magh month significance in hindi, rituals about magh month, mouni amawasya on 29th January, Gupt navratri 2025 | माघ मास में आएंगे 6 बड़े व्रत पर्व: 25 जनवरी को षट्तिला एकादशी और 29 को मौनी अमावस्या, 30 तारीख से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि

42 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
ये प्रयागराज के कुंभ की फोटो है। माघ मास में प्रयागराज के संगम में स्नान करने का पौराणिक महत्व है। इस बार कुंभ में लाखों लोग रोज संगम में स्नान करने पहुंच रहे हैं। - Dainik Bhaskar

ये प्रयागराज के कुंभ की फोटो है। माघ मास में प्रयागराज के संगम में स्नान करने का पौराणिक महत्व है। इस बार कुंभ में लाखों लोग रोज संगम में स्नान करने पहुंच रहे हैं।

अभी माघ मास चल रहा है और इस महीने में षट्तिला एकादशी, मौनी अमावस्या, गुप्त नवरात्रि, तिलकुंद चतुर्थी, जया एकादशी और माघी पूर्णिमा जैसे 6 बड़े व्रत-पर्व आएंगे।

जानिए किस दिन कौन-सा व्रत-पर्व आएगा और उस दिन कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…

  • शनिवार, 25 जनवरी को षट्तिला एकादशी है। षट्तिला एकादशी पर तिल से जुड़े शुभ काम किए जाते हैं। इस दिन तिल का सेवन, तिल से स्नान, तिल का दान, तिल से हवन, तिल का उबटन और तिल से तर्पण, ये छह काम किए जाते हैं।
  • बुधवार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। इस दिन प्रयागराज के कुंभ में अमृत स्नान किया जाएगा। इस दिन मौन रहकर ध्यान, साधना और पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। मान्यता है कि इस तिथि पर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में, नर्मदा, शिप्रा, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। इसे “मौनी” इसलिए कहते हैं, क्योंकि इस दिन मौन रहकर पूजा, दान, जप, ध्यान जैसे धर्म-कर्म करने का विधान है।
  • गुरुवार, 30 जनवरी से माघ मास की गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। इस गुप्त नवरात्रि में देवी सती की दस महाविद्याओं काली, तारा, भुवनेश्वरी, षोडशी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला की साधना की जाती है। इन नौ दिनों में साधक तंत्र-मंत्र के जरिए देवी को प्रसन्न करने के लिए साधनाएं करते हैं।
  • शनिवार, 1 फरवरी को तिलकुंद चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश के लिए व्रत-पूजा की जाती है। इस व्रत में भी तिल से जुड़े शुभ काम करने की परंपरा है। भगवान को तिल के लड्डू का भोग खासतौर पर लगाया जाता है। इस दिन तिल का दान भी करना चाहिए।
  • शनिवार, 8 फरवरी को जया (अजा) एकादशी का व्रत किया जाएगा। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर ये व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का विशेष अभिषेक करना चाहिए। माना जाता है कि इस व्रत से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जाने-अनजाने में किए गए पापों का फल खत्म होता है। इस व्रत को करने वाले लोग पूरे दिन अन्न का त्याग करते हैं। जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार करते हैं।
  • बुधवार, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा है। धर्म-कर्म के नजरिए से इस तिथि का महत्व काफी अधिक है। इस दिन प्रयागराज के कुंभ में पर्व स्नान किया जाएगा। गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में भी इस दिन स्नान करने की परंपरा है। स्नान के बाद दान-पुण्य, सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन सभी देवता पृथ्वी पर आते हैं और प्रयागराज के संगम में नदी स्नान करते हैं। इस दिन अन्न, वस्त्र और धन का दान करना चाहिए।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *