Malaysia ASEAN Summit 2025 LIVE Update; PM Modi S Jaishankar | India China | ट्रम्प आसियान समिट के लिए मलेशिया जा रहे: 8 साल बाद शामिल होंगे; उनकी मौजदूगी में कंबोडिया-थाईलैंड सीजफायर समझौता साइन होगा


कुआलालंपुरकुछ ही क्षण पहले

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आसियान समिट में शामिल होने के लिए मलेशिया पहुंचने वाले हैं। यहां वे आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। ट्रम्प 2017 के बाद पहली बार इस सम्मेलन में शामिल होंगे।

वे आज मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ द्विपक्षीय बैठक में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद पर सीजफायर समझौते को अंतिम रूप देंगे।

जुलाई में सीमा विवाद पर दोनों देशों के बीच 5 दिनों की लड़ाई हुई, जिसमें 48 लोग मारे गए। तब ट्रम्प ने फोन पर मदद की, जिसे ‘कुआलालंपुर अकॉर्ड’ कहा जाएगा।

2017 आसियान समिट की तस्वीर। ट्रम्प आसियान देश के नेताओं के साथ तस्वीर खिंचाते हुए।

2017 आसियान समिट की तस्वीर। ट्रम्प आसियान देश के नेताओं के साथ तस्वीर खिंचाते हुए।

मलेशिया में आज से 11वां आसियान समिट

मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आज से आसियान समिट की शुरुआत होगी। यह समिट दक्षिण-पूर्व एशिया के 10 देशों का बड़ा मंच है, जहां व्यापार, सुरक्षा, शिक्षा और संस्कृति जैसे मुद्दों पर बात होगी।

इस साल के आसियान समिट की थीम इनक्लूसिविटी एंड सस्टनेबिलिटी है। भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समिट में हिस्सा लेंगे। पहले पीएम मोदी के शामिल होने की खबर थी, लेकिन अब वे वर्चुअली शामिल होंगे।

आसियान समिट से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…

लाइव अपडेट्स

3 मिनट पहले

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तिमोर-लेस्ते बना ASEAN का 11वां सदस्य देश

कुआलालंपुर में आयोजित 47वें ASEAN शिखर सम्मेलन में तिमोर-लेस्ते को संगठन का 11वां सदस्य घोषित किया गया। यह 25 साल बाद ASEAN का पहला विस्तार है। तिमोर-लेस्ते के प्रधानमंत्री जानाना गुस्माओ ने कहा कि यह उनके देश के लिए “सपने के सच होने” जैसा है।

तिमोर-लेस्ते ने 2011 में ASEAN में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। आर्थिक और प्रशासनिक चुनौतियों के चलते प्रक्रिया लंबी चली। अब यह छोटा द्वीपीय देश क्षेत्रीय व्यापार, निवेश और शांति प्रयासों का हिस्सा बन गया है।

9 मिनट पहले

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आसियान देशों से भारत के हजारों साल पुराने संबंध

आसियान संगठन भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इस पूरे इलाके के साथ भारत के हजारों साल पुराने ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं।

  • ट्रेड और इन्वेस्टमेंट– आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक दोस्त है। 2022-23 में दोनों के बीच 122 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जो 2002 में सिर्फ 9 अरब डॉलर था। भारतीय कंपनियों ने आसियान देशों में सौर ऊर्जा, खनन और फार्मास्युटिकल सेक्टर में निवेश किया है।
  • सड़क और तकनीक कनेक्टिविटी– भारत आसियान के साथ सड़क, समुद्री रास्ते और डिजिटल कनेक्शन बढ़ा रहा है। जैसे भारत-म्यांमार-थाईलैंड हाइवे और कलादान प्रोजेक्ट (जो 2023 में शुरू हुआ) से व्यापार और आवाजाही आसान होगी। सिंगापुर और मलेशिया के साथ भारत डिजिटल तकनीक जैसे सेमीकंडक्टर पर काम कर रहा है। ये कदम भारत को तकनीक और व्यापार में आगे ले जाएंगे।
  • सुरक्षा और रक्षा– आसियान के साथ भारत की दोस्ती सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। भारत समुद्री सुरक्षा, समुद्री डाकुओं को रोकने और आपदा प्रबंधन में मदद कर रहा है। 2023 में भारत और आसियान ने मिलकर पहला समुद्री सैन्य अभ्यास किया। क्वाड जैसे संगठनों में भारत की सक्रियता ने इसे भरोसेमंद साझेदार बनाया है।
  • संस्कृति और दोस्ती- भारत और आसियान के बीच पुराने सांस्कृतिक रिश्ते हैं। बौद्ध धर्म से जुड़े प्रोजेक्ट, जैसे नालंदा विश्वविद्यालय और बौद्ध कॉन्फेडरेशन, म्यांमार, थाईलैंड और कंबोडिया के साथ रिश्ते मजबूत करते हैं। भारत आसियान के छात्रों को स्कॉलरशिप देता है और योग डिप्लोमेसी को बढ़ावा देता है। मलेशिया और सिंगापुर में रहने वाले भारतीय लोग भी इन रिश्तों को और गहरा करते हैं।

28 मिनट पहले

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कतर के अमीर मिले ट्रम्प, ईंधन भराने रुके थे

आसियान समिट के लिए मलेशिया जाते समय ट्रम्प कतर में ईंधन भरने के लिए रुके। उन्होंने कतर के अमीर और प्रधानमंत्री को अपने प्लेन में आमंत्रित किया। ट्रम्प ने कतर के नेतृत्व की प्रशंसा की।

39 मिनट पहले

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ट्रम्प मलेशिया के बाद जापान जाएंगे

आसियान समिट में हिस्सा लेने के बाद ट्रम्प सोमवार को जापान पहुंचेंगे, जहां नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची से मिलेंगे। जापान के साथ व्यापार और रक्षा खर्च पर चर्चा होगी, क्योंकि ट्रम्प जापान से अमेरिकी बाजारों में पहुंच के बदले ज्यादा निवेश की मांग कर रहे हैं।

साने ताकाइची ने कल बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प से फोन पर बात की। इस दौरान दोनों ने जापान और अमेरिका की दोस्ती को और मजबूत करने का फैसला किया। ताकाइची ने कहा कि वे ट्रम्प के साथ मिलकर अपने रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगीं।

44 मिनट पहले

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दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति से मिलेंगे ट्रम्प

जापान के बाद ट्रम्प दक्षिण कोरिया पहुंचेंगे। जहां वे एशिया-पेसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यहां पर उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होगी।

ट्रम्प चीनएक व्यापार समझौता करना चाहते हैं ताकि व्यापार युद्ध खत्म हो सके। इस समझौते में अमेरिकी सोयाबीन की खरीद, दुर्लभ मिट्टी के खनिजों पर प्रतिबंध हटाना और फेंटेनिल जैसी दवाओं के कच्चे माल पर नियंत्रण शामिल है। अमेरिका ने फरवरी 2025 में 10% टैरिफ लगाया था, जो अप्रैल तक 145% हो गया। ट्रम्प को लगता है कि यह डील उनकी “महान डीलमेकर” की छवि को और मजबूत करेगी।

ट्रम्प के मलेशिया पहुंचने से पहले अमेरिका और चीन के बड़े अधिकारियों ने शनिवार को कुआलालंपुर में ट्रेड वार्ता की। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ट्रेड वॉर रोकने और अगले हफ्ते दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया-पेसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) शिखर सम्मेलन में ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात कराने की कोशिश कर रही हैं।

यह बातचीत तब हुई जब ट्रम्प ने 1 नवंबर से चीनी सामानों पर 100% टैक्स लगाने और अन्य व्यापार नियम कड़े करने की धमकी दी थी। यह धमकी चीन की तरफ से कुछ खास खनिजों और मैग्नेट के निर्यात पर रोक लगाने के बाद आई थी।

44 मिनट पहले

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आसियान एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था

आसियान संगठन 8 अगस्त 1967 को बना था। इसमें शामिल 10 देशों की कुल आबादी 65 करोड़ और GDP 2.8 ट्रिलियन डॉलर है। आसियान एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

आसियान की पहली समिट 1976 में बाली में हुई थी। चेयरमैन शिप देशों के नाम के अंग्रेजी क्रम के हिसाब से बदलती है। भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इसके डायलॉग पार्टनर हैं।

45 मिनट पहले

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समिट में विजन 2045 अपनाया जाएगा

इस समिट में आसियान कम्युनिटी विजन 2025 के ब्लू प्रिंट्स की समीक्षा होगी और नया विजन 2045 अपनाया जाएगा। आसियान समिट आमतौर पर हर साल होती है। इसमें आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों पर फैसले होते हैं।

इस बार के होस्ट मलेशिया के प्राथमिकताएं आसियान की केंद्रीय भूमिका मजबूत करना, देशों के बीच विश्वास बढ़ाना, व्यापार-निवेश बढ़ाना, विज्ञान-तकनीक का फायदा उठाना, डिजिटल बदलाव को अपनाना, विकास के अंतर को कम करना, असमानता दूर करना, जीवन स्तर सुधारना और जलवायु परिवर्तन से निपटना हैं।

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