Lebanon Pager Blast Planning Exposed | Hezbollah Israel | दावा-इजराइल ने 15 साल तक पेजर ब्लास्ट की प्लानिंग की: फेक कंपनी बनाई, पेजर में 50 ग्राम विस्फोटक रखा, रिमोट से धमाका किया


13 मिनट पहले

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लेबनान के सब्जी मार्केट में पेजर धमाके से अफरा-तफरी मच गई थी। - Dainik Bhaskar

लेबनान के सब्जी मार्केट में पेजर धमाके से अफरा-तफरी मच गई थी।

लेबनान में 17 सितंबर को पेजर में धमाके हुए थे। हिजबुल्लाह ने इजराइल को इसका जिम्मेदार ठहराया था। अब अमेरिका के खुफिया सूत्रों ने भी ABC न्यूज को बताया है कि इन पेजर्स को बनाने में इजराइल का हाथ था। वह पिछले 15 सालों से इसकी प्लानिंग कर रहा था।

ABC न्यूज के मुताबिक, हमले की प्लानिंग में शेल कंपनियां शामिल थीं। अलग-अलग लेवल पर इजराइल के इंटेलिजेंस अफसर प्लान को आगे बढ़ा रहे थे। खुफिया अधिकारियों ने एक ऐसी कंपनी बनाई थी, जो रिकॉर्ड के मुताबिक लंबे समय से पेजर मैन्युफैक्चरिंग कर रही थी।

कंपनी में कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्हें इस साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। सूत्रों ने बताया कि पेजर्स में 25-50 ग्राम तक विस्फोटक लगाए गए थे। इसे ट्रिगर करने के लिए एक रिमोट से भी जोड़ा गया था।

तस्वीर लेबनान में ब्लास्ट हुए एक पेजर की है।

तस्वीर लेबनान में ब्लास्ट हुए एक पेजर की है।

हिजबुल्लाह ने 5 महीने पहले खरीदे पेजर, वॉकी-टॉकी; दोनों में ब्लास्ट हुआ

जिन पेजर्स में ब्लास्ट हुआ, हिजबुल्लाह ने उन्हें करीब 5 महीने पहले खरीदा था। उसी समय पर बातचीत के लिए दूसरे कम्युनिकेशन डिवाइस वॉकी-टॉकी को भी खरीदा गया था, जिसमें 18 सितंबर को ब्लास्ट हुआ था। 19 सितंबर को अपने भाषण में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ने कहा था कि संगठन के टॉप लीडर्स के पास पुराने पेजर्स मौजूद थे। उनके पास वो नए डिवाइस नहीं थे, जिनके जरिए हमला किया गया।

नसरल्लाह ने कहा था कि इजराइल पेजर्स के जरिए 5 हजार हिजबुल्लाह सदस्यों को मारना चाहता था। उन्हें पहले से पता था कि हिजबुल्लाह इन डिवाइस का इस्तेमाल करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA लंबे समय से इस तरह के ऑपरेशन को टाल रही है, क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर आम नागरिकों की जान को खतरा हो सकता है।

शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि लेबनान में विस्फोट होने वाले पेजर्स को हंगरी की कंपनी BAC कंसल्टिंग ने ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो से हुए कॉन्ट्रैक्ट के तहत बनाया था। हालांकि, हंगरी सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि पेजर्स को बनाने वाली कंपनी की देश में कोई फैक्ट्री नहीं है, न ही इन पेजर्स को हंगरी में बनाया गया था।

दावा- हिजबुल्लाह के 5 हजार पेजर्स में लगाए थे विस्फोटक

इससे पहले ब्रिटिश न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिजबुल्लाह के 5 हजार पेजर्स में विस्फोटक लगाए थे। ये पेजर्स कोड की मदद से ऑपरेट होते हैं। इन्हें इस साल की शुरुआत में लेबनान भेजा गया। सूत्र ने कहा था कि पेजर्स के अंदर जो विस्फोटक था, उसका पता लगाना बहुत मुश्किल था। किसी भी डिवाइस या स्कैनर से भी इसे ढूंढ़ा नहीं जा सकता था।

17 सितंबर को इन पेजर्स पर एक मैसेज आया जिसने विस्फोटक को एक्टिवेट कर दिया। हमले में 12 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में हिजबुल्लाह के 8 सदस्य और 2 बच्चे शामिल थे। इस हमले में 3000 से ज्यादा घायल हुए थे, जिनमें लेबनान में मौजूद ईरान के राजदूत भी शामिल थे।

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लेबनान में हिजबुल्लाह के कम्युनिकेशन सिस्टम पेजर और वॉकी-टॉकी में अटैक के बाद इजराइल लेबनान में हवाई हमले किए। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बेरूत के आसमान में 3 इजराइली फाइटर जेट्स ने उड़ान भरते हुए हमले किए। यह हमले तब हुए जब हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह पेजर और वॉकी-टॉकी ब्लास्ट के बाद अपना पहला भाषण दे रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…

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