चंडीगढ़ में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के गुर्गे गिरफ्तार।
चंडीगढ़ की डेराबस्सी पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के दो सक्रिय गुर्गों को गिरफ्तार कर इमीग्रेशन सेंटर पर फायरिंग की साजिश का खुलासा किया है। आरोपियों की पहचान नितीश कुमार उर्फ निक्कू राणा, निवासी लालड़, और गुरकीरत सिंह बेदी, निवासी डे
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डी.एस.पी. बिक्रमजीत सिंह बराड़ ने बताया कि ये आरोपी 19 सितंबर को डेराबस्सी स्थित एक इमीग्रेशन सेंटर पर हुई गोलीबारी के मुख्य आरोपी हैं। फायरिंग के लिए हथियार आरोपी निक्कू राणा ने मुहैया कराए थे, जो गोल्डी बराड़ और सबा (अमेरिका) के संपर्क में था। फायरिंग की पूरी साजिश निक्कू और उसके साथी मंजीत उर्फ गुरी ने रची थी। इस साजिश को अंजाम देने के लिए दिल्ली से तिहाड़ जेल में बंद मंजीत और सचिन बंजा ने हथियारों की व्यवस्था की थी।
बैकअप शूटर के तौर पर तैनात था गुरकीरत पुलिस ने बताया कि गुरकीरत सिंह को इमीग्रेशन सेंटर पर फायरिंग के लिए बैकअप शूटर के तौर पर तैनात किया गया था। डीएसपी ने आगे कहा कि निक्कू राणा पहले भी आपराधिक मामलों में शामिल रह चुका है। फरवरी 2023 में उसे गोल्डी बराड़ के आदेश पर देविंदर बंबीहा गैंग के एक सदस्य को खत्म करने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
नवंबर 2023 में, निक्कू ने गोल्डी बराड़ गैंग की जीरकपुर में एक व्यापारी की हत्या की असफल कोशिश के लिए मंजीत को हथियार उपलब्ध कराए थे। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि गुरकीरत बैकअप शूटर के रूप में पूरी तैयारी के साथ इस साजिश का हिस्सा था। डेराबस्सी पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते यह बड़ी साजिश नाकाम हो सकी। पुलिस आरोपियों से और भी अहम जानकारी निकालने के लिए आगे की पूछताछ कर रही है।