Kirori Lal Meena said in the cabinet meeting- AI recruitment should be cancelled | कैबिनेट बैठक में किरोड़ीलाल मीणा ने कहा-एआई भर्ती रद्द हो: पढ़िए आखिर किसके कहने पर कैबिनेट बैठक में शामिल हुए किरोड़ी, सरकारी गाड़ी में बैठकर क्यों उतर गए – Jaipur News


भजनलाल कैबिनेट से इस्तीफा देने के करीब 3 महीने बाद किरोड़ीलाल मीणा अचनाक रविवार को कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। बैठक में शामिल होने के बाद वे सरकारी गाड़ी से सीएमओ से रवाना हुए, लेकिन उसके बाद सरकारी गाड़ी से उतरकर अपनी प्राइवेट कार में क्यों बैठ ग

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कैबिनेट की बैठक में वे बतौर मंत्री शामिल हुए या नहीं, कैबिनेट बैठक में उन्होने कौन-कौन से मुद्दे उठाए। कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के बाद कहा गए किरोड़ी। इन तमाम बातों का जवाब जानने के लिए भास्कर ने किरोड़ीलाल मीणा से की खास बातचीत।

भास्कर: आज आप कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए

किरोड़ीलाल मीणा: मुझे प्रदेश अध्यक्ष जी ने कहा था कि आप कैबिनेट की मीटिंग में जाए, मैं मदन राठौड़ के कहने पर गया था। वैसे मैं पहले जो कैबिनेट की बैठक में हुई थी, उसमें नहीं गया। क्योंकि मैंने इस्तीफा दे रखा है।

लेकिन संगठन के मुखिया का आदेश था और दूसरा कारण यह था कि कैबिनेट की बैठक में आज सब इंस्पेक्टर का पेपर रद्द होने का प्रकरण रखा गया था। इसलिए भी मैं गया था। मैने अपनी बात वहां रखी। मैने कहा कि जो भ्रष्टाचार पिछली सरकार में हुआ है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं एसआई भर्ती का पेपर रद्द होना चाहिए।

भास्कर: क्या माना जाए कि आप मंत्री पद पर लौट आए हैं

किरोड़ीलाल मीणा: नहीं, मैं एक विधायक के तौर पर ही घूम रहा हूं।

भास्कर: आपने सरकारी गाड़ी भी ली, आप उसमें बैठकर गए।

किरोड़ीलाल मीणा: नहीं, मैने सरकारी गाड़ी नहीं ली हैं। मैं सरकारी गाड़ी से गया भी नहीं था। मैं मेरी ही गाड़ी से गया था। सचिवालय के बाहर के दरवाजे पर मेरी गाड़ी रूक गई थी। कैबिनेट बैठक के बाद सरकारी गाड़ी मुझे मेरी प्राइवेट गाड़ी तक छोड़ने आई थी।

भास्कर: आपने कैबिनेट की बैठक में कोई महत्वपूर्ण सुझाव दिया।

किरोड़ीलाल मीणा: पिछली सरकार में जो भ्रष्टाचार हुए, उन पर सख्ती से लगाम लगे। वहीं एसआई भर्ती का पेपर जो लीक हुआ था, जिसके सबूत है कि पेपर आने से पहले ही लीक हो गया था। ऐसे में एसआई भर्ती को रद्द किया जाना चाहिए।

इसके अलावा सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी बैकलॉग को लेकर भी मैने कहा कि इसे भरा जाना चाहिए।

भास्कर: क्या माना जाए कि अब किरोड़ीलाल मीणा मंत्री है या विधायक

किरोड़ीलाल मीणा: मैं विधायक के तौर पर ही काम कर रहा हूं, यहां भी मैं विधायक के तौर पर अपनी गाड़ी में आया हूं। मैं एक विधायक ही हूं।

भास्कर: तो फिर आप कैबिनेट बैठक में बतौर मंत्री शामिल हुए थे या विधायक

किरोड़ीलाल मीणा: कुछ भी समझ लीजिए आप, मैं माननीय प्रदेशाध्यक्ष के कहने पर बैठक में शामिल होने के लिए गया था।

भास्कर: कैबिनेट बैठक के बाद आप हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ में आए, आपने पूर्व मंत्री महेश जोशी को महेश खां बताया

किरोड़ीलाल मीणा: देखिए, अटूट श्रृद्धा मेरी बजरंगबली महाराज में हैं। पूरे सनातनी और हिंदू धर्म में हम भगवान को पूजते हैं। हनुमान चालीसा का पठन था, वो भी इस इलाके में जहां विधर्मियों का आंतक हैं, अपने आप में बड़ा महत्व रखता हैं।

पिछले 5 साल में जो कांवड़ियों की यात्रा यहां से जा रही थी। उस पर हमला किया गया, एक धर्म विशेष के लोगों द्वारा। उसमें हमारे बहुत से लोग घायल हुए। उसका सबसे बड़ा कारण था, उस समय के विधायक और मंत्री महेश जोशी। जिन्होंने इनको खुला छोड़ रखा था हमारे धर्म के लोगों पर हमला करने के लिए। अब वे चुनाव हार गए हैं। स्वाभाविक है हमारे लोग यहां मजबूत हैं। अब यहां से कोई पलायन नहीं कर रहा और ना ही करेगा।

करीब तीन महीने पहले दिया था इस्तीफा किरोड़ीलाल मीणा ने करीब तीन माह पहले भजनलाल कैबिनेट सेइस्तीफा दे दिया था। 4 जुलाई को जयपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उन्होने इस बात की जानकारी मीडिया को दी थी। उन्होने कहा था कि वे दो दिन से दिल्ली में थे।

उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री ने बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। मीणा ने कहा कि उनकी संगठन या मुख्यमंत्री से कोई नाराजगी नहीं है। मैंने इस्तीफा देने का कहा था, इसलिए मुकर नहीं सकता। उन्होने कहा कि मैने 8 और 25 जून को मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेजा था। लेकिन वो स्वीकार नहीं हुआ। फिर उन्हें इस्तीफा मेल कर दिया।

दरअसल, किरोड़ीलाल मीणा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि उन्हें जिन सीटों की जिम्मेदारी मिली है अगर वो हारते हैं तो इस्तीफा दे देंगे। लोकसभा चुनावों के रिजल्ट से पहले रुझानों में बीजपी को 11 सीटें हारते देख ही मीणा ने दोपहर में ही सोशल मीडिया पोस्ट करके इस्तीफे के संकेत दे दिए थे।

उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई- रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए, लिखकर संकेत दिए कि वे अपनी घोषणा से पीछे नहीं हटेंगे।

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