Maruti cars will become costlier by up to Rs 32,500 | मारुति की कारें 32,500 रुपए तक महंगी: कीमतें अगले महीने से लागू, कंपनी बोली- बोझ ग्राहकों पर डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं

नई दिल्ली11 मिनट पहले

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मारुति सुजुकी इंडिया ने कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी कंपनी के लाइअप के सभी मॉडल्स पर अलग-अलग। नई कीमतें 1 फरवरी 2025 से लागू होंगी। मारुति ने बताया है कि कीमतों में 1,500 रुपए से लेकर 32,500 रुपए तक इजाफा किया जाएगा।

इससे पहले जनवरी में भी कंपनी ने अपने लाइअप के सभी मॉडल्स पर 4% तक की बढ़ोतरी की थी। मारुति ने बढ़ती इनपुट और ऑपरेशनल कॉस्ट के कारण यह फैसला लिया है। कंपनी का कहना है कि उसके पास कुछ बोझ ग्राहकों पर डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

मॉडल-वाइज प्राइस बढ़ोतरी: सेलेरियो के दाम सबसे ज्यादा बढ़े सबसे ज्यादा दाम सेलेरियो के बढ़े हैं। इसमें 32,500 रुपए की बढ़ोतरी की गई है, जबकि सियाज, जिम्नी की कीमतों में 1,500 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है।

ऑल्टो K10: 19,500 रुपए तक

एस-प्रेसो: 5,000 रुपए तक

सेलेरियो: 32,500 रुपए तक

वैगन आर: 13,000 रुपए तक

स्विफ्ट: 5,000 रुपए तक

डिजायर: 10,500 रुपए तक

ब्रेज़ा: 20,000 रुपए तक

अर्टिगा: 15,000 रुपए तक

ईको: 12,000 रुपए तक

सुपर कैरी: 10,000 रुपए तक

इग्निस: 6,000 रुपए तक

बलेनो: 9,000 रुपए तक

सियाज: 1,500 रुपए तक

XL6: 10,000 रुपए तक

फ्रोंक्स: 5,500 रुपए तक

इनविक्टो: 30,000 रुपए तक

जिम्नी: 1,500 रुपए तक

ग्रैंड विटारा: 25,000 रुपए तक

दिसंबर 2024 में मारुति ने 1,78,248 कारें बेची मारुति सुजुकी ने दिसंबर 2024 में 1,78,248 यूनिट्स की बिक्री की, जो कि पिछले साल से 30% ज्यादा है। इसमें घरेलू स्तर पर बेची गई 1,32,523 यूनिट, एक्सपोर्ट की गई 37,419 यूनिट और अन्य ओईएम को बेची गई 8,306 यूनिट शामिल हैं।

दूसरी तिमाही में मारुति सुजुकी को ₹3,069 करोड़ का फायदा

मारुति सुजुकी को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 3,069 करोड़ रुपए का मुनाफा (स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर (YoY) इसमें 17% की कमी आई है। एक साल पहले की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी को 3717 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।

जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 37,203 करोड़ रुपए रहा। जुलाई-सितंबर 2023 में कंपनी ने 37,062 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। सालाना आधार पर इसमें 0.37% की मामूली बढ़त रही। वस्तुओं और सेवाओं के बेचने से होने वाली कमाई को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।

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