चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में झारखंड हाईकोर्ट में CBI ने उनकी सजा बढ़ाने की मांग की है। इसको लेकर जांच एजेंसी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। बुधवार को सुनवाई के बाद CBI की याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
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जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ ने CBI की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया है।
CBI की तरफ से लालू प्रसाद यादव, बेक जूलियस और सुधीर कुमार भट्टाचार्य की सजा को बढ़ाए जाने की मांग की गई है।
इससे पहले निचली अदालत ने इन लोगों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी। CBI इस मामले में अधिकतम सजा की मांग कर रही है। यह मामला देवघर कोषागार से अवैध निकासी से जुड़ा है।

अप्रैल में CBI ने दाखिल की थी याचिका
अप्रैल महीने में चारा घोटाले में लालू यादव की सजा बढ़ाने के लिए CBI ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका स्वीकार करते हुए इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई तीन महीने बाद करने के लिए कहा था।
CBI की तरफ से दलील दी गई कि, देवघर ट्रेजरी घोटाला मामले में CBI की ओर से दायर आरसी 64 a96 मामले में पूर्व लोक लेखा समिति के अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात साल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना CBI की विशेष अदालत ने लगाया था।
लालू प्रसाद यादव और अन्य आरोपियों को साढ़े तीन-साढ़े तीन साल की सजा और 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। CBI की विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ सीबीआई की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई है, जिस पर आज सुनवाई के बाद खंडपीठ ने उसे मंजूर कर लिया। अब इस मामले की विस्तृत सुनवाई होगी।

डोरंडा ट्रेजरी मामले में हुई थी सजा
लालू प्रसाद यादव के खिलाफ डोरंडा ट्रेजरी से अवैध रूप से 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का मामला दर्ज हुआ था। चारा घोटाला मामले में ये अकेला मामला नहीं है, इससे पहले भी इसी घोटाले से संबंधित अन्य मामलों में लालू यादव को सजा सुनाई जा चुकी है।
इसमें झारखंड के देवघर, दुमका, चाईबासा और डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी के मामले शामिल हैं। लालू यादव को 27 साल की सजा पहले ही सुनाई जा चुकी है। वह जेल भी गए। हालांकि, खराब सेहत के चलते उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
हरियाणा से मंगाए थे ऊंची नस्ल के मवेशी
चारा घोटाला मामले में कई दिलचस्प बातें सामने आई हैं। पहली तो ये कि अलग-अलग ट्रेजरी से करोड़ों रुपए की अवैध निकासी की गई। इसके अलावा आरोप लगे कि लालू ने मुख्यमंत्री रहते हुए अविभाजित बिहार में अच्छी-ऊंची नस्ल की गाय और भैंस बढ़ाने के लिए हरियाणा से सांड और दूसरे मवेशी मंगवाए थे।

खास बात यह थी कि इन जानवरों को बाइक, स्कूटर और मोपेड के जरिए लाया गया था। मवेशी लाने का ठेका बाकायदा दिल्ली की हिंदुस्तान लाइव स्टाफ एजेंसी को दिया था। इनमें भेड़ और बकरे भी लाखों रुपए की कीमत चुकाकर लाए गए थे।
चारा घोटाले के 4 मुख्य आरोपी
चारा घोटाला सामने आने पर देश में हड़कंप मच गया था। घोटाले के चार मुख्य आरोपी बनाए गए थे। इनमें लालू प्रसाद यादव, आरके राणा, जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत का नाम शामिल था। मामले में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मवेशी लाने के लिए असल खर्च से दो सौ गुणा बजट बनाया गया था।
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2 अगस्त 2000 को लोकसभा में गहमा-गहमी थी। तब के गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी बिहार पुनर्गठन विधेयक पेश करने वाले थे। इसके जरिए बिहार से अलग झारखंड राज्य बनाया जाना था। लालू प्रसाद यादव की RJD इसका विरोध कर रही थी। झारखंड निर्माण को कांग्रेस की सहमति ने लालू यादव का खेल खराब कर दिया था। वो चाहकर भी कांग्रेस का कुछ नहीं बिगाड़ सकते थे, क्योंकि बिहार में कांग्रेस के समर्थन से ही राबड़ी सरकार चल रही थी। पूरी खबर पढ़िए