Lessons from the story of Hanuman and Surasa, life management tips of Lord Hanuman, how to get success in life | हनुमान और सुरसा के किस्से की सीख: जहां जरूरत न हो, वहां तर्क-वितर्क करने से बचें, कभी-कभी अहंकार छोड़कर विनम्रता से झुकना ही फायदेमंद होता है

7 घंटे पहले

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लक्ष्य बड़ा हो तो रास्ता सीधा और सरल नहीं होता। हर कदम पर चुनौतियां और समय बर्बाद करने वाली परिस्थितियां सामने आती रहती हैं। ऐसी स्थिति में हमें लक्ष्य से ध्यान नहीं हटाना चाहिए। ये सीख हमें हनुमान जी और सुरसा की घटना से मिलती है। पढ़िए हनुमान जी और सुरसा का पूरा किस्सा…

जब हनुमान जी समुद्र पार कर लंका की ओर उड़ रहे थे, उस समय देवताओं ने हनुमान जी की शक्ति को परखने का निश्चय किया। देवताओं ने हनुमान जी की परीक्षा लेने के लिए सर्पों की माता सुरसा को भेजा गया। सुरसा ने हनुमान जी का मार्ग रोक लिया और अपना विशाल मुंह खोलकर बोली कि तुम मेरा भोजन हो। मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकती।

हनुमान जी ने विनम्रता से कहा कि मैं अभी श्रीराम के कार्य हेतु जा रहे हूं। मैं देवी सीता का पता लगाकर राम जी को उनका संदेश पहुंचा दूं, उसके बाद मैं खुद लौटकर यहां आ जाऊंगा, आप मुझे तब खा लेना, लेकिन सुरसा ने हनुमान जी की बात नहीं मानी।

सुरसा ने अपना मुंह बड़ा किया तो हनुमान जी ने भी अपना आकार बढ़ा लिया, लेकिन जल्द ही हनुमान जी को समझ आ गया कि ये समय बड़ा बनने की लड़ाई का नहीं है। हनुमान जी ने बुद्धिमानी दिखाई। उन्होंने सोचा कि यदि मैं इस संघर्ष में उलझ गया तो मेरा लक्ष्य पूरा नहीं होगा?

हनुमान जी ने अपना आकार तुरंत छोटा किया और सुरसा के मुंह में प्रवेश करके, तुरंत बाहर निकल आए। सुरसा मुस्कुराई और बोली, तुम्हारी बुद्धि और बल दोनों की परीक्षा पूरी हुई। तुम अवश्य सफल हो जाओगे।

हनुमान जी की सीख

  • लक्ष्य को हर परिस्थिति में याद रखें

जब आपका लक्ष्य स्पष्ट हो तो बाधाएं आपका ध्यान नहीं भटकाती हैं। हर निर्णय ये सोचकर लेना चाहिए, क्या ये मुझे मेरे लक्ष्य के करीब ले जा रहा है, अगर कोई निर्णय लक्ष्य से दूर ले जा रहा है तो उस निर्णय से बचना चाहिए।

  • अनावश्यक बहसों से दूर रहें

हर लड़ाई लड़ने लायक नहीं होती। समय और ऊर्जा अमूल्य संसाधन हैं। जहां आवश्यकता न हो, वहां तर्क-वितर्क करने से बचें। ऐसी व्यर्थ चर्चाओं में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।

  • परिस्थितियों के अनुसार अपने तरीके बदलें

हनुमान जी ने अपना आकार बदलकर सुरसा को पराजित किया। हमारे जीवन में लचीलापन होना चाहिए, यही सफलता का जरूरी गुण है। एक ही तरीका हर जगह काम नहीं करता, कभी-कभी तरीका बदलने से सफलता मिल जाती है।

  • भावनाओं पर नियंत्रण रखें

जब व्यक्ति क्षणिक क्रोध, अहंकार या उत्तेजना में निर्णय लेता है, तो अक्सर नुकसान उठाता है। शांत मन से समाधान ढूंढेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। यहां हनुमान ने सुरसा पर क्रोध नहीं किया, बल्कि शांति से सुरसा को पराजित करने का रास्ता निकाला।

  • समस्या पर नहीं, समाधान पर ध्यान दें

सुरसा अड़ गई थी, लेकिन हनुमान जी ने संघर्ष की जगह समाधान खोजा। हमें भी समस्या से ज्यादा उसके समाधान पर ध्यान देना चाहिए, तभी सफलता मिल सकती है।

  • बड़े लक्ष्य के लिए छोटा बनना सीखें

कभी-कभी अहंकार छोड़कर विनम्रता से झुकना ही फायदेमंद होता है। ऐसा करने से न केवल रिश्ते बेहतर बनते हैं, बल्कि रास्ते भी आसान हो जाते हैं।

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