मुंबई35 मिनट पहले
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की इसी रिपोर्ट के मुताबिक फर्जी रजिस्ट्रेशन के चलते योजना को पहले ही साल में 1640 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है।
महाराष्ट्र में आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के लिए बनाई गई लाडकी बहन योजना के तहत 14,000 से ज्यादा पुरुषों ने धोखाधड़ी से पैसे लिए। महिला एवं बाल विकास विभाग के एक ऑडिट में यह खुलासा हुआ है।
14,298 पुरुषों को 21.44 करोड़ रुपए दिए गए, जिन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में हेराफेरी की और खुद को महिला बताकर रजिस्टर करा लिया। यह खुलासा योजना शुरू होने के लगभग 10 महीने बाद हुआ।
2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू की गई यह योजना, भाजपा के नेतृत्व वाले और शिवसेना व राकांपा के महायुति गठबंधन के लिए वोटर्स को लुभाने का जरिया थी।
इस योजना के तहत 21 से 65 साल की उम्र की उन महिलाओं को 1500 रुपए हर महीने दिए जाते हैं, जिनके परिवारों की सालाना कमाई 2.5 लाख रुपए से कम है।
स्कैम के खुलासे के बाद डिप्टी CM अजित पवार ने कहा, “लाडकी बहन योजना गरीब महिलाओं की मदद के लिए शुरू की गई थी। हम उन्हें दिया पैसा वसूल करेंगे। अगर वे सहयोग नहीं करते हैं, तो आगे कार्रवाई होगी।”

महिला बाल विकास के ऑडिट की बड़ी बातें…
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की इसी रिपोर्ट के मुताबिक फर्जी रजिस्ट्रेशन के कारण योजना को पहले ही साल में 1640 करोड़ का नुकसान हुआ है।
- सबसे बड़ा दुरुपयोग 7.97 लाख से ज्यादा महिलाओं के एक ही परिवार से तीसरी लाभार्थी के होने से हुआ। योजना में स्पष्ट रूप से प्रति परिवार केवल 2 महिलाओं को लाभ देने की सीमा है। इस नियम के उल्लंघन से सरकारी खजाने को 1196 करोड़ रका नुकसान हुआ।
- एक और अनियमितता यह है कि 65 साल से ज्यादा उम्र की 2.87 लाख महिलाओं को लाभ मिल रहा है, जबकि एज लिमिट निर्धारित है। इन लाभार्थियों के कारण लगभग 431.7 करोड़ का नुकसान हुआ।
- इसके अलावा, चार पहिया वाहन रखने वाले परिवारों की 1.62 लाख महिलाएं भी लाभार्थी सूची में शामिल पाई गईं। योजना की शर्तों के अनुसार, ऐसी महिलाएं वित्तीय सहायता की पात्र नहीं हैं।
महिला बाल विकास मंत्री बोलीं- जून 2025 से 26.34 लाख अपात्र निलंबित
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा, “महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी आवेदनों की पात्रता की पुष्टि के लिए सभी विभागों से जानकारी मांगी थी। उसके मुताबिक लगभग 26.34 लाख लाभार्थी अपात्र होने के बावजूद योजना का लाभ उठा रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर जून 2025 से इन 26.34 लाख आवेदकों के लिए लाभ अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए हैं। योजना के लगभग 2.25 करोड़ पात्र लाभार्थियों को जून 2025 के महीने का पैसा भेजा गया है।”