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- महाभारत युद्ध शुरू होने वाला था, पांडव और कौरव दोनों ही श्रीकृष्ण को अपने पक्ष में करना चाहते थे। इसी इच्छा को पूरी करने के लिए अर्जुन और दुर्योधन श्रीकृष्ण के पास पहुंचे। उस समय श्रीकृष्ण ने कहा था कि एक ओर मेरी पूरी अजय नारायणी सेना है और दूसरी ओर मैं अकेला रहूंगा और मैं युद्ध में शस्त्र भी नहीं उठाउंगा। ये बात सुनकर दुर्योधन ने नारायणी सेना चुन ली और श्रीकृष्ण अर्जुन के पक्ष में चले गए।
- जब ये बात कर्ण, भीष्ण, द्रोणाचार्य, शकुनि आदि योद्धाओं को मालूम हुई तो सभी दुर्योधन के चयन पर दुखी हुए थे। यहीं से कौरव पक्ष के अधिकतर योद्धाओं को लगने लगा था कि जहां श्रीकृष्ण हैं, वही जीत होगी। बाद में नतीजा भी यही हुआ, श्रीकृष्ण की नीतियों की वजह से पांडव युद्ध जीत गए।
- सफल होना चाहते हैं तो किसी भी विकल्प का चयन बहुत सोच-समझकर करना चाहिए, गलती होने पर सफलता हम से दूर हो जाती है।
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