Madhya Pradesh Zayka; Indore Chhavni Famous Jalebi | Akhand Bhandar | इंदौर में 101 साल से बन रही अखंड जलेबी: ​​​​​​​कोयले की भट्‌टी पर धीमी आंच में तलते हैं; सुनहरी रसभरी के नाम से भी है पहचान

इंदौर और यहां के खानपान का वर्षों पुराना इतिहास है। छावनी इलाका आज भी अपने पुश्तैनी स्वाद के लिए जाना जाता है। इसी इतिहास का साक्षी है छावनी का 101 साल पुराना अखंड जलेबी भंडार। ्मौरसम कोई भी हो, यहां सुबह से शाम तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। इस दुक

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यहां की जलेबी के मुरीद प्रदेश, देश से लेकर विदेशों तक हैं। जिसने भी एक बार यहां की जलेबी का स्वाद चखा, वह मौका खोजता है कि इंदौर के छावनी की जलेबी कैसे मंगवाई जाए। यही नहीं कई परिवार तो आज भी जन्मदिन पर मिठाई की जगह छावनी की अखंड जलेबी खा और खिलाकर अपना जन्मदिन मनाते हैं।

दैनिक भास्कर ‘जायका’ सीरीज में आइए इस बार आपको ले चलते हैं छावनी के 101 साल पुराने अखंड जलेबी भंडार पर…

पहले जान लीजिए कैसे हुई दुकान की शुरुआत

बतौर तीसरी पीढ़ी दुकान संभाल रहे भरत मंगल के अनुसार, मेरे दादा जी भगवानदास मंगल ने सौ साल पहले इस दुकान की शुरुआत की थी। तब छावनी में बड़ी अनाज मंडी हुआ करती थी। उस वक्त छावनी इलाका एक तरह से शहर का सेंटर पॉइंट था। शहर के हर वर्ग के लोग खान-पान के लिए छावनी की इन तंग गलियों में ही पहुंचते थे।

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इस इमरती का स्वाद ही पहचान:दुकान पर न कोई बोर्ड और न ही नेम प्लेट

मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर की प्रसिद्धि यहां मौजूद प्राचीन इमारतों से ही नहीं, बल्कि खानपान से भी है। बुलंद इमारतें इतिहास की गौरव गाथा का बखान करती नजर आती हैं तो गलियों-बाजारों में अलग-अलग व्यंजनों का अनोखा स्वाद परोसा जाता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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