life in a struggle on a boat in Bhagalpur as Ganga And Koshi river overflow University for affected person is closed | भागलपुर में उफान पर गंगा-कोसी…गांव में पहुंचा बाढ़ का पानी: सड़कों पर जलजमाव, नाव ही सहारा, पीड़ितों के लिए तिलकामांझी विश्विद्यालय के दरवाजे भी बंद – Bhagalpur News

नाव के सहारे कट रही है लोगों की जिंदगी।

भागलपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में पानी प्रवेश कर चुकी है। लोगों की जिंदगी में जद्दोजहद शुरू हो गई है। जिले के निचले इलाकों में पानी भर गया है। सबौर – जमसी पथ पर गंगा का पानी चढ़ जाने से अब आवागमन बाधित हो गया है। कटारिया नदी पर बने लल

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नाव पर चल रही है इलाके के लोगों की जिंदगी

नाव पर चल रही है इलाके के लोगों की जिंदगी

मवेशियों के चारे पर भी आफत

इधर, शहर के प्रसिद्ध बुढ़ानाथ मंदिर के नीचे मसानी काली परिसर एवं पार्क में पानी घुस गया। इतना ही नहीं निचले इलाका सखीचंद घाट, दीपनगर, माणिक सरकार घाट, आदमपुर घाट किला घाट नाथनगर के लालूचक, श्रीरामपुर, शंकरपुर दियारा क्षेत्र में पानी ऊपर चढ़ने लगा है। इस क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल है। सबसे ज्यादा लोगों को चिंता इस बात की सता रही है की बाढ़ आने के बाद मवेशियों का चारा पर आफत हो जाएगी, जिससे इंसान के साथ मवेशियों की भी परेशानियां बढ़ जाएगी।

ठेला, ओर नाव पर जानवर का चारा ले जाते किसान

ठेला, ओर नाव पर जानवर का चारा ले जाते किसान

इन इलाकों में फैला बाढ़ का पानी

लोगों को इसकी चिंता ज्यादा सता रही है। हाल यह है कि कई इलाकों में पानी घुस जाने से लोगों की जिंदगी नाव पर आ गई है। सड़क पानी के आगोश में आ जाने के बाद लोगों के द्वारा आवागमन नाव के जरिए किया जा रहा है। फिलहाल, जिला प्रशासन की ओर से अभी तक एतियातन के तौर पर कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है, जो बाढ़ पीड़ितों को मदद दे सके। मालूम हो कि सीमांचल और पूर्वी बिहार में एक बार फिर कोसी, गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। इसके कारण तटबंध के गांव के साथ ही निचले इलाके में पानी फैलने लगा है इस बार गंगा ने भागलपुर शहर के सटे इलाकों में अपनी दस्तक दे दी है। भागलपुर में शहर के बुढ़ानाथ मंदिर, पार्किंग क्षेत्र, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय व सबौर, कहलगांव और नवगछिया में मुख्य सड़क तक पानी पहुंच चुका है। कोसी नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि से पानी कोसी के पूरे इलाके में फैल गया है तटबंध के अंदर तीन दर्जन गांवों में लोगों के घर से लेकर आंगन तक बाढ़ के पानी ने दस्तक दे दी है।

TMBU के पीछे सब्जी ले जाते किसान

TMBU के पीछे सब्जी ले जाते किसान

तिलकामांझी भागलपुर विश्विद्यालय के दरवाजे भी बंद

भागलपुर में गंगा नदी उफनाई हुई है। जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अगले 36 से 48 घंटे तक जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है। इधर, जलस्तर बढ़ने से दियारा इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। नाथनगर के रत्तिपूर बैरिया, शंकरपुर, दिलदारपुर, बिंद टोली समेत कई गांव में पानी प्रवेश कर चुका है। चचरी पूल पूरी तरह से डूब चुका है। किसानों के खेत जलमग्न है। किसान फसल और हरी सब्जियों को काटकर नाव के जरिये शहर लाकर बेच रहे हैं। लोगों के आवागमन का जरिया एक छोटा नाव रह गया है। इन गांवों को गंगा हर वर्ष डुबाती है। इसके बाद पीड़ित परिवार तिलकामांझी भागलपुर विश्विद्यालय के कैंपस में शरण लेते हैं, लेकिन इस बार कुलपति की ओर से आपत्ति जताई गई है। कुलपति ने पीड़ितों के लिए विश्विद्यालय के कैंपस का गेट बंद कर दिया है। पीड़ितों ने कहा कि हर बार शरण लेते थे इस बार कुलपति ने मना किया है। कहां जाएंगे कहां रहेंगे कुछ पता नहीं है।

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