लुधियाना में कल्याण ज्वेलर्स का शोरूम।
पंजाब में लुधियाना स्थित कल्याण ज्वेलर्स पर 1 लाख रुपए का हर्जाना लगा है। मां-बेटे ने कल्याण ज्वेलर्स से ज्वेलरी खरीदी थी। उन्होंने शिकायत की कि शोरूम में इसे 22 कैरेट का बताया गया। मगर, उस पर हॉलमार्क स्टैंप नहीं लगी थी।
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हालांकि जब उन्होंने अपने लेवल पर इसकी बाहरी लैब से जांच कराई तो वह 18 कैरेट के बराबर निकला। इसके बाद उन्होंने इस बारे में शोरूम को बताया तो उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की।
हालांकि शोरूम ने तर्क दिया कि यह पोल्की ज्वेलरी है, जिसमें हॉलमार्क जरूरी नहीं होता। इसके अलावा कस्टमर को खरीदारी के वक्त इसके बारे में बता दिया गया था।
मगर, फोरम उनके तर्क से सहमत नहीं हुआ और एक महीने में हर्जाना न देने पर 8% ब्याज समेत वसूली की चेतावनी दी।

ज्वेलर का सेल ऑर्डर की कॉपी, जिसमें इसे 22 कैरेट का बताया गया है।
सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला…
मां-बेटे ने खरीदे थे गहने इस बारे में लुधियाना के डाबा के रहने वाले अर्शदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने रानी झांसी रोड स्थित कल्याण ज्वेलर्स से 1 जुलाई 2021 को 42 हजार 719 रुपए में एक पेंडेंट खरीदा था। उस वक्त ये कहा गया कि यह 22 कैरेट सोने से बना है। इसी वजह से उनकी मां सुखबीर कौर ने भी 47 हजार रुपए में गोल्ड का स्टड खरीद लिया। हालांकि हमने देखा कि उसमें कोई हॉलमार्क स्टैंप नहीं लगा था।
शक होने पर बाहरी लैब से टेस्ट कराया अर्शदीप ने बताया कि शक होने पर उन्होंने 27 अगस्त 2021 को ऑथोराइज्ड एलडी गोल्ड लैब से इसका टेस्ट कराया। लैब ने इसकी शुद्धता 75.21% की बताई, जो 18K सोने के बराबर है। हालांकि उन्हें खरीदारी के वक्त जो चालान दिया गया था, उसमें लिखा था कि यह 22 कैरेट से बनी है।
अर्शदीप ने कहा कि इसके बाद उन्होंने शोरूम के कर्मचारियों को बताया और ईमेल भी की लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने लीगल नोटिस भेजा लेकिन कंपनी ने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद उन्होंने उपभोक्ता फोरम को शिकायत कर दी।
कंपनी ने कहा- इस पर हॉलमार्क जरूरी नहीं इस बारे में कल्याण ज्वेलर्स ने फोरम को दिए अपने पक्ष में कहा कि कस्टमर की खरीदी ज्वेलरी पोल्की ज्वेलरी की कैटेगरी में आती है। हॉलमार्किंग ऑफ गोल्ड ज्वेलरी एंड गोल्ड आर्टिफैक्ट्स ऑर्डर 2020 के तहत इस पर अनिवार्य रूप से हॉलमार्क की स्टैंप होना जरूरी नहीं है। यह ज्वेलरी MRP पर बेचे जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब खरीदारी की गई तो कस्टमर को इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई थी। इसलिए उनकी शिकायत सुनवाई के लायक नहीं है।
फोरम ने कहा- ज्वेलर यूटर्न नहीं ले सकता फोरम के अध्यक्ष संजीव बत्रा और मेंबर मोनिका भगत ने इस मामले में फैसला देते हुए कहा कि शोरूम में ज्वेलरी के साथ जो टैग लगाया गया, उसमें सिर्फ MRP और आइटम कोड लिखा हुआ है। ज्वेलरी की क्वांटिटी, क्वालिटी और प्योरिटी यानी शुद्धता के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। यह सीधे तौर पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के राइट टू बी इन्फॉर्म्ड की शर्तों का उल्लंघन है।
इसके अलावा इसके चालान में स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि यह 22 कैरेट गोल्ड का बना है। ऐसे में ज्वेलर यह कहकर यूटर्न नहीं ले सकता कि उसने इसके बारे में कस्टमर को खरीदारी के वक्त पूरी जानकारी दे दी थी। यह ज्वेलर की अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के दायरे में आता है। इसलिए उसे एक महीने के भीतर कस्टमर को हर्जाना देना होगा अन्यथा ब्याज भी देना पड़ेगा।
वहीं इस बारे में कल्याण ज्वेलर्स का केस लड़ने वाले एडवोकेट मनदीप सिद्धू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में वह कोई पक्ष नहीं देना चाहते ।
