Lieutenant Shivangi Singh of Varanasi was seen with the President | PM मोदी ऑनलाइन देखेंगे काशी की देव दीपावली: 2 लाख लोग आरती में पहुंचेंगे; 1 घंटे का लेजर शो, 15 मिनट होगी आतिशबाजी – Varanasi News

वाराणसी में 5 नवंबर को देव दीपावली है। इस साल देव दीपावली ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित होगी। पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। गंगा आरती देखने के लिए 2 लाख लोग काशी पहुंचेंगे। जो घाट और गंगा नदी में नाव पर मौजूद रहेंगे।

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21 अर्चक और 42 देवी-कन्याएं महाआरती करेंगे। पहली बार संस्था अपने यूट्यूब चैनल से महाआरती का लाइव टेलीकास्ट करेगी। जिसे देश-दुनिया के लोग देख सकेंगे। PM मोदी भी ऑनलाइन देव दीपावली देखेंगे।

करीब 15 मिनट तक आतिशबाजी होगी। तीन शिफ्ट में करीब एक घंटे लेजर शो होगा। गंगा आरती की शुरुआत कब और कहां से हुई? सबसे पहली बार इस परंपरा को किसने शुरू किया? इस बार आरती में क्या खास रहेगा? यह समझने के लिए ‘दैनिक भास्कर’ ने गंगा सेवा निधि के पदाधिकारियों से बात की। रिपोर्ट पढ़िए…

इस साल ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित होगी देव दीपावली। पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

इस साल ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित होगी देव दीपावली। पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

एक अर्चना से शुरू हुई थी गंगा आरती दशाश्वमेध घाट पर हमें गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा मिले। उन्होंने बताया- काशी में बाबा विश्वनाथ की सप्तऋषि आरती होती है। इसके अलावा सिर्फ गंगा जी की सप्तऋषि आरती होती है। हमारा घर घाट से ऊपर ही है। 1989 की बात है। मेरे पापा स्व. सत्येंद्र मिश्रा और उनके दोस्तों ने घाट की सफाई शुरू की। इसमें राजेंद्र प्रसाद घाट और दशाश्वमेध घाट शामिल थे।

उस समय दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती नहीं होती थी। टूरिस्ट काशी आते, काशी विश्वनाथ का दर्शन, गंगा स्नान करते और वापस लौट जाते। शाम को इन घाटों पर सन्नाटा पसर जाता था। ऐसे में हमारे पिताजी और उनके दोस्त को विचार आया कि शाम को यहां गंगा आरती करनी चाहिए।

तब 1 अर्चक यानी सत्येंद्र मिश्रा ही आरती करते थे। फिर समय के साथ 3 अर्चक, 5 अर्चक और अब 7 अर्चक यह आरती करते हैं।

सुशांत मिश्रा ने कहा- देव दीपावली पर सबसे भव्य गंगा आरती होती है। आम दिनों में 7 अर्चक आरती करते हैं। मगर देव दीपावली पर 21 अर्चक महाआरती करते हैं। इसमें 42 देव कन्याएं रिद्धि–सिद्धि के रूप में मौजूद रहती है। जो चंवर डोलाती हैं। इस दौरान घाट और गंगा नदी में नाव पर करीब 2 लाख भक्त मौजूद रहते हैं।

घाटों को सजाने की तैयारियां शुरू हो गईं। 21 अर्चक महाआरती करेंगे।

घाटों को सजाने की तैयारियां शुरू हो गईं। 21 अर्चक महाआरती करेंगे।

1.5 महीने पहले शुरू होती है तैयारी सुशांत ने बताया, हमारे पास 35 लोगों का स्टाफ है। रोजाना गंगा आरती के प्रबंधन किए जाते हैं। हर दिन करीब ढाई घंटे का समय लगता है। 1 घंटे में आरती संपन्न हो जाती है। देव दीपावली पर होने वाली आरती के लिए 1.5 महीने पहले से तैयारियां शुरू होती हैं। पूरा घाट फूलों से सजाया जाता है। महाआरती के बाद सांस्कृति आयोजन होते हैं।

सेवा निधि कार्तिक के पूरे महीने में आकाशदीप जलाती है। साल 1999 में कारगिल पर भारत की विजय के बाद आकाशदीप जलाने की परंपरा शुरू हुई।

सुशांत ने कहा- इस वर्ष हम शौर्य के 25 साल में पहुंच गए हैं। ये आकाशदीप सेना के शहीद जवानों के नाम होते हैं। जिन्हें नमन करने के लिए हम इंडिया गेट की पहले रिप्लिका बनाते थे, लेकिन अमर जवान ज्योति वहां से हटने के बाद अब सिर्फ अमर जवान ज्योति की रिप्लिका बनती है।

अमर जवानों को दी जाएगी श्रद्धांजलि सुशांत ने बताया, इस बार अमरवीर योद्धाओं की स्मृति में कार्यक्रम होगा। इसमें अमर बलिदानी अरविन्द कुमार यादव, अमर बलिदानी सुनील कुमार पाण्डेय, अमर बलिदानी रितश कुमार सिंह अमर बलिदानी इन्द्रभूषण सिंह, 11 BN NDRF के अमर बलिदानी राम बहादुर सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके साथ ही पहलगाम हमले में मरने वालों को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी।

घर बैठे देख पाएंगे काशी की देव दीपावली की भव्य आरती संस्था द्वारा भव्य देव-दीपावली महोत्सव की महाआरती व आयोजन संस्था के यू-ट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकता है। इसके लिए लिंक https://www.youtube.com@gangaaartigangasevanidhi2261 जारी किया गया है। घर बैठे भी श्रद्धालु देव-दीपावली महोत्सव में होने वाली महा आरती के दर्शन कर सेकेंगे।

आयोजकों ने बताया भगवती मां गंगा की आरती के दौरान देश-विदेश आए लाखों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सुरक्षा की दृष्टि से संस्था द्वारा 24 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। भारत सेवा श्रम संघ के 100 स्वयं सेवक व सुरक्षा उपकरणों के साथ गंगा सेवा निधि के 150 वॉलंटियर रहेंगे।

साथ ही राजकीय चिकित्सालय द्वारा चिकित्सकों की टीम व एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई हैं। 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ की तरफ से वाटर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है।

25 लाख से अधिक दीप जगमगाएंगे, लेजर शो होगा देव दीपावली के लिए पर्यटन विभाग और महोत्सव समिति वाराणसी ने 25 लाख से अधिक मिट्टी के दीपकों की व्यवस्था की है। कुल 20 सेक्टर बनाए गए हैं। इनमें प्रत्येक के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद और डमरू की गूंज से होगी।

देव दीपावली की शाम 25 मिनट का काशी-कथा 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग व लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। काशी के गौरव, गंगा की महिमा और भगवान विश्वनाथ की नगरी की आस्था को दिखाया जाएगा। इसके अलावा 8 मिनट का विशेष लेजर शो भी होगा। इसी के साथ ही श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने रात आठ बजे से ग्रीन आतिशबाजी भी की जाएगी।

गंगा सेवा निधि द्वारा राष्ट्रपति को देव दीपावली के भव्य आरती में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया था, जिस पर उनके कार्यालय से इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं भेजी गई हैं।

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