किसानों आंदोलन के दौरान कई किलोमीटर तक ट्रैक्टर व ट्रालियां लगाई गई हैं।
शंभू- खनौरी बॉर्डर बंद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में आज गुरुवार पंजाब- हरियाणा सरकारें किसानों के साथ हुई बैठक की रिपोर्ट सौंपने वाली हैं। बीते दिन बुधवार पटियाला में पंजाब- हरियाणा के पुलिस व प्रशासन और किसानों के बीच हुई बैठक विफल रही
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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया था। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के DGP के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के SP को मीटिंग कर इस पर फैसला लेने को कहा था।
पटियाला में एक घंटे चली थी बैठक
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद बुधवार पटियाला में पंजाब पुलिस और किसानों के वरिष्ठ अधिकारियों की अहम बैठक हुई। जिसमें पटियाला के डीसी शौहकत अहमद पर्रे, पंजाब पुलिस के डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला, हरियाणा डीसी अंबाला पार्थ गुप्ता व एसपी अंबाला सुरेंद्र सिंह भौरिया समेत दोनों राज्यों के कई अधिकारी मौजूद थे।
मीटिंग करीब एक घंटे तक चली। किसानों ने मीटिंग में साफ कहा कि उन्होंने रास्ता नहीं रोका हुआ है। यह रास्ता हरियाणा सरकार व पुलिस की तरफ से रोका गया।
फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।
किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
जानें अभी तक क्या हुआ किसान आंदोलन में