m.m. farooqui aka lilliput said that he had written a story on which aamir khan film fanaa became | मेरी कहानी चुराकर बनाई गई थी ‘फना’- एम. एम. फारुकी: साल 1988 में शहादत नाम से लिखी थी फिल्म; शुरू से अपना लिखा हुआ सुनाने का शौक है

1 घंटे पहले

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एम. एम. फारुकी उर्फ लिलिपुट ने हाल ही में आमिर खान की फिल्म फना के बारे में कुछ दिलचस्प किस्सा शेयर किया है। उन्होंने बताया कि साल 1988 में उन्होंने एक फिल्म लिखी थी, जिसका नाम शहादत सोचा था। एक्टर ने कहा कि हम फिल्म बना ही रहे थे कि तभी पता चला कि आमिर खान की कोई फिल्म आई है जिसका नाम फना है और उसकी स्टोरी मेरी स्क्रिप्ट से काफी मिलती थी।

मैंने फना की स्क्रिप्ट शहादत के नाम से लिखी थी- लिलिपुट

लिलिपुट से द लल्लनटॉप में बातचीत के दौरान एक सवाल पूछा गया कि क्या उन्हें अफसोस है कि वो अपनी लिखी हुई कहानी शहादत पर फिल्म नहीं बना पाए थे। जिसका जवाब देते हुए एक्टर ने कहा- वो कहानी मैंने साल 1988 में सोची थी, पहली बार मैंने वन लाइन सोचा था, जो मैंने शरद जी को सुनाया था। उस वक्त मुझे डायरेक्टर बनने का शौक था। मैं रूस गया हुआ था, फिल्म शिकारी की शूटिंग के लिए। वहां मुझे 15 दिन का समय मिला और उस वक्त मैंने शहादत का स्क्रीन प्ले लिख डाला था।

खर्चे के लिए वाइफ के जेवर बेच दिए थे- लिलिपुट

लिलिपुट ने आगे कहा- जब मैं रूस से वापस आया तो मैंने फिल्म के लिए डायलॉग लिखना शुरू कर दिए थे। मैंने डायलॉग लिखने के बाद फिर आत्मा जी को सुनाए थे, जिस पर उन्होंने कहा इसको एनएफडीसी में भेज दो। फिर मैंने पूरी कॉपी बनाई, खर्चे के लिए वाइफ के जेवर बेच दिए। एनएफडीसी में कॉपी जमा की। मगर वहां से वो सब वापिस आ गई, जिसके बाद मैंने भी उम्मीद छोड़ दी थी।

‘फिल्म शहादत कई बार बनाने की कोशिश की’

लिलिपुट ने बताया कि उन्होंने काफी बार अपनी लिखी हुई कहानी शहादत पर फिल्म बनाने की कोशिश की लेकिन कभी बना नहीं पाए। जब फिल्म बनाने की बारी आई तो तभी पता चला कि आमिर खान की फिल्म फना रिलीज हुई है, जिसकी कहानी सेम टू सेम शहादत की कहानी जैसी है।

उन्होंने बताया, ‘मेरा एक दोस्त मुझे काफी समय बाद मिला था। उसने कहा कि हम फिल्म बनाएंगे। उसे हीरो बनने का शौक था। हमने नसीरुद्दीन शाह को भी सिर्फ फिल्म का टाइटल सुनाया था और वो भी इस फिल्म में काम करने के लिए तैयार हो गए थे। जिसके बाद मुहूर्त हुआ। लेकिन किसी वजह से फिल्म की शूटिंग रुक गई थी।’

मेरी लिखी हुई कहानी की सेम टू सेम थी फिल्म फना

लिलिपुट ने बताया- मैं एक शूटिंग के लिए गया था। जहां मैंने एक प्रोड्यूसर को फिर से ये कहानी सुनाई और वो फिल्म बनाने के लिए तैयार हो गया था। मैंने फिर से स्क्रिप्ट पर थोड़ा काम किया, कुछ ट्रिम करके स्क्रिप्ट को फाइनल किया। एक बार फिर फिल्म का मुहूर्त करने वाले थे। लेकिन फिर प्रोड्यूसर का फोन आया और उन्होंने मुझसे पूछा कि आमिर की फिल्म फना रिलीज हुई है वो देखिए। मैंने फना देखी, वो सेम टू सेम मेरी स्क्रिप्ट जैसी थी।

शुरू से अपना लिखा हुआ सुनाने का शौक है- लिलिपुट

एम. एम. फारुकी ने बताया कि उन्हें शुरू से आदत थी, अपना लिखा हुआ सबको सुनाने की। जिसकी वजह से हो सकता है कि उनकी कहानी फना फिल्म के मेकर्स तक भी पहुंच गई होगी। अब कुछ कर तो नहीं सकते थे, पहुंच गई तो पहुंच गई।

लिलिपुट के लिखे हुए शो से करण जौहर ने डेब्यू किया था

बता दें, लिलिपुट उर्फ एम. एम. फारुकी ने कई कहानियां लिखी हैं, उनकी लिखी हुई कहानियों में से एक कहानी साल 1989 में दूरदर्शन पर आई थी। ये एक बच्चों का शो था, जिसका नाम इंद्रधनुष था। इस शो में फिल्म प्रोड्यूसर करण जौहर ने भी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना एक्टिंग डेब्यू किया था।

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