Kullu Banjar MLA Accuses CM Sukhu |Removing Name | Foundation Stones | कुल्लू में बंजार विधायक ने CM सुक्खू पर लगाए आरोप: बोले-शिलापट्टों से हटाया गया नाम, तीन वर्षों में छीने 19 संस्थान – Patlikuhal News

पत्रकारों से बातचीत करते हुए बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी।

बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दौरे को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक ने कुल्लू में पत्रकार वार्ता में कहा कि उद्घाटन शिलापट्टों से उनका नाम हटाकर एक गैर-चुने हुए व्यक्ति का नाम अंकित किया गया है।

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शौरी ने कहा कि यह लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है। आज तक के इतिहास में कभी भी मुख्यमंत्री के साथ विधायक को छोड़कर किसी मित्र का नाम शिलापट्ट पर नहीं लिखा गया। उन्होंने इसे चुने हुए प्रतिनिधि का अपमान बताया।

तीन वर्षों में बंजार से 19 संस्थान छीनने का आरोप

विधायक ने मुख्यमंत्री पर बंजार क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में बंजार से 19 संस्थान छीन लिए गए। शरची गांव का सीएचसी और देहरी का अस्पताल भी बंद कर दिया गया। यह वही गांव है जहां मुख्यमंत्री का रात्रि विश्राम का कार्यक्रम है।

उनके कार्यकाल के विकास कार्यों का उद्घाटन

शौरी ने कहा कि जिन विकास कार्यों का उद्घाटन किया जा रहा है, वे उनके कार्यकाल के हैं। हेलीपैड भी उनके समय में बना। लेकिन शिलापट्टों से उनका नाम गायब है। उन्होंने यह भी बताया कि वह प्रदेश स्तर पर चेयरमैन रहे, फिर भी उनका नाम शिलापट्टों में दर्ज नहीं किया गया।

सीएम सुक्खू सरकार पर आरोप लगाते हुए बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी।

सीएम सुक्खू सरकार पर आरोप लगाते हुए बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी।

सीएम पर लाडा के धन को छीनने का आरोप

उन्होंने कहा बंजार से लाडा के धन को भी सीएम ने छीन लिया और बंजार अस्पताल की अपग्रेडेशन की नोटिफिकेशन भी रद्द की और आज बंजार अस्पताल के हालत खराब है। उन्होंने कहा कि बंजार बाईपास का काम हमने किया है और वर्तमान सरकार ने तीन अढ़ाई वर्षों में सिर्फ 200 मीटर सड़क का निर्माण किया और आज उसके उद्घाटन में मित्र का नाम अंकित कर किया जा रहा है।

बजट में फूटी कौड़ी नहीं दी

उन्होंने कहा कि बंजार के पर्यटन के लिए बजट में फूटी कौड़ी नहीं दी और अब बंजार के जंगलों को धन्नासेठों को दिया जा रहा है। ऐसे जंगल दिए जा रहे हैं जहां पर्यटन उभर चुका है और वहां के युवाओं के रोजगार को भी खत्म किया जा रहा है।

जबकि ऐसे जंगलों को दिया जाना चाहिए था जहां पर्यटन उभरा नहीं है। उन्होंने कहा कि बंजार के लिए लाडा के 50 करोड़ सेक्शन किए थे लेकिन इस सरकार ने सत्ता में आते ही वह धनराशि भी खारिज की।

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