शंभू- खनौरी बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) में आज सोमवार सुनवाई होगी। बीती सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों को किसानों के साथ बैठकें जारी रखने के आदेश दिए थे। इस दौरान सुनवाई हुई, लेकिन वे विफल रही। वहीं, पंजाब को अन्य समिति सदस्यों
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पंजाब सरकार अगर आज नाम सौंप देती है तो सुप्रीम कोर्ट समिति सदस्यों को फाइनल कर सकती है। ये समिति किसान और केंद्र सरकार के बीच तालमेल का काम करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बीती सुनवाई में स्पष्ट किया था कि दोनों राज्यों के वकील इस अदालत द्वारा गठित की जाने वाली समिति के लिए मुद्दों का प्रस्तावित विषय प्रस्तुत करेंगे। समिति का संदर्भ एक व्यापक अधिदेश होगा ताकि जो मुद्दे बार-बार कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा कर रहे हैं, उन्हें निष्पक्ष और उचित तरीके से सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जा सके।
दूसरी बैठक भी रही विफल
शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को मनाने के लिए 25 अगस्त को रखी बैठक भी विफल रही। पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों का प्रयास दूसरी बार विफल रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पांच दिन में दूसरी बार पुलिस अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक की थी, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं।
किसान इस बात पर अड़े रहे कि वे अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नहीं छोड़ेंगे और इन्हीं से दिल्ली कूच करेंगे। एक घंटे तक चली इस बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। पुलिस लाइन में एडीजीपी (इंटेलिजेंस) जसकरण सिंह और एआइजी संदीप गर्ग के अलावा पटियाला के डीसी व एसएसपी और हरियाणा के अंबाला जिले के एसपी और एसडीएम किसानों से बैठक करने के लिए पहुंचे थे।
फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।
किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
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