहना है कि यह परीक्षा 21 और 22 सितंबर को ली गई। 21 सितंबर को जो परीक्षा ली गई थी, उसके रिजल्ट में केवल 82 स्टूडेंट पास किए। जबकि 22 सितंबर की परीक्षा के रिजल्ट में 2149 उम्मीदवारों को पास दिखाया गया।
जेएसएससी के बाहर फायर ब्रिगेड, वाटर कैनन और वज्र वाहन तैनात
यह अपने-आप में अनियमितता को दर्शाता है। अभी तक कटऑफ नहीं जारी किया जाना, कम मार्क्स वाले को सफल बताया जाना, साफ संकेत है कि परीक्षा में भारी गड़बड़ी हुई है। वहीं छात्र इस परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
फायर ब्रिगेड, वाटर कैनन, वज्र वाहन तैनात
किसी भी उपद्रव से निपटने के लिए पुलिस ने जेएसएससी कार्यालय के बाहर फायर ब्रिगेड, वाटर कैनन और वज्र वाहन तैनात किए हैं। प्रशासन वीडियोग्राफी और ड्रोन के जरिए भी नजर रखे हुए है। पूरे जेएसएससी कार्यालय और आसपास के क्षेत्र को हाई सिक्योरिटी जोर में तब्दील कर दिया गया है।
छात्रों के संभावित हुड़दंड से निपटने के लिए करीब 2500 जवानों और अधिकारी मौके पर तैनात किए गए हैं। साथ ही जेएसएससी ऑफिस जाने वाले रास्तों में दो लेयर की सुरक्षा की गई है। जेएसएससी कार्यालय के बाहर पुलिस प्रशासन के लिए टेंट और पूरे मैदान में बैरिकेडिंग की गई है।
क्या कह रही है जेएसएससी
इस परीक्षा को लेकर आयोग का कहना है कि इसमें गड़बड़ी नहीं है। छात्रों का आरोप बेबुनियाद है। आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा-अभ्यर्थियों ने जो सबूत दिए थे, उससे कहीं साबित नहीं होता कि पेपर लीक हुआ है। सीजीएल का रिजल्ट जारी करने की बात भी गलत है। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए मेरिट लिस्ट जारी की गई है, जो 16 से 20 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद फाइनल रिजल्ट जारी होगा। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के ज्यादा पास होने का आरोप भी गलत है।
सरकार ने क्या लिया है एक्शन
जेएसएससी की ओर से ली गई संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा को लेकर राज्य सरकार ने भी संज्ञान लिया है। सीएम हेमंत सोरेन ने इस परीक्षा में लग रहे गड़बड़ी के कथित आरोपों की जांच सीआईडी को करने को कहा है। पुलिस मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक सीएम के इस आदेश के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी सीआइडी को पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है।