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- Know The Future Of The Country In 2025: Planets And Stars Are Saying That This Year Will Be The Time For The Country To Touch New Heights
1 घंटे पहले
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साल 2025 में ग्रहों का ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो भारत को एक नए मुकाम पर ले जाएगा। आर्थिक विकास के कई दरवाजे खुलने वाले हैं।
काशी और उज्जैन के ज्योतिषियों के मुताबिक, रक्षा से लेकर दवा तक के क्षेत्र में भारत नई ऊंचाई छू सकता है। साथ ही, दुनियाभर में चल रहे युद्ध भी इस साल खत्म होने के आसार दिख रहे हैं, जिससे हमारे देश की आर्थिक सेहत और फलने-फूलने वाली है…

इस साल की अच्छी बात यह रहेगी कि ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को राजा कहा गया है, आने वाले हिन्दू नववर्ष (यानी अप्रैल के बाद) के राजा सूर्य होंगे और संयोग ये भी है कि मंत्री भी सूर्य ही रहेंगे। आसान शब्दों में इसका मतलब है कि ये वित्तीय स्थिति सुधरने के संकेत हैं।
देश में नई योजनाएं आएंगी। राष्ट्र शत्रु पूरी तरह से दबे रहेंगे। निम्न वर्ग के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। आर्थिक विकास के दरवाजे खुलेंगे तथा देश मजबूती की ओर बढ़ेगा। शुभ कार्यों में निरन्तर विकास होगा। औषधि एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्य आगे बढ़ेगा। देश की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। प्रशासन से जुड़े बड़े फैसले हो सकते हैं।
देश में बड़े पद पर स्थित लोगों के कामकाज में तेजी आ सकती है। धनेश बुध होने से शेयर बाजार के नई ऊंचाइयां छूने की उम्मीद है। दुर्गेश सूर्य होने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी संभावित है। वैचारिक मतभेद होने पर लोग मुखर होंगे। दवा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति होगी। धार्मिक कार्यों में वृद्धि चिह्नित होगी। देश अनेक क्षेत्रों में अग्रणी बनेगा।
राष्ट्रीय विदेश नीति में प्रखरता आएगी। सांस्कृतिक वातावरण में अभूतपूर्व बदलाव होगा। न्यायिक सक्रियता में वृद्धि के योग हैं। नई जिम्मेदारी या नया काम शुरू हो सकता है। आत्मबल बढ़ेगा। बीमारियों में कमी आ सकती है। हालांकि, ज्योतिष ग्रंथों में कहा गया है कि जिस साल के भी राजा सूर्य होते हैं, उस साल लोगों को आंखों से जुड़े रोग होने की आशंका अधिक होती है। इसके अलावा, हृदय रोगियों की संख्या में भी इस साल इजाफा होने का डर बना रहेगा।
– प्रो. विनय पांडेय (एचओडी, ज्योतिष विभाग, बीएचयू)

इस साल अप्रैल में शनि और मई में राहु के गुरु की राशि में परिर्वतन से देश के सैन्य क्षेत्रों में विस्तार होगा और आने वाले समय में यह बहुत शक्तिशाली हो जाएगा। मई में जब गुरु वृष राशि से परिवर्तन होकर मिथुन राशि में होगा तो धार्मिक-आर्थिक और व्यापारिक नजरिये से प्रगति होगी।
शनि व राहु ये दोनों ग्रह बड़े बदलाव और न्याय के कारक हैं, इसलिए देश में अवांछनीय घटनाओं से विदेशी संबंधों पर असर पड़ने की आशंका है, लेकिन इससे ज्यादा अड़चनें पैदा नहीं होंगी। सर्राफा बाजार में तेजी रहेगी। उत्तरपूर्वी तथा दक्षिण में सैन्य संघर्ष और जाति संघर्ष के आसार हैं। पूर्वोत्तर में प्राकृतिक प्रकोप भूकम्प आदि से क्षति हो सकती है, लेकिन यह बड़े स्तर पर नहीं होगी।
बजट में नवीन करारोपण तथा आवास, स्वास्थ्य, चिकित्सा सम्बन्धी नीतियों पर विशेष प्रस्ताव आने की संभावना दिख रही है। चक्रवाती प्रकोप, जल संकट तथा पूर्वदक्षिण भागों में अकाल व महामारी का भय है। मध्यभाग में अधिक बारिश की वजह से कुछ क्षेत्रों में शुष्कता से फसल को क्षति संभव है। समुद्री भागा में तूफान का प्रकोप रह सकता है।
अप्रैल और मई में मंगल-राहु राशि परिर्वतन के कारण पर्यटन स्थल पर अग्निकांड से जनक्षति हो सकती है। करीब 30 वर्षों के बाद शनि और बुध की युति कुंभ राशि में बनने वाली है। यह युति कुछ राशि वालों के लिए बहुत ही शुभ साबित हो सकती है। शेष यह वर्ष भारत के लिए कुछ संघर्षों के साथ विगत वर्ष की अपेक्षा उत्तम रहेगा। इस साल पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में वृद्धि होगी। हालांकि, विदेशी व्यापार में तेज गति से बढ़ोतरी होगी।
– पं. गोपाल पाठक (ज्योतिषाचार्य, काशी)

नए साल में देश उन्नति करेगा। सोना-चांदी सस्ता होगा। सेंसेक्स में उछाल आएगा और पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में शांति का माहौल बनेगा। मई-जून 2025 में मंगल नीच राशि से हट जाएगा। देश में तरक्की का माहौल बनेगा। कर्क राशि से शनि की ढईया समाप्त हो जाएगी। व्यापार मजूबत होगा। अमेरिका एवं यूरोपीय देशों से तालमेल अच्छा रहेगा।
30 मार्च से नवसंवत्सर का आरंभ होगा, जिसका नाम कालयुक्त होगा। इस वर्ष के राजा एवं मंत्री सूर्य होंगे। किसानों को इसका मिश्रित फल प्राप्त होगा। व्यापारियों के लिए लाभदायक स्थिति रहेगी। युद्धरत देशों के मध्य समझौते हो सकते हैं। रोग कष्ट दूर होंगे। गर्मी अधिक पड़ेगी और वर्षा के भी उत्तम योग बनेंगे। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी आ सकती है।
2025 का आरंभ वक्री नीच के मंगल के साथ होगा, जो मिथुन राशि में भी जाएगा। 6 जून के बाद से यह सिंह राशि में प्रवेश करेगा। यानी विक्रम संवत् का आरंभ भी नीच के मंगल के साथ होगा। 29 मार्च 2025 को शनि भी मीन राशि में प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद से यह पूरे वर्ष मीन में रहेगा। राहु एवं केतु भी क्रमश: राशि बदलकर कुंभ एवं सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।
गुरु वृषभ राशि में रहेंगे और 15 मई से मिथुन राशि में और 19 अक्टूबर से कर्क राशि में जाकर उच्च के हो जाएंगे। इसके भी कई सकारात्मक नतीजे सामने आ सकते हैं। इस वर्ष देश-विदेश में चार ग्रहण होंगे। इनमें से दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण होंगे। इनमें से केवल एक चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखाई देगा।
– पं. मनीष शर्मा (ज्योतिषचार्य, उज्जैन)