Market Cap of 7 Out of Top 10 Indian Companies Surges by ₹2.03 Lakh Crore, Reliance Leads | टॉप-10 कंपनियों में 7 की वैल्यू ₹2.03 लाख करोड़ बढ़ी: रिलायंस टॉप गेनर रही, इसकी वैल्यू ₹47,363 करोड़ बढ़ी; LIC और TCS का मार्केट कैप गिरा

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मुंबई34 मिनट पहले

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मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 की वैल्यू बीते हफ्ते के कारोबार में 2.03 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई। इस दौरान देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की वैल्यू सबसे ज्यादा बढ़ी है।

रिलायंस का मार्केट कैप 47,363.65 करोड़ रुपए बढ़कर ₹19.17 लाख करोड़ पर पहुंच गया। वहीं भारती एयरटेल की वैल्यू ₹41,254 करोड़ बढ़कर ₹11.47 लाख करोड़ पहुंच गई।

ICICI बैंक की मार्केट वैल्यू ₹40,123.88 करोड़ बढ़कर ₹10.26 लाख करोड़ पर पहुंच गई। इसके अलावा HDFC बैंक, बजाज फाइनेंस, SBI और इंफोसिस की वैल्यू भी बढ़ी है।

LIC और TCS का मार्केट कैप गिरा

वहीं LIC का मार्केट कैप 7,684.87 करोड़ रुपए घटकर ₹5.60 लाख करोड़ पर आ गया है। वहीं, बीते हफ्ते HUL और TCS की मार्केट वैल्यू भी घटी है।

HUL की वैल्यू 17,070.44 करोड़ रुपए घटकर ₹6.12 लाख करोड़ पर आ गई है। TCS की मार्केट वैल्यू भी 23,807.01 करोड़ रुपए गिरी है, यह 10.71 लाख करोड़ रुपए पर आ गई है।

शुक्रवार को सेंसेक्स 484 अंक चढ़कर बंद हुआ था

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में कल यानी शुक्रवार को (17 अक्टूबर) तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स 484 अंक चढ़कर 83,952 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 124 अंक की तेजी रही, ये 25,709 के स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयर्स में तेजी और 14 में गिरावट रही।

एशियन पेंट्स का शेयर सबसे ज्यादा 4% चढ़ा। M&M, भारती एयरटेल, ITC और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर में 1% से ज्यादा की तेजी रही। NSE के आटो, FMCG और फार्मा सेक्टर में तेजी देखने को मिली थी।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?

मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है।

इसे एक उदाहरण से समझें…

मान लीजिए… कंपनी ‘A’ के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी।

कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं…

बढ़ने का क्या मतलब घटने का क्या मतलब
शेयर की कीमत में बढ़ोतरी शेयर प्राइस में गिरावट
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन खराब नतीजे
पॉजिटीव न्यूज या इवेंट नेगेटिव न्यूज या इवेंट
पॉजिटीव मार्केट सेंटिमेंट इकोनॉमी या मार्केट में गिरावट
हाई प्राइस पर शेयर जारी करना शेयर बायबैक या डीलिस्टिंग

मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है।

निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं।

उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है।

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